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दिल्ली बीजेपीः पूर्व प्रदेश महासचिव को बनाया बलि का बकरा… किसानों के नाम जारी हुआ फर्जी पत्र!

-जारी किया भाटिया के नाम से पत्र, प्रदेश बीजेपी के नेताओं पर संदेह
-इससे पहले भी हो चुकी है राजेश भाटिया को बदनाम करने की साजिश
-पिछले दिनों राजेंद्र नगर मंडल के चुनाव को लेकर भी हुआ था विवाद
राजेश भाटिया की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
केंद्र की सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी भले ही दिल्ली की सत्ता से पिछले 23 साल से दूर है, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इससे सबक लेने को तैयार नहीं हैं। प्रदेश बीजेपी के नेताओं के बारे में अक्सर खबरें आती रहती हैं कि वह खुद ही एक-दूसरे को जायज-नाजायज तरीकों से पटखनी देने के जुगाड़ में लगे रहते हैं। ताजा प्रकरण पूर्व प्रदेश महासचिव राजेश भाटिया के मामले में सामने आया है। उनके नाम से किसानों के नाम एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें पार्टी लाइन से हटकर किसानों के विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं को उकसाने की बात कही गई है।

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प्रदेश बीजेपी के मीडिया प्रभारी नवीन कुमार ने कहा है कि राजेश भाटिया के नाम से जारी किया गया पत्र पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है। इस मामले में दिल्ली पुलिस को शिकायत करके मामले की जांच की मांग की गई है। नवीन कुमार ने कहा कि कुछ लोग भ्रम फैलाकर तनाव पैदा करना चाहते हैं, लेकिन दिल्ली प्रदेश बीजेपी की अपील है कि लोग किसी भी भ्रम में नहीं आएं।

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     राजेश भाटिया के नाम से जारी किया गया फर्जी पत्र

हालांकि पता चलने पर खुद राजेश भाटिया ने भी इसका खंडन किया है। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि यह प्रदेश बीजेपी में चल रही उठापटक का नतीजा है और इसे पिछले दिनों की मंडल अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मामले में खुद दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रदेश महामंत्री राजेश भाटिया ने राजेंद्र नगर पुलिस थाने में लिखित शिकायत देकर मामले की जांच और जरूरी कार्रवाई करने की मांग की है। बता दें कि पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी की टीम में राजेश भाटिया प्रदेश अध्यक्ष के सबसे पसंदीदा महामंत्री रहे हैं।

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इस मामले में राजेश भाटिया ने कहा कि कुछ असामाजिक और देशद्रोही तत्वों ने भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश के लेटर हेड पर मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके मेरे नाम से आंदोलन कर रहे किसान भाईयों के प्रति आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए बीजेपी और संघ के लोगों को हिंसा भड़काने का संदेश दिया है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। मैं अपने सभी किसान भाइयों-बहनों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान रखता हूं। जिस किसी की भी यह हरकत है, बहुत निंदनीय है। मैंने पुलिस में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है। आप सभी से अनुरोध है कि इन अफवाहों पर ध्यान ना दें और इस फर्जी पत्र को आगे फॉरवर्ड ना करें।

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संगठन के मंडल चुनाव में भी हुआ विवाद
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के गठन में भी राजेंद्र नगर के गठन के लिए पिछले महीने विवाद हो चुका है। प्रदेश नेतृत्व चाहता था कि राजेंद्र नगर मंडल का अध्यक्ष बनिया बिरादरी से हो, लेकिन स्थानीय संगठन के लोग चाहते हैं कि वहां पंजाबी बिरादरी ज्यादा है, अतः बीजेपी का मंडल अध्यक्ष भी पंजाबी बिरादरी से होना चाहिए। वैसे भी यह मंडल करोलबाग जिले में आता है और यहां से जिला अध्यक्ष भी बनिया बिरादरी से हैं। खास बात है कि प्रदेश नेतृत्व की ओर से बनिया बिरादरी के जिस व्यक्ति का नाम तय किया गया था वह मंडल अध्यक्ष के लिये तय आयु सीमा 45 साल से बहुत ज्यादा का है, जबकि पंजाबी बिरादरी से जो नाम आ रहा है वह पार्टी की सभी शर्तोंं को पूरा करता है। इसकी मध्यस्थता के लिए प्रदेश नेतृत्व की ओर से बनिया बिरादरी के ही प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा को पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं से बातचीत के लिए भेजा गया था, लेकिन तब पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनकी बात को स्वीकार नहीं किया था। बता दें कि करोलबाग जिला प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता का अपना खुद का जिला है। इस प्रकरण को लेकर खुद प्रदेश नेतृत्व की भूमिका पर भी सवाल उठ चुके हैं।
लड़ाई है पुरानी लेकिन स्वरूप नया
करोलबाग जिला बीजेपी में एक-दूसरे नेताओं को बदनाम करने की लड़ाई पुराने समय से चली आ रही है। खास तौर पर राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र में तो पार्टी के अंदर यह लड़ाई जगजाहिर है। इस मामले में कई बार पोस्टरबाजी भी हो चुकी है। लेकिन हर बार पार्टी के अंदर चल रही इस लड़ाई का नया-नया रूप नजर आता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बार मामला कुछ अलग है, क्योंकि इस बार प्रदेश नेतृत्व में शामिल कुछ नेता भी एक-दूसरे को बदनाम करने की इस साजिश में शामिल हैं। हालांकि मामला अब दिल्ली पुलिस के पाले में पहुंच चुका है। अतः उम्मीद है कि जल्दी ही इस साजिश में शामिल चेहरे भी उजागर हो सकते हैं।