-सोमवार 22 फरवरी को विधानसभा में हो रहा फ्लोर टेस्ट
-कांग्रेस और डीएमके के एक-एक विधायक का इस्तीफा
-कार्यवाहक सरकार की ओर तेजी से बढ़ा पुड्डुचेरी
एसएस बयूरो/ नई दिल्ली
कांग्रेस के हाथों से पुड्डुचेरी निकलता नजर आ रहाहै। राज्य में कांग्रेस की गठबंधन सरकार के लिए सोमवार 22 फरवरी का दिन बेहद अहम है। सोमवार को सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है। जबकि सत्ता पक्ष के कई विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ग्रठबंधन राज्य में अल्पमत में आ गया है। पिछले कुछ हफ्तों में राज्य सरकार को काफी झटके मिले हैं। रविवार को कांग्रेस और डीएमके के एक-एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से राज्य सरकार बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से बहुत नीचे आकर 11 पर पहुंच गई है।
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पुड्डुचेरी विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 33 है। कांग्रेस विधायक के. लक्ष्मीनारायणन और डीएमके विधायक वेंकटेशन ने रविवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। कांग्रेस और डीएमके विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में कांग्रेस-डीएमके के पास 11 सदस्य रह गए हैं। जबकि विपक्ष के पास 14 विधायक हैं। वहीं सात सीटें खाली हैं। इससे पहले पूर्व मंत्री ए. नमःसिवायम समेत चार कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।
बता दें कि पिछले साल एक विधायक को पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से निकाल दिया गया था। विधानसभा में 30 सीटें निर्वाचित हैं और तीन पर भाजपा के नामित सदस्य हैं। वर्तमान में कांग्रेस के नौ विधायक हैं। इसमें विधानसभा अध्यक्ष एसपी शिवकोलुंदी भी शामिल हैं। हालांकि उन्हें तब तक मतदान करने की अनुमति नहीं है जब तक कि टाई न हो। कांग्रेस के पास डीएमके के दो विधायकों और माहे से चुने गए एक निर्दलीय विधायक का समर्थन प्राप्त है।
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विपक्ष के पास पूर्व मुख्यमंत्री एन रंगासामी के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस के सात विधायक हैं और चार एआईएडीएमके विधायकों का साथ है। वहीं भाजपा के 3 नामित सदस्य भी हैं जिनके पास मतदान करने की अनुमति होगी। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाईं सुंदरराजन को पिछले सप्ताह पुड्छुचेरी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। उन्होंने नारायणसामी के नेतृत्व वाली सरकार को सदन में 22 फरवरी को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था।
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इसी दौरान कांग्रेस व डीएमके के दो और विधायकों ने रविवार को ऐसे समय पर इस्तीफा दिया है जब सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री नारायणसामी से मुलाकात कर भविष्य को लेकर चर्चा की। वर्तमान विधायक सोमवार को एक घंटे तक बैठक करेंगे। पुड्डुचेरी के एक कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें विश्वास मत में शामिल होने या उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने पर फैसला लेना है। उपराज्यपाल ने सत्तारूढ़ गठबंधन को शाम पांच बजे तक बहुमत साबित करने के लिए कहा गया है।
यदि विश्वास मत के दौरान सभी सत्तारूढ़ विधायक मौजूद रहते भी हैं तो सरकार 11 वोटों के कारण बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाएगी। इस पर कांग्रेस नेता का कहना है कि दो महीने से भी कम समय में चुनाव होने हैं इसलिए हम उस दिशा में काम करेंगे। वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि हम सरकार बनाने का दावा नहीं करेंगे। एक सप्ताह बाद राज्य में चुनाव की तारीख का एलान होना है तो लगभग 60 दिनों के लिए सरकार चलाने का क्या फायदा है?