चुनावी नतीजों से BJP अल्पसंख्यक मोर्चा पर बड़े सवाल!

-नहीं बढ़ी संगठन की पकड़ तो किस आधार पर कारी हारून को दोबारा बनाया अध्यक्ष
-10 महीने बाद भी प्रदेश के बीजेपी अल्प संख्यक मोर्चा का नहीं हो सका गठन

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली में नगर निगम की 5 सीटों पर हुए उपचुनाव ने प्रदेश बीजेपी के संगठन की पोल खोलकर रख दी है। प्रदेश नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। साथ ही बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं पर भी बड़े सवाल उठ खड़े हुए हैं। चौहान बांगर सीट पर बीजेपी की बुरी तरह से हुई फजीहत ने अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि जब मुस्लिम बहुल सीटों पर बीजेपी का वोट शेयर और लोकप्रियता लगातार घट रही है तो फिर अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता क्या कर रहे हैं?

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बता दें कि दिल्ली बीजेपी की पूरी की पूरी नई टीम को ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। कारण है कि उपचुनाव में पार्टी का जिस तरह का प्रदर्शन रहा है, उससे 2022 में होने वाले नगर निगम के आम चुनाव की तस्वीर दिखाई देने लगी है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि बीजेपी उपचुनाव में न तो वोट शेयर बढ़ा सकी और नाही एक भी सीट जीत सकी। उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनाव या उपचुनाव में बीजेपी का यह अब तक का सबसे ज्यादा शर्मनाक प्रदर्शन रहा है।

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जून 2020 में प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पहले से अल्पसंख्यक मोर्चा का अध्यक्ष चले आ रहे कारी हरून को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अल्पसंख्यक मोर्चा की कमान सोंपी थी। लेकिन उपचुनाव में पूर्वी दिल्ली नगर निगम की चौहान बांगर सीट के नतीजों ने मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा बीजेपी के साथ अल्पसंख्यकों को जोड़ने के लिए किये जा रहे ‘अथक प्रयासों’ का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया है। पार्टी के अंदर ही आरोप लगाये जा रहे हैं कि बैठकों के नाम पर चंदा इकट्ठा करने के अलावा अल्पसंख्य मोर्चा के नेता कुछ नहीं कर रहे हैं।

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बता दें कि जिन सीटों पर उपचुनाव हुआ है, उनमें से पूर्वी दिल्ली की चौहान बांगर सीट एकमात्र ऐसी सीट थी जो कि मुस्लिम बाहुल्य मतदाताओं वाली है। इस सीट पर अल्पसंख्य मोर्चा के नेताओं की जिम्मेदारी ज्यादा बनती थी, लेकिन प्रदेश बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं से लेकर पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं की जमात अपने उम्मीदवार को 2017 के बराबर भी वोट नहीं दिला सकी। बीजेपी को इस सीट पर हुए उपचुनाव में केवल 105 वोट मिले हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीजेपी का अल्पसंख्य मोर्चा दिल्ली में कितना प्रभावशाली साबित हो रहा है।

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बता दें कि दिल्ली नगर निगम के तीन हिस्सों में बंटने से पहले चौहान बांगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार साजिद को 1278 वोट हासिल हुए थे और वह 5 वें स्थान पर रहे थे। इसके पश्चात 2012 में नगर निगम 3 हिस्सों में बंट गया और चौहान बांगर सीट पूर्वी दिल्ली नगर निगम के हिस्से में आ गई थी। 2012 में इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार शाहीन को 179 वोट हासिल हुए थे और वह 7 वें स्थान पर रही थीं। इसके पश्चात 2017 में बीजेपी उम्मीदवार सरताज को 289 वोट मिले थे और वह 5 वें स्थान पर रहे थे। लेकिन 2021 में हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार मो. नजीर को केवल 105 वोट ही हासिल हो पाये हैं।

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अकेली चौहान बांगर सीट की वजह से उपचुनाव में बीजेपी के वोट शेयर पर भी भारी विपरीत असर पड़ा है। दिल्ली में नगर निगम के 5 वार्डों के लिए हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा 46.10 फीसदी वोट मिले हैं। बीजेपी दूसरे स्थान पर रही है और उसे 27.29 प्रतिशत वोट ही प्राप्त हुए हैं। कांग्रेस वोट शेयर के मामले में तीसरे स्थान पर रही है और चौहान बांगर सीट की वजह से उसे कुल 21.84 फीसदी वोट हासिल हुए हैं। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) इस बार 2.50 फीसदी पर सिमट कर रह गई है और निर्दलीयों को महज 1.64 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं।
वर्ष 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में चौहान बांगर नगर निगम सीट के नतीजों पर एक नजरः-
अब्दुल रहमान, आम आदमी पार्टी- 8830
मो. जावेद बर्की, कांग्रेस- 6488
शागिल बेग, एआईएमआईएम- 2655
अशफाक, बहुजन समाज पार्टी- 293
सरताज अहमद, भारतीय जनता पार्टी- 289
नोटः 2017 के नगर निगम चुनाव में चौहान बांगर सीट सामान्य श्रेणी में आ गई थी।
वर्ष 2012 में हुए नगर निगम चुनाव में चौहान बांगर नगर निगम सीट के नतीजों पर एक नजरः-
आसमा बेगम, निर्दलीय- 9511
अस्मा बेगम, बीएसपी- 4189
रजिया सुल्तान, कांग्रेस- 3564
शबनम मिर्जा, समाजवादी पार्टी- 2249
नासरीन, जनता दल (सेक्यूलर)- 1529
खुर्शीद जहां, निर्दलीय- 413
शाहीन, भारतीय जनता पार्टी- 179
नोटः 2012 के नगर निगम चुनाव में चौहान बांगर सीट महिलाओं के लिए आरक्षित थी।
वर्ष 2007 में हुए नगर निगम चुनाव में चौहान बांगर नगर निगम सीट के नतीजों पर एक नजरः-
रजिया सुल्ताना, कांग्रेस- 3584
मसूद अली खान, निर्दलीय- 2869
अब्दुल रहमान, निर्दलीय- 2604
सीमा खातून, जनता दल (से)- 1833
साजिद खान, भारतीय जनता पार्टी- 1278
नोटः 2007 के नगर निगम चुनाव में चौहान बांगर सीट सामान्य श्रेणी में ही थी।