-पुलिस व अर्धसैनिक बलों से डीटीसी की बसें वापस लेकर किया अराजकता का समर्थन
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर अराजकता का समर्थक और देश की अस्मिता को तार-तार करने का आरोपल लगाया है। उन्होंने गुरूवार को अपने लोधी इस्टेट स्थित सरकारी आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर देश को शर्मसार कर देने वाली घटना के विषय में कहा कि दिल्ली में जिस प्रकार से दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अर्धसैनिक बलों और पुलिस से डीटीसी की बसों को वापस ले लिया गया है।
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रमेश बिधूड़ी ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि वो दिल्ली में अराजकता करवाना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि पुनः एक बार और लाल किला व तिरंगा अपमानित व शर्मसार हो, क्योंकि 6 तारीख को चक्का जाम की कॉल जो किसान संघ की है, उसमें अर्धसैनिक बल और पुलिस को जहॉं आपात स्थिति में फोर्स की आवश्यकता होती है वहॉं फोर्स बसों के माध्यम से भेजी जाती है।
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रमेश बिधूड़ी ने आगे कहा कि मैं धन्यवाद दुंगा उन लोगों का जिन्होंने नेशनल टेरिटरिज को बनाया था, उन्हें पहले से आभास रहा होगा कि केजरीवाल जैसा कोई विशेष प्राणी दिल्ली में पैदा होगा जो मुख्यमंत्री बनने के बाद वो भारत की अस्मिता को तार-तार करवा देगा। दिल्ली में सभी देशों की एम्बेसी है, सभी देशों के राजदूत रहते हैं और देश की प्राचीर लाल किले पर जो पिछले दिनों हुआ उसे देखकर लगता है कि वह अंदर से बहुत प्रसन्न हुए होंगे कि जिस प्रकार से एक विशेष धर्म का झण्डा वहॉं पर फहराकर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए थे।
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इसलिए केन्द्र सरकार को त्वरित संसद में बिल लाकर केजरीवाल की पावर सीज करनी चाहिए और बगैर माननीय उपराज्यपाल के इस प्रकार के अधिकार उन्हें ना दिए जाएं ऐसा कानून केन्द्र सरकार को लाना चाहिए, जिससे कि केजरीवाल भविष्य में देश को शर्मशार करने वाले ऐसे निर्णय ना ले सकें। अभी दिल्ली पुलिस, अर्धसैनिक बलों को आने-जाने में एक जगह से दूसरी जगह फोर्स को पहॅुचाने में दिक्कत होगी तो बॉर्डर पर दंगाई लोग इक्कठा हो कर दिल्ली में आएंगे और दिल्ली वासियों के लिए जान का खतरा बनेगे।
बीजेपी सांसद ने केंद्र सरकार से मांग की हकि ऐसे मुख्यमंत्री के साथ जैसे एन.सी.टी. कानून बनाया गया था, उसी प्रकार विशेष पावर सूचना देकर उसको 7 से 12 दिन में उनकी केवल जानकारी में डाला जाए और उनसे अधिकार छीने जाएं। केन्द्र में यह कानून आएगा तो देश सुरक्षित बचेगा वरना यह तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है, जिसका केजरीवाल भी एक मोहरा हैं। क्योंकि सबसे पहले 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान धरने पर बैठने वाले महानुभाव ये ही केजरीवाल थे जो मुख्यमंत्री रहते धरने पर बैठे थे।
रमेश बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की सलाह पर ही किसान सघों ने निर्णय लिया होगा कि 26 जनवरी को हम दिल्ली कूच करेंगे, भारत को शर्मशार करने के लिए। बिधूड़ी ने कहा कि देश को शर्मशार होने से बचाने के लिए इस प्रकार के मुख्यमंत्री से अधिकार छीन कर माननीय उपराज्यपाल को दिए जाने चाहिये। बिधूड़ी ने ये भी कहा कि देश में अराजकता के लिए जगह नहीं है, देश संविधान व कानून से चलेगा, केजरीवाल कानून को तार-तार करने का काम करेंगे, यदि वह पहल करेंगे तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे। बिधूड़ी ने केन्द्र सरकार से केजरीवाल को जो सुरक्षा मुहैया कराई गई है उसे वापस लेने की मॉंग की।