दिल्ली से शुरू हुई किसान नेताओं की घर वापसी… बागपत में पुलिस ने उखाड़े किसानों के टेंट

-किसान संगठनों के बीच आई दरार, धरना पर बैठे किसानों की संख्या घटी

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
गणतंत्र दिवस पर किसान आंदोलन के नाम पर उत्पातियों द्वारा देश को शर्मशार करने के बाद दिल्ली से किसान नेताओं ने घर वापसी शुरू कर दी है। किसान संगठनों के बीच भारी दरार आ गई है। ऐसे में किसान आंदोलन के भविष्य के लिए अगले दो-तीन दिन बेहद अहम हैं। क्योंकि दिल्ली की घटना के बाद पहली बार दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डटे आंदोलनकारियों की संख्या में कमी आई है। अगर अगले एक-दो दिनों में आंदोलनकारियों की संख्या और घटी तो किसान संगठनों के लिए सरकार पर दबाव बनाना बेहद मुश्किल होगा।

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दूसरी ओर एनसीआर के बाहर कई स्थानों से पुलिस बल द्वारा किसानों के धरने को खत्म करने की सूचनाएं आ रही हैं। बुधवार को बागपत में दिल्ली-सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीते 40 दिनों से धरने पर बैठे किसानों को स्थानीय पुलिस ने हटा दिया। बताया जा रहा है कि पुलिस बल ने उनके टेंट भी उखाड़ कर फेंक दिये। पुलिस ने लाठियां भी फटकारी। इसके बाद मौके पर तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।

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गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनकारियों की संख्या कम होने और नेताओं के बीच मतभेद सामने आने के कारण ही सरकार की ओर से गणतंत्र दिवस हिंसा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही। सरकार चाहती है कि आंदोलन अंतर्विरोधों के कारण खुद ही कमजोर हो जाएं। हिंसा के बाद गणतंत्र दिवस के बाद भाजपा और सरकार में अगल-अलग कई दौर की बैठक हुई। पहले मंगलवार को देर रात भाजपा अध्यक्ष की संगठन महासचिव बीएल संतोष और पार्टी महासचिवों के साथ मैराथन बैठक हुई।

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इसी दिन गृह मंत्री अमित शाह ने गृह सचिव, आईबी प्रमुख सहित आला अधिकारियों के साथ बैठक की। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में भी किसान आंदोलन पर चर्चा हुई। जबकि सूत्रों के मुताबिक किसान आंदोलन के संदर्भ में बुधवार को गृह मंत्री और कृषि मंत्री के बीच भी बातचीत हुई। गणतंत्र दिवस की घटना के बाद किसानों के एक फरवरी के संसद मार्च पर भी अनिश्चय के बादल छा गए हैं।
भीड़ थामने में जुटे पंजाब के किसान संगठन
इस बीच पंजाब के किसान संगठन सीमा पर किसानों की संख्या पहले की तरह ही बरकरार रखने के लिए नए सिरे से सक्रिय हो गए हैं। इन संगठनों की योजना पंजाब से नए सिरे से भीड़ जुटाने की है। सूत्रों का कहना है कि इस आशय की सूचना मिलने के बाद केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार को आगाह कर दिया है।
बागपत-बड़ौत में उखाड़े टेंट
दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर एक साइड पर बैठे सैकड़ों किसानों को बुधवार को पुलिस ने खदेड़ते हुए टैंट तक उखाड़ फेंक दिए। बड़ौत में कृषि कानूनों के विरोध में करीब 40 दिन पूर्व खाप चौधरी सुरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में धरने की शुरुआत हुई थी। बाद में सुरेन्द्र सिंह धरने से अलग-थलग हो गए थे। सुरेन्द्र सिंह के हटने के बाद दूसरे खापों के चौधरियों ने बेमियादी धरने का नेतृत्व संभाला। धीरे-धीरे कई किसान संगठनों के साथ खाप चौधरी सुरेन्द्र सिंह दुबारा से धरनास्थल पर लौट आए थे।
बुधवार को पूरे दिन एडीएम अमित कुमार सिंह एवं एएसपी मनीष मिश्र ने धरनारत किसानों के साथ धरना समाप्त करने के लिए वार्ता की, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अडिग रहे। पुलिस प्रशासनिक अफसर रात 11 बजे भारी पुलिस फोर्स के साथ धरनास्थल पर पहुंचे और किसानों को खदेड़ते हुए धरना खत्म करा दिया। मौके पर एसपी अभिषेक सिंह, एसडीएम दुर्गेश मिश्र, सीओ आलोक सिंह आदि मौजूद थे। मामले में एसपी अभिषेक सिंह कुछ भी बोलने से बच रहे थे।