‘‘बटवारा और विस्थापन’’ का विमोचन… पुस्तक के जरिये इस्लामिक आतंकवाद पर प्रहार

-देश के बटवारे के बाद सबसे बड़ी त्रासदी रहा कश्मीर से पंडितों का विस्थापन
-पुस्तक में एक परिवार के जरिये बयान किया गया विस्थापन का दर्द

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
1947 में भारत-पाक के बंटवारे के बाद 1990 में कश्मीर से हिंदुओं और खास तौर पर कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के दर्द को बयान करने वाली पुस्तक ‘‘बटवारा और विस्थापन’’ का विमोचन किया गया। पुस्तक को प्रसिद्ध व्यापारी नेता और समाज सेवी विजय गुप्ता ने लिखा है। शनिवार को नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित विमोचन समारोह में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता, उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्य नारायण जटिया, राम नगर (उत्तराखंड) के प्रसिद्ध हनुमान धाम के आचार्य विजय जी, दिल्ली के पूर्व मंत्री नंद किशोर गर्ग, कश्मीरी मामलों के विशेषज्ञ सुशील पंडित और आरएसएस के दयानंद मौजूद रहे।

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पुस्तक बताती है कि 1947 में देश का विभाजन बहुत बड़ी त्रासदी थी, लेकिन इससे भी बड़ी त्रासदी 1990 में कश्मीर से हिंदुओं और खास तौर पर कश्मीरी पंडितों का विस्थापन था। इस विस्थापन ने लोगों को बड़े दर्द दिए हैं। इन दोनों ही मामलों ने लाखों लोगों के जीवन को चौरतरफ़ा प्रभावित किया है। दिल में कभी न मिटने वाले जख्म दिए हैं। इन घटनाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक असर भी हुए हैं। सबक यह है कि इस तरह की घटनाएं दोहराई नहीं जानी चाहिए।

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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि कोई भी बंटवारा या विस्थापन तकलीफ देता है। 1947 और 1990 की घटनाएं झकझोरती हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया ने कहा कि लेखक विजय गुप्ता ने दोनों घटनाओं को चरित्रों के जरिए बखूबी पिरोया है और इससे आने वाली पीढ़ी भी सीख ले सकेगी। दिल्ली के पूर्व मंत्री और अनेक शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े नन्द किशोर गर्ग ने कहा कि व्यापारिक और सामाजिक क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले विजय गुप्ता को पुस्तक के लिए बधाई औऱ लेखकीय रूप की शुभकामनाएं।

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उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि यह पुस्तक प्रेरणा देती है कि हमें सचेत रहना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पनरावृत्ति नहीं हो। पीएम मोदी के नेतृत्व में जिस तरह कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया और वहां पर सुचारू व्यवस्था को कायम किया गया, उसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। अब जरूरत है कि समाज जागरूक रहे और अमन-चैन के इस माहौल को आगे बढ़ाया जाये।

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हनुमान धाम के आचार्य विजय जी ने कहा कि इस पुस्तक में समकालीन घटनाओं का सजीव चित्रण किया गया है। बटवारे के समय करोड़ों लोग विस्थापन का दंश झेल चुके थे। उन्होंने कहा कि 1989 में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष की कश्मीर में हत्या की गई थी। उसके बाद अपनी खुद की सरकार होते हुए भी लोगों को 1989 से 1990 के बीच ऐसे नारे सुनने और झेलने पड़े जो सीधे तौर पर मन-मस्तिष्क को पीड़ा देते हैं। आचार्य विजय जी ने लोगों को कश्मीर की 1989-90 की तत्कालीन और वर्तमान स्थितियों के साथ जोड़ते हुए कहा कि एक बार फिर से उसी तरह के नारे अब सुनने और देखने को मिल रहे हैं।
धर्म परिवर्तन को मजबूर कर रही मोदी सरकारः सुशील पंडित
कश्मीर मामलों के विशेष जानकार सुशील पंडित ने ‘बटवारा और विस्थापन’ के विमोचन के मौके पर कहा कि देश के बटवारे और उस समय लोगों के साथ हुए अत्याचार को अंग्रेजों के मत्थे मढ़ दिया गया। क्योंकि उस समय अपनी सरकार नहीं थी। लेकिन अब अपनी खुद की चुनी हुई सरकार ही हिंदुओं को अपना धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र में सरकार बदलने के बाद लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने वाले विदेशी संगठनों पर बंदिश लगाई गई है। लेकिन अब वही काम हमारी खुद की सरकार कर रही है।
सुशील पंडित ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों को हमारी चुनी हुई (मोदी) सरकार विशेष सुविधाएं मुहैया करा रही है। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण के साथ विभिन्न नामों से आर्थिक सहायता मुहैया करायी जा रही है। सरकारी सुविधाओं और नौकरियों की तैयारियों के लिए विशेष तौर पर मुफ्त सुविधाएं उपलब्ध बराई जा रही हैं। यही काम इस्लामिक आतंवादी करते हैं और यही काम विदेशी संस्थाएं करती रही हैं। अब हमारी सरकार भी हिंदुओं को मजबूर कर रही है कि यदि उन्हें आगे बढ़ना है तो उन्हें धर्म परिवर्तन (इस्लाम धर्म कबूल) कर लेना चाहिए।
सुशील पंडित ने कहा कि 1947 का विभाजन ब्रिटिश सरकार के समय हुआ। उस समय अपनी पुलिस नहीं थी, अपनी सेना नहीं थी, अपनी व्यव्था नहीं थी। लेकिन अपनी ही सरकार, अपनी सेना, अपनी पुलिस, अपनी व्यवस्था और मानवाधिकार आयोग के रहते हुए कश्मीर में 1990 के नरसंहार और विस्थापन के विरुद्ध कुछ नहीं किया गया। तब के उजड़े हजारों लोग आज भी विस्थापित हैं।

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ज्यादातर वक्ताओं ने 1947 और 1990 की घटनाओं को इस्लामिक आतंकवाद करार दिया। विभिन्न व्यापारिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े सुरेश बिंदल ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस मौके पर लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय मंत्री धर्मवीर शर्मा, सेनानी संघ के दिल्ली अध्यक्ष राजन धींगरा, चांदनी चौक बीजेपी जिला अध्यक्ष विकेश सेठी सहित भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विभिन्न सामाजिक, धार्मिक एवं व्यापारिक संगठनों से जुड़े लोग मौजूद रहे।