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बीजेपी दिल्लीः अपने ही घर में नहीं चल पा रहा गुप्ता का ‘आदेश’

-बचे मंडलों के अध्यक्षों के नाम तय नहीं कर पा रहे आदेश गुप्ता
-250 मंडलों की हो चुकी घोषणा, 4 अध्यक्षों पर लटकी तलवार
-गृह जिला-राजेंद्र नगर मंडल के अध्यक्ष के नाम पर बढ़ रहा विवाद

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। यहां तक कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता 250 मंडलों के अध्यक्षों की घोषणा के बाद चार महीने बीत जाने के बावजूद दिल्ली के बाकी 30 मंडलों के अध्यक्षों की घोषणा नहीं कर पाए हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि गुप्ता का ‘आदेश’ अपने जिले के मंडलों में भी नहीं चल पा रहा है और राजेंद्र नगर मंडल के अध्यक्ष का चयन करने में उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। बताया जा रहा है कि आदेश गुप्ता के अपने ही जिले से बनाये गए एक उपाध्यक्ष ने अपने कुछ चंपुओं के साथ प्रदेश की पूरी पार्टी पर कब्जा कर लिया है। जिसकी वजह से प्रदेश बीजेपी को हर मोर्चे पर असफलता हाथ लग रही है।

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प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता को अपनों के ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश अध्यक्ष की ओर से मंडल अध्यक्ष के नाम पर सहमति बनाने के लिए गए प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल को भी करोलबाग जिले से खाली हाथ बैरंग वापस लौटना पड़ा। वह प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के आदेश पर एक ऐसे व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष बनवाने गए थे, जो पहले ही प्रदेश बीजेपी के मानकों पर खरा नहीं उतरता है। इस घटना के बाद दिल्ली बीजेपी में चर्चा शुरू हो गई है कि पार्टी में अनुभवहीन लोगों का कब्जा हो गया है।

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प्रदेश बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि आदेश गुप्ता राजेंद्र नगर मंडल का अध्यक्ष संजय सिंघल को बनाना चाहते हैं। जबकि मंडल और स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता पंजाबी या सिख कम्युनिटी से किसी को मंडल अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि राजेंद्र नगर मंडल सिख और पंजाबी बहुल मतदाताओं वाला इलाका बताया जाता है। वैसे भी जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारी के रूप में इस जिले को बनिया बिरादरी के लोग मिले हैं। जिला अध्यक्ष पर पहले से ही पार्टी के साथ बगावत के आरोप लगे हुए हैं। ऐसे में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता की बनिया बिरादरी पर मेहरबानी को भी अलग ढंग से देखा जा रहा है।

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ताजा मामला दिल्ली बीजेपी के करोलबाग जिला का है। जिले के सभी मंडलों की घोषणा अगस्त महीने में हुई 250 मंडलों के अध्यक्षों के साथ नहीं हो पाई थी। करोलबाग जिला में बचे हुए मंडलों के अध्यक्षों की घोषणा पिछले सप्ताह ही होनी थी। लेकिन करोलबाग मंडल की घोषणा तो हो गई लेकिन राजेंद्र नगर मंडल की घोषणा टल गई है। इसमें भी खास बात यह है कि राजेंद्र नगर मंडल की घोषणा टली नहीं बल्कि प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को टालनी पड़ी है, क्योंकि यहां सीधे तौर पर उनका विरोध शुरू हो गया है।

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आश्चर्य की बात यह है कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता अपने जिले में खुद अपने ही बनाए हुए नियम को तोड़ना चाहते हैं। जिन संजय सिंघल का आदेश गुप्ता समर्थन कर रहे हैं, उनकी उम्र करीब 55 साल बताई जा रही है। जबकि पार्टी की ओर से मंडल अध्यक्षों के लिए आयु सीमा 45 साल तय की गई है। हालांकि यह बात अलग है कि आदेश गुप्ता इससे पहले भी आयु सीमा के नियम को पूरी तरह से लागू नहीं कर पाए हैं।
चार महीनों बाद भी नहीं कर पाए पूरे मंडल अध्यक्षों की घोषणा
बता दें कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने 27 अगस्त 2020 को दिल्ली बीजेपी के 250 मंडलों के अध्यक्षों की घोषणा की थी। इसके बाद 4 महीने बीत जाने के बावजूद बाकी के 30 मंडलों के अध्यक्षों की घोषणा दिल्ली बीजेपी की ओर से नहीं की जा सकी है। खास बात यह है कि अब बचे हुए ज्यादातर मंडलों में पार्टी अध्यक्ष के निर्णयों पर विरोध शुरू हो गया है।
4 मंडलों में वापस लेना पड़ा निर्णय
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने चार महीने पूर्व दिल्ली बीजेपी के 250 मंडलों के अध्यक्षों के नामों की घोषणा की थी। इसके बाद 250 में से 4 मंडलों के अध्यक्षों को बदलना पड़ा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि एक मंडल अध्यक्ष को उसके ऊपर लगे छेड़छाड़ के आरोपों की वजह से बदलना पड़ा है। जबकि दो मंडल अध्यक्षों को उनकी ज्यादा उम्र को लेकर बदलने की चर्चा है। जबकि उत्तर पूर्वी जिले के एक मंडल अध्यक्ष को भी बदलने की कवायद की जा रही है।
नई दिल्ली जिला में भी उठा विवाद
दिल्ली बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष की अनुभवहीनता की वजह से पार्टी की किरकिरी हो रही है। नई दिल्ली जिला में भी 3 मंडलों के अध्यक्षों के नामों पर विवाद चल रहा है। जिला अध्यक्ष ने इनके नामों की घोषणा कर दी है। लेकिन एक प्रदेश उपाध्यक्ष ने इनके नामों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ने भी इन मंडल अध्यक्षों के नामों को स्वीकार नहीं किया है। यह वही प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, जिनकी वजह से हर मामले में प्रदेश बीजेपी की भद्द पिट रही है।
मोर्चों और सेल के गठन पर भी विवाद
दिल्ली बीजेपी में केवल मंडल अध्यक्षों के नामों पर ही विवाद नहींं है। बल्कि हर जगह विवाद चल रहा है। मंडल, जिला व प्रदेश संगठन के गठन की घोषणा के बावजूद अभी तक प्रदेश के मोर्चां का गठन नहीं हो सका है। सूत्र बताते हैं कि मोर्चा अध्यक्षों ने तो अपनी टीम की सूची प्रदेश संगठन महामंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को सोंप दी है। लेकिन उन्हें प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों की घोषणा करने के लिए हरी झंडी नहीं मिली है। इसकी वजह से इस काम में लगातार देरी हो रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जिला और मंडलों के मोर्चा पदाधिकारियों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। ऐसे में जिला और मंडल के मोर्चा पदाधिकारी प्रदेश के मोर्चा पदाधिकारियों की बात कितनी और कहां तक मानेंगे, इस पर भी सवालिया निशान लग गए हैं।
बीजेपी पदाधिकारियों की चुप्पी
पार्टी संगठन की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवालों पर बीजेपी पदाधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता को जब जानकारी प्राप्त करने के लिए फोन किया गया तो उनका फोन उनके पीऐ ने उठाया। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष अभी दूसरे फोन पर व्यस्त हैं। उन्होंने फ्री होते ही बात कराने का आश्वासन दिया, लेकिन बात नहीं कराई। प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन को भी फोन किया गया, लेकिन उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया। कार्यालय मंत्री हुकुम सिंह से जानकारी मांगी गई कि अब तक दिल्ली बीजेपी ने कितने मंडलों का गठन कर दिया है और कितने बाकी हैं? उन्होंने बताया कि इस बारे में केवल संगठन महामंत्री ही बता सकते हैं। मीडिया प्रभारी नवीन कुमार ने इसी सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है। खास बात है कि करोलबाग जिला में अध्यक्ष के मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा ने भी कई बार करने के बावजूद फोन नहीं उठाया। पार्टी के अन्य कई प्रवक्ताओं और पदाधिकारियों से भी फोन और मैसेज के जरिये जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई भी खुलकर कुछ बताने के लिए सामने नहीं आया।