-डीजेबी ने मांगे 74 करोड़, अधिकारियों ने जमा कराने से खड़े किये हाथ
-सील किये गए अवैध बोरवेल, लोगों को सैर के समय फांकनी होगी धूल!
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली के नगर निगमों की हालत लगातार बद से बदतर होती जा रही है। आने वाले दिनों में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पार्कों से हरियाली नदारद होने वाली है। सुबह-सवेरे पार्कों में सैर के लिए जाने वाले लोगों को पार्कों में उड़ने वाली धूल फांकनी होगी। कारण है कि समय रहते निगम अधिकारी पार्कों में सिंचाई के लिए पानी का इंतजाम नहीं कर पाए हैं। एक ओर पार्कों में पहले से किये गए अनधिकृत बोरवेल सील कर दिये गए हैं और दूसरी ओर नगर निगम इन पार्कों के लिए दिल्ली जल बोर्ड से पानी के कनेक्शन नहीं ले पाया है।
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बता दें कि करीब 657 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में छोटे-बड़े करीब 6400 पार्क आते हैं। इनमें से ज्यादातर पार्कों में पानी के अधिकृत कनेक्शन नहीं हैं। निगम के ज्यादातर पार्कों में पानी के अवैध बोरवेल या पानी के कनेक्शन थे। अवैध बोरवेल को एनजीटी के आदेशों के चलते बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से इन पार्कों में गर्मी के मौसम में सिंचाई की मुश्किल खड़ी हो गई है। बताया जा रहा है कि मार्च महीने की शुरूआत तक सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। जिसकी वजह से आने वाले दिनों में इन पार्कों में धूड उड़ती नजर आएगी।
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नगर निगम के एक आला अधिकारी के मुताबिक दिल्ली जल बोर्ड ने पानी के कनेक्शनों के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से करीब 74 करोड़ रूपये की मांग की थी। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते नगर निगम यह राशि जमा कराने में असमर्थ है। इसके चलते दक्षिणी दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली के ज्यादातर पार्को की हरियाली खतरे में पड़ गई है। यदि समय रहते नगर निगम की ओर से 74 करोड़ रूपये जमा करा दिये जाते हैं, तभी निगम के पार्कों को जलबोर्ड के एसटीपी पलांटों से सीधे पानी मिल सकेगा।
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बता दें कि दिल्ली जल बोर्ड ने एक निजी कंपनी को वेबकॉस को दिल्ली के विभिन्न इलाकों के पार्कों व इसी तरह के दूसर आवश्यकताओ के लिए पानी उपलब्ध कराने की योजना पर काम करने की जिम्मेदारी सोंपी थी। इस कंपनी ने जल बोर्ड को करीब 700 करोड़ रूपये की परियोजना बनाकर सोंपी है। इस राशि में से करीब 74 करोड़ रूपये दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के हिस्से में आये हैं। जब तक यह राशि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम नहीं चुका देता है, जब तक जलबोर्ड की ओर से निगम के पार्कों को पानी उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
कोर्ट में गुहार लगाने पर विचार
नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी इस मामले में कोर्ट में गुहार लगाने पर विचार कर रही है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में सत्ताधारी बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम इस मामले में कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं। जिस तरह से एनजीटी के आदेश पर बोरवेल बंद किये गए हैं और दिल्ली में गर्मी भी तेजी से बढ़ रही है। यदि समय रहते पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो पार्कों से हरियाली खत्म हो जाएगी। ऐसे में फौरी राहत देने के लिए कोर्ट जाने पर विचार किया जा रहा है, क्यों कि नगर निगम पहले ही आर्थिक तंगी झेल रहा है, इसलिए इतनी बड़ी राशि का भुगतान तुरंत जल बोर्ड को नहीं किया जा सकता।
नाकाम साबित हो रही सत्ताधारी पार्टीः कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कालकाजी से पूर्व निगम पार्षद खविंद्र सिंह कैप्टन ने कहा कि तीनों नगर निगमों की सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने पानी के लिए नगर निगम से करोड़ों रूपयों की मांग कर दी है। जबकि पार्कों का उपयोग सामान्य लोग करते हैं, पार्कों का उपयोग किसी भी तरह से व्यावसायिक रूप से नहीं किया जाता। फिर पार्कों को पानी देने के लिए इतनी बड़ी रकम की मांग क्यों की जा रही है? दोनों दलों को आपस में बैठकर इस मामले को सुलझाना चाहिए। ताकि दक्षिणी दिल्ली के लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
लोगों को सुविधा देना सत्ताधारी दल का कामः आप
आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता प्रेम चौहान ने कहा कि केवल पार्कों की ही नही पूरे नगर निगम की हालत खराब है। लोगों को सुविधा देना सत्ताधारी दल का काम है। लेकिन निगम में सत्ताधारी दल बीजेपी के नेता भ्रष्टाचार में डूबे हैं। सत्ताधारी दल को समय रहते पार्कों में सिंचाई की व्यवस्था की जानी चाहिए। यदि इसके लिए जल बोर्ड ने कोई गैरकानूनी मांग की है बीजेपी को तुरंत कोर्ट में जाना चाहिए। यदि यह मांग सही है तो तुरंत पैसा जमा करवाकर पानी के कनेक्शन लेकर पार्कों की सिंचाई शुरू करानी चाहिए।