केजरीवाल सरकार पर 26 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप

-41 हजार करोड़ के लोन में से 26 हजार करोड़ का नहीं कोई हिसाबः बीजेपी
-मुख्यमंत्री केजरीवाल ने निजी हितों पर खर्च किये करोड़ों रूपयेः बीजेपी

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर 26 हजार करोड़ रूपये के घोटाले का आरोप लगाया है। बीजेपी नेताओं ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपने दो करीबी नेताओं के साथ मिलकर दिल्ली की जनता का 26,000 करोड़ रुपये डकार लिये है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, मीडिया रिलेशन विभाग के प्रभारी हरीश खुराना और मीडिया रिलेशन विभाग के प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें- निगम उपचुनाव तय करेगा बीजेपी का भविष्य!

आदेश गुप्ता और रामबीर सिंह बिधूड़ी ने कहा दिल्ली जल बोर्ड पिछले 6 सालों में अरविन्द केजरीवाल की करतूतों के कारण ‘दलाली जल बोर्ड’ बन गया है। मात्र पांच वर्षों में अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड को 41,000 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जिसमें से 26,000 करोड़ रुपये का कोई हिसाब-किताब ही नहीं है। दिल्ली के टैक्स पेयर्स का 26 हजार करोड़ रुपये ह़ड़पने के बाद केजरीवाल सरकार डकार तक नहीं ले रही है।

यह भी पढ़ें- बॉलीवुड का घिनौना चेहराः ‘‘उसने अपने पेंट में से … निकाला और बोला, इसे फील करो’’-शर्लिन

हरीश खुराना ने दिल्ली वित्त निगम और सीएजी की रिपोर्ट दिखाते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के खातों से पिछले पांच सालों में 26,000 करोड़ रुपये दिल्ली जल बोर्ड के खातों में स्थानांतरित किए गए, लेकिन उसका हिसाब सीएम केजरीवाल, सत्येन्द्र जैन या राघव चढ्ढ़ा देने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने हर घर में नल से जल देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक दिल्ली के एक-चौथाई भाग को पीने के पानी की पाइप लाइन के दर्शन तक नहीं हुए हैं।

यह भी पढ़ें- सेलरी का पैसा नहीं और हरदयाल लायब्रेरी पर लाखों खर्च कर रहा नगर निगम

बीजेपी नेताओं ने कहा कि यही स्थिति सीवरेज प्लांट की भी है। दिल्ली की अनुमानित 18,00 अनाधिकृत कॉलोनियों में से सिर्फ 561 कॉलोनियों में सीवरेज पाइप डाले गए हैं और उसकी भी स्थिति दयनीय है। ऐसा दिल्ली सरकार की खुद की रिपोर्ट में ही लिखा गया है। साल 2015 में जितना पानी पीने योग्य बनता था, आज 6 साल बाद भी स्थिति वैसी ही है, उसमें 5 प्रतिशत की भी वृद्धि नहीं हुई है। मतलब पिछले 6 सालों में दिल्ली की जनसंख्या तो बढ़ी है, लेकिन जल बोर्ड के काम करने का तरीका जस का तस रहा है। केजरीवाल ये दावा करते हैं कि दिल्लीवालों को यमुना में नहलाकर आचमन कराएंगे, लेकिन यमुना पहले से ज्यादा जहरीली हो गई है।
बीजेपी नेताओं ने मांग की है कि जल घोटालों की जांच करने के लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाएं और दिल्ली जल बोर्ड के घोटालों पर चर्चा कराएं, क्योंकि उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वो तथ्यों के साथ हैं, इसलिए दिल्ली की जनता को वो साफ करें कि आखिर 26,000 करोड़ का जो घोटाला किया गया है, उन पैसों को किन-किन मदों में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की नियत यदि साफ है तो उन्हें इन पैसों का हिसाब देने में कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए।