-सेलरी को पैसा नहीं तो कर्मचारियों की भर्ती क्योंः मुकेश गोयल
-लायब्रेरी सचिव की गाड़ी और कार्यालय पर हो रहे लाखों खर्च
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक हालत इतनी ज्यादा खस्ता हो गई है कि निगम कर्मियों को बीते चार-पांच महीनों से सेलरी नहीं मिली है। ऐसे में नगर निगम द्वारा हरदयाल लाइब्रेरी पर हर महीने लाखों रूपये का खर्च करना सवालों के घेरे में आ गया है। कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि जब सेलरी देने के लिए भी पैसा नहीं है तो कर्मचारियों की भर्ती क्यों की जा रही है?
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने लायब्रेरी के संचालन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब निगम के पास अपने कर्मचारियों को ही सेलरी देने का पैसा नहीं है तो फिर हरदयाल लायब्रेरी पर हर महीने लाखों रूपये का खर्च करने की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के नेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए लायब्रेरी में नई गाड़ी खरीदी गई है, इसके संचालन और रखरखाव पर ही लाखों रूपये खर्च हो रहे हैं। इसके साथ ही अब लायब्रेरी के लिए कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है।
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इन सबका भार भी निगम पर ही पड़ रहा है। मुकेश गोयल ने कहा यदि सत्ता पक्ष बिना सरकारी सुविधाओं के लायब्रेरी का संचालन नहीं कर सकते तो कांग्रेस पार्षदों को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस पार्षद बिना कोई सरकारी खर्च लिए लायब्रेरी को चलाने में सक्षम हैं। वह अपने खर्चे खुद उठा सकते हैं।
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बता दें कि हरदयाल लायब्रेरी यों तो स्वतंत्र बॉडी है, लेकिन इसके संचालन, सेलरी और रखरखाव पर आने वाला पूरा खर्च उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा उठाया जाता है। खास बात है कि निगम की ओर से सत्ता पक्ष के एक पार्षद को इस लायब्रेरी का सचिव नियुक्त किया जाता है। इसके साथ ही सचिव के कार्यालय, गाड़ी व दूसरे स्टाफ का लाखों रूपये का खर्च भी नगर निगम को ही उठाना पड़ता है।
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यानी कि लायब्रेरी का शतप्रतिशत खर्च नगर निगम को ही वहन करना पड़ता है। फिलहाल हरदयाल लायब्रेरी की सचिव बीजेपी पार्ष रेखा सिन्हा हैं। उत्तरी दिल्ली के महापौर इस लायब्रेरी के नियमित चेयरमैन होते हैं। इस लायब्रेरी का मुख्यालय चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन के पास पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने है और इसकी शाखाएं दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हैं। सत्ता पक्ष की ओर से लायब्रेरी के लिए पार्षदों व अन्य लोगों में से 7 सदस्यों की नियुक्त की जाती है।
पूर्व महापौर के कार्यकाल में भी की गई भर्ती
उत्तरी दिल्ली नगर निगम बीते करीब दो साल से आर्थिक तंगी झेल रहा है। इसके बावजूद पूर्व महापौर अवतार सिंह के कार्यकाल में इस लायब्रेरी में कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। इसको लेकर निगम में विवाद अब भी जारी है। बताया जा रहा है कि इस लायब्रेरी में एक बार फिर से कर्मचारियों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है। बता दें कि हरदयाल लायब्रेरी में पहले 89 कर्मचारी हुआ करते थे। पिछले कुछ समय में करीब एक दर्जन लोग यहां से रिटायर हो चुके हैं। भले ही लायब्रेरी ओर इसकी शाखाओं में पुस्तकें पढ़ने के लिए आने वाले नदारद हों, लेकिन स्टाफ की भर्ती लगातार जारी है।