-भवनों की ढांचागत जांच करायेगी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी
एसएस ब्यूरो/नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद दिल्ली सरकार द्वारा घोषित नीति के अनुसार पूर्वी नगर निगम द्वारा भेजे गये नोटिसों पर आईपैक्स सोसायटीज महासंघ ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएहैं। निगम के नोटिसों में गु्रप हाउसिंग सोसायटीयों को अपने भवनों की ढांचागत जांच करवाने के लिये कहा गया है। संगठन ने कहा है कि यह विषय विवादित है क्योंकि नगर निगम के भवन विभाग ने सरकारी नियमों के अनुसार अपनी जिम्मेवारी नही निभाई है।
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ईस्ट दिल्ली इन्द्रप्रस्थ विस्तार क्षेत्र में स्थापित 119 ग्रुप हाउसिंग सोसाईटीज की फेंडरेल बोडी ‘आईपैक्स सोसायटीज महासंघ‘ ने अपनी सदस्य सोसायटीयों के लिए तकनीक, आर्थिक व अन्य आवश्यकताओं पर एक सेमीनार आईपैक्स भवन के सम्मेलन कक्ष में आयोजित की। सेमीनार को अनुभवी, ढांचागत जांच के विषेशज्ञ अनिल कुमार बंसल तथा शिल्प-टैक के अनुभवी आयुष बंसल व सुश्री महिमा खन्डेलवाल ने सभी पहलुओं पर गम्भीरता से जानकारी दी। सोसायटीयों के 98 प्रतिनिधियों ने 2 घन्टे चली बैठक में भाग लिया प्रश्नों के उत्तर अनिल बंसल ने दिये।
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सेमीनार की अध्यक्षता प्रधान प्रमोद अग्रवाल ने की। बैठक का संचालन निर्वतमान अध्यक्ष सुरेश बिन्दल ने किया। महासंघ के महामंत्री मदन खत्री ने उच्च न्यायालय में विचाराधीन रिट, दिये गये निर्णय, दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई पॉलिसी, नगर निगम द्वारा भेजे गये नोटिसों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने राजधानी दिल्ली के विभिन्न औद्योगिक इलाकों में भवनों की सभी मंजिलों पर फैक्ट्री के लाइसेंस जारी करने की अनुमति का आदेश जारी कर दिया है। pic.twitter.com/2Jo9rGiIWj
— A2Z-NEWS (@A2ZNEWS6) February 16, 2021
इस अवसर पर एडवोकेट चन्द्र शेखर गुप्ता (अरूण अपार्टमेन्ट), मदन मलिक (करिशमा अपार्टमेन्ट), राजीव गुगलानी (अग्रसेन आवास), पी.पी.जैन (ब्रदर्स), योगेन्द्र बंसल (जय लक्ष्मी) आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस अवसर पर विभिन्न गु्रप हाउसिंग के नवनिर्वाचित अध्यक्षों को भी सम्मानित किया गया। जिसमें अर्चना त्यागी (संचार लोक), स्वाति गुप्ता (कामायनी कुंज), अनिल माथुर (श्रीगनेश), विश्वनाथ नाटक (कल्लोल), मेजर (सेवा निवृत) एन.एन.गुप्ता (सरस्वती कुंज) आदि थे।
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कार्यक्रम के समापन पर सभी के धन्यवाद के साथ बैठक रात्रि भोज के साथ समाप्त हुई। सेमीनार में सभी सोसायटीयों को सलाह दी गई कि यह नियम हमारे लिये हमारी, नई पीढियों के लिये आवश्यक है तथा वर्तमान में इतनी तकनीक उपलब्ध हो गई है कि भवन की आयु आगामी 30 वर्षो तक बढाई जा सकती है।