-लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में गंभीर धाराओं के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी
-हिंदू देवी, देवताओं के अपमान के साथ जातिगत वैमनस्य बढ़ाने का आरोप
-अमेज़न प्राइम अपर्णा पुरोहित, तांडव के डायरेक्टर अली अब्बास जफर नामजद
-प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्णा मेहरा और राइटर गौरव सोलंकी के साथ एक और नामजद
एसएस ब्यूरो/ लखनऊ
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान और डिंपल कापड़िया स्टारर वेब सीरीज तांडव का पूरे देश में विरोध हो रहा है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में भी इसका बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। निर्देशक अली अब्बास जफर की ’तांडव’ में हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान और जातिगत भावनाओं को भड़काने के आरोपों के साथ सोशल मीडिया पर जोरदार एंग से इसे बैन करने की मांग की जा रही है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में धर्मनगरी अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ प्रयागराज में साधु-संतों सहित कई अन्य संगठनों ने भी इस वेब सीरीज का खुला विरोध करते हुए इसके खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है।
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अब लखनऊ पुलिस ने हजरतगंज कोतवाली में वेब सीरीज तांडव को बनाने और रिलीज़ कराने वालों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। हजरतगंज थाने के वरिष्ठ उपनिरीक्षक अमरनाथ यादव की तहरीर पर तांडव वेब सीरीज को रिलीज कराने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेज़न प्राइम वीडियो की ओरिजनल कंटेंट हेड इंडिया अपर्णा पुरोहित, तांडव वेब सीरीज़ के डायरेक्टर अली अब्बास जफर, प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्णा मेहरा और राइटर गौरव सोलंकी के खिलाफ नामजद और एक अन्य अज्ञात समेत 5 लोगों के खिलाफ हजरतगंज थाने में कई गंभीर धाराओं में एफआईआर कराई गई है।
वेब सीरीज में धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को भड़काने का आरोप
वरिष्ठ उपनिरीक्षक (हजरतगंज) की तहरीर में वेब सीरीज़ तांडव के पहले एपिसोड के 17वें मिनट में हिन्दू देवी-देवताओं को अमर्यादित तरीके से दिखाकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया गया है। दूसरी ओर 22वें मिनट में जातिगत भावनाओं को भड़काने वाले संवाद के साथ ही भारत के प्रधानमंत्री जैसे गरिमामयी पद को ग्रहण करने वाले व्यक्ति का चित्रण भी अत्यंत अशोभनीय ढंग से किये जाने का आरोप लगाया गया है।
इस वेब सीरीज़ में महिलाओं का अपमान किये जाने के साथ वेब सीरीज़ की मंशा को एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को भड़काना बताया गया है। वेब सीरीज का इंटरनेट पर हो रहे व्यापक प्रचार प्रसार को न सिर्फ समाज के लिए हानिकारक बताया गया है, बल्कि इस वेब सीरीज पर धार्मिक-जातिगत
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लखनऊ पुलिस की ओर से भावनाओं को भड़काने, शासकीय व्यवस्था को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाते हुए इसे बनाने और रिलीज़ करने वालां के खिलाफ उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर विधिक कार्रवाई किये जाने की बात कही गई है।