दिल्ली बीजेपीः एक ही परिवार के लोगों का मंडल पर कब्जा… नेतृत्व की कार्यशैली पर सवालिया निशान

-पति ने पत्नी, भाई और भतीजा बनाए मंडल पदाधिकारी
-शिकायत के बावजूद प्रदेश नेतृत्व ने नहीं की कार्रवाई

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के ऊपर दिशाहीन होने के आरोप लग रहे हैं। कांग्रेस के ऊपर परिवारवाद का आरोप लगाने वाले बीजेपी नेता उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी से भी आगे निकल गए हैं। ताजा मामला मयूर विहार जिला के सिद्धार्थ नगर मंडल का है। यहां के मंडल अध्यक्ष ने अपनी पत्नी, भाई और भतीजे को ही मंडल पदाधिकारी बना दिया। खास बात है कि जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर संगठन महामंत्री तक यह बात सभी वरिष्ठ नेताओं तक पहुंच चुकी है। लेकिन प्रदेश के नेता इस मामले में कोई भी कदम उठाने से हिचक रहे हैं।

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दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की ओर से बीते 27 अगस्त को 280 में से 250 मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की गई थी। इसमें सिद्धार्थ नगर मंडल का अध्यक्ष करतार सिंह को बनाया गया था। जब करतार सिंह ने अक्टूबर महीने में मंडल पदाधिकारियों की सूची जारी की तो इसमें अपने भाई श्रीचंद को मंडल कोषाध्यक्ष, पत्नी रेखा सिंह को मंडल मंत्री और भतीजे गगन को युवा मोर्चा का अध्यक्ष घोषित कर दिया। इससे भी बड़ी बात तो यह है कि यह चारों मंडल पदाधिकारी मंडल के अलग अलग इलाकों में नहीं बल्कि एक साथ, एक ही पते पर रहते हैं। हालांकि मंडल अध्यक्ष करतार सिंह ने इस मामले में कहा कि जिला अध्यक्ष विनोद बछेती को पूरी जानकारी है, यदि जरूरत होगी तो किसी को हटा दिया जाएगा।
बीजेपी को नहीं मिल रहीं महिला कार्यकर्ता
आश्चर्य की बात है कि दिल्ली में कई इलाकों में बीजेपी को महिला कार्यकर्ता नहीं मिल रही हैं। अपनी पत्नी को मंडल मंत्री बनाए जाने के सवाल पर मंडल अध्यक्ष करतार सिंह ने कहा कि सिद्धार्थ नगर मंडल में महिला कार्यकर्ताओं की कमी है, जबकि नियमानुसार मंडल में 4 महिला मंत्री बनाना आवश्यक है। इसलिए रेखा सिंह को मंडल में मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कहा कि युवा मोर्चा में भी बदलाव किया जा रहा है।
एक ही पोलिंग स्टेशन से ज्यादा पदाधिकारी
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा है कि वह घर-घर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब दिल्ली में महिला और युवा पार्टी के साथ जुड़ नहीं पा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण है कि मंडल अध्यक्ष ने एक ही पते पर रहने वाले अपने सहित चार लोगों को पदाधिकारी बना दिया। केवल यही नहीं बल्कि मंडल की एक और महिला मंत्री और महिला मोर्चा अध्यक्ष भी भगवान नगर कालोनी में उसी एक पोलिंग स्टेशन पर रहती हैं।
निगम चुनाव में रिश्तेदारों को भी नहीं मिला था टिकट
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने परिवारवाद को खत्म करने के लिए 2017 के नगर निगम चुनावों में तत्कालीन निगम पार्षदों के रिश्तेदारों को भी टिकट नहीं दिया था। जबकि सामूहिक रूप से पुराने सभी निगम पार्षदों के टिकट काटकर नए लोगों को या एक कार्यकाल पहले रह चुके पार्षदों को टिकट दिया था। लेकिन अब सिद्धार्थ नगर मंडल के ताजा मामले ने शीर्ष नेतृत्व किये-धरे पर पानी फेरकर रख दिया है।
प्रदेश नेतृत्व की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
सिद्धार्थ नगर मंडल में एक ही परिवार के चार लोगों को पदाधिकारी बनाये जाने का मामला सामने आने के बाद प्रदेश नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि मंडल से लेकर जिलों और मोर्चों के गठन का सारा काम प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री स्वयं देख रहे हैं। फिर ऐसा नहीं हो सकता कि पार्टी नेतृत्व को संगठन में चल रही इन गतिविधियों की जानकारी नहीं हो।
मयूर विहार में घोषित नहीं हुए दो मंडल अध्यक्ष
बता दें कि चार महीने बीत जाने के बावजूद मयूर विहार जिला के दो मंडल त्रिलोकपुरी और अशोक नगर के मंडल अध्यक्षों की घोषणा अभी तक नहीं की जा सकी है। जबकि पटपड़गंज मंडल के मंडल अध्यक्ष की घोषणा तो हो चुकी है लेकिन इस मंडल का गठन अभी तक नहीं हो पाया है। जबकि 250 में से ज्यादातर मंडलों का गठन हो चुका है।