-अशोक गहलात व आनंद शर्मा के बीच हुई खींचतान
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
कांग्रेसी नेताओं के बीच चल रहा अंदरूनी टकराव लगातार जारी है। शुक्रवार को उस समय एक बार फिर यह सामने आ गया जब कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखने वाले ऐसे कई नेताओं पर निशाना साधा। जी-23 के यह नेता पिछले कुछ महीनों से संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि गहलोत की टिप्पणी पर पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रतिवाद करते हुए इसे अपमानजनक बताया।
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पार्टी नेताओं के बीच शुरू हुई इस खींचतान से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खीझ गए। उन्होंने कहा कि वह सबकी भावनाओं का सम्मान करते हैं और चुनाव कराकर इस मुद्दे को यहीं खत्म किया जाना चाहिए। सूत्रों बताते हैं कि गहलोत ने बैठक में कहा कि “हम सभी लोग इतने वर्षों में चुनाव से यहां तक नहीं आए हैं बल्कि चयन की प्रक्रिया से होकर आए हैं।“
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सूत्रों का यह भी कहना है कि गहलोत ने किसी नेता का नाम लिए बगैर यह भी कहा कि वर्षों तक बिना चुनाव के सीडब्ल्यूसी में रहने वाले लोग चुनाव की मांग कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि आपसी लड़ाई छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा से लड़ने की जरूरत है और चुनाव का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ देना चाहिए।
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कांग्रेसी सूत्रों का यह भी कहना है कि वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर, हरीश रावत और कुछ अन्य नेताओं ने गहलोत की बात का समर्थन किया। हालांकि आनंद शर्मा ने उनके कथन का प्रतिवाद करते हुए कहा कि यह उनके लिए ‘अपमानजनक’ है। इस पर अंबिका सोनी ने कहा कि गहलोत किसी नेता की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि भावनात्मक मुद्दा उठा रहे हैं।
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सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत और कुछ अन्य नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी की। वहीं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने संगठन के चुनाव की मांग फिर दोहराई। हालांकि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा सीडब्लूसी की बैठक में कांग्रेसी नेताओं के बीच किसी भी तरह की बहस या उत्तेजना की बात को सिरे से नकार दिया।
अशोक गहलोत और आनंद शर्मा के बीच तीखी बहस
एक अन्य सूत्र के मुताबिक सीडब्लूसी की बैठक में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और आनंद शर्मा के बीच तीखी बहस हुई। बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत ने आनंद शर्मा पर भड़कते हुए कहा कि आप हर 6 महीने में अध्यक्ष का चुनाव मांगते हैं, क्या आपको पार्टी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। इस पर पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी को बीच-बचाव करना पड़ा। उन्होंने दोनों को टोकते हुए कहा कि वे ज्यादा भावुक न हों।
बता दें कि पिछले साल अगस्त में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा समेत 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस का सक्रिय नेतृत्व होना चाहिए और संगठन में व्यापक बदलाव होना चाहिए। इस पत्र को कांग्रेस में कई नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व विशेषकर गांधी परिवार को चुनौती के रूप में लिया। बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद एक बार फिर आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग उठाई थी।