बिहारः भक्त के ‘चरण’ पड़ते ही कांग्रेस में बगावत की आशंका

-अब कांग्रेसी विधायक बढ़ाएंगे जेडीयू का कुनबा!
-कांग्रेस में टूट की चर्चा से बढ़ा बिहार का सियासी पारा
-पूर्व विधायक ने लगाया बाहरी नेताओं पर बगावत का आरोप

एसएस ब्यूरो/ पटना
भक्त चरण दास के कदम पड़ते ही बिहार में कांग्रेसी सियासत पारा उफान पर है। बिहार कांग्रेस के कुछ विधायक पार्टी के साथ बगावत के मूड में आ गए हैं। हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव और उनकी मां रावड़ी देवी ने दावा किया था कि जल्दी ही जेडीयू में टूट हो सकती है, या फिर नीतीश फिर से पाला बदल सकते हैं। लेकिन अब बिहार की सियासत ने नई करवट बदली है। कांग्रेस आलाकमान ने हाल ही में शक्ति सिंह गोहिल के स्थान पर भक्त चरण दास को बिहार कांग्रेस का प्रभारी बनाया है।

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कहा जा रहा है कि अब कांग्रेसी विधायक बिहार में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का कुनबा बढ़ाएंगे। माना जा रहा है कि नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले ऐसा होगा। बिहार कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह ने पार्टी में टूट की आशंका व्यक्त की है। भरत सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के 11 विधायक किसी भी समय पार्टी छोड़कर जेडीयू में जा सकते हैं। आरोप है कि यह वो 11 विधायक हैं, जो कि पहले दूसरे दलों के साथ जुड़े हुए थे और कांग्रेस ने 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में इन्हें टिकट दिया था।

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बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को 70 सीटें मिली थीं। इनमें से पार्टी महज 19 सीट ही जीत पाई थी। बिहार कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि पार्टी नेतृत्व ने ज्यादातर बाहरी लोगों को टिकट दे दिया था, जिसकी वजह से पार्टी को ज्यादातर सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के जीते हुए 19 में से 11 विधायकों को बाहरी बताया जा रहा है। पूर्व विधायक भरत सिंह ने कहा है कि ये सभी वैसे विधायक हैं जिन्होंने चुनाव के समय कांग्रेस का टिकट हासिल कर लिया था, लेकिन पार्टी से उनका कुछ लेना देना नहीं है।

नतीजों के समय भी रही आशंका
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के समय भी कांग्रेस आलाकमान को बिहार कांग्रेस में बगावत की आशंका हुई थी। इसके चलते पार्टी ने अपने विधायकों को एक ही स्थान पर रखा था। खास बात है कि जीते हुए विधायकों को जोड़े रखने के लिए पार्टी ने दिल्ली के कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बिहार भेजा था।