चांदनी चौकः मंदिर निर्माण को लेकर एलजी से मिलेंगे कांग्रेसी नेता

-चांदनी चौक में हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
कांग्रेस के शीष नेतृत्व ने केंद्र में अपनी सरकार रहते हुए भगवान श्रीराम के अस्तित्व को भले ही नकार दिया हो, लेकिन चांदनी चौक में राम भक्त अनुमान के मंदिर के पुनर्निर्माण को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात करेगा। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता शनिवार को चांदनी चौक में हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंचे थे। लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गौरी शंकर मंदिर में पहले दर्शन किए उसके बाद वहीं हनुमान चालीसा का पाठ किया।

यह भी पढ़ें- SDMC: पार्किंग ठेकों में फिर से करोड़ों के घोटाले की तैयारी

इस अवसर पर चौधरी अनिल कुमार के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल, महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन, पूर्व विधायक अमरीश गौतम, जिला अध्यक्ष मौहम्मद उस्मान और हरी किशन जिंदल, निगम पार्षद प्रेरणा सिंह, विजय मोहन, राहुल शर्मा, राजकुमार इंदौरिया, प्रदीप गुप्ता मुख्य रुप से मौजूद रहे। अनिल कुमार कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और भाजपा शासित दिल्ली नगर ने मिली भगत करके विकास के नाम पर चॉदनी चौक में हनुमान मंदिर को रातोंरात तोड़ दिया गया।

यह भी पढ़ें- दिल्ली बीजेपीः एक ही परिवार के लोगों का मंडल पर कब्जा… नेतृत्व की कार्यशैली पर सवालिया निशान

उन्होंने कहा कि आप पार्टी और भाजपा की सरकारों को मंदिर बचाने के लिए चॉदनी चौक के पुर्नविकास के प्रोजेक्ट में मंदिर को जोड़ा जाना चाहिए था, परंतु हाई कोर्ट के समक्ष दोनों सरकारों ने मंदिर को अतिक्रमण बताया क्योंकि यह चाहते ही नही थे कि मंदिर रहे। दिल्ली उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद दिल्ली की अरविन्द सरकार ने मंदिर बचाने के लिए कोर्ट में हलफनामा दायर नही किया।

यह भी पढ़ें- बीजेपी दिल्लीः अपने ही घर में नहीं चल पा रहा गुप्ता का ‘आदेश’

चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मंदिर के पुर्ननिर्माण पर चर्चा करने के लिए प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनके नेतृत्व में दिल्ली के उपराज्यपाल से सोमवार को मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और भाजपा की सरकारों को मंदिर को तोड़ने से पूर्व इससे संबधित संस्था से बात करके उसे भरोसे में लेकर मंदिर के पुर्ननिर्माण की योजना बनाकर मंदिर को बचाया जा सकता था। दिल्ली उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद दिल्ली की अरविन्द सरकार ने मंदिर बचाने के लिए कोर्ट में आवेदन नहीं किया। उन्होंने कहा कि मंदिर को तोड़कर भाजपा और अरविन्द सरकार ने भगवान हनुमान जी का अपमान किया है।