दिल्ली दंगेः ‘बंगाली बालाओं’ और ‘एमएसजे’ के जरिए रची थी राजधानी को जलाने की साजिश

-उमर खालिद ने रची थी साजिश, लाई गईं थीं बंगाली बोलने वाली 300 महिलाएं
-जेएनयू स्टूडेंट्स के व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए फैलाई जा रही थी पल पल की खबर

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
फरवरी महीने में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली के कई इलाकों को दंगों के हवाले करने के लिए बंगाली भाषा बोलने वाली 300 महिलाएं लाई गई थीं। केवल यही नहीं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुछ छात्रों के व्हाट्सएस ग्रुप के जरिए हर जगह की पल-पल की खबर दंगाईयों तक पहुंचाई जा रही थी। इस खतरनाक साजिश को जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने अंजाम दिया था। यह खुलासा दिल्ली दंगों के मामले में कोर्ट में सोंपी गई दिल्ली पुलिस की चार्जशीट स हुआ है।

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दिल्ली पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफत के नाम पर देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शन और दंगों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस का ये खुलासा दिल्ली दंगों के सबसे बड़े मास्टरमाइंड उमर खालिद और पथराव करने वाली महिलाओं से जुड़ा है।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की चार्जशीट में खुलासा हुआ है दिल्ली दंगों में

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बंगाली भाषा बोलने वाली करीब 300 महिलाओं का इस्तेमाल किया गया था। बंगाली भाषा बोलने वाली इन महिलाओं को दिल्ली के जहांगीर पुरी इलाके से जाफराबाद में प्रदर्शन के लिए बुलाया गया था। इन महिलाओं को बस का किराया भी दिया गया था। ये किराया दिल्ली दंगो की प्लानिंग करने वाले गैंग ने दिया था।

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दिल्ली दंगों के दौरान बंगाली बोलने वाली इन महिलाओं को 7 बसों में बैठाकर जहांगीर पुरी से जाफराबाद लाया गया था। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक 23 फरवरी को पहले इन्हें बसों से शाहीन बाग में प्रदर्शन साइट पर ले जाया गया था, वहां इन महिलाओं को खाना भी खिलाया गया था।

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दूसरी ओर पुलिस की चार्जशीट से यह खुलासा भी हुआ है कि शरजील इमाम ने 5-6 फरवरी को जेएनयू के मुस्लिम स्टूडेंट्स को लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। जिसका नाम एमएसजे (मुस्लिम स्टूडेंट जेएनयू) रखा गया था। इसी ग्रुप के जरिए दिल्ली दंगा भड़काने की साजिश रची गई थी।
उमर खालिद था मास्टरमाइंड
चार्जशीट में जिक्र है कि शरजील इमाम द्वारा बनाए गए इस ग्रुप में कुल 70 लोग जुड़े थे, जिनमें ज्यादातर जेएनयू के मुस्लिम स्टूडेंट थे। चार्जशीट के मुताबिक ये ग्रुप बनाया भले शरजील ने था लेकिन दिमाग उमर खालिद का ही चलता था। इस ग्रुप में उकसाने वाली बातें लिखी जाती थीं। इस ग्रुप में दिल्ली में बनें प्रोटेस्ट साइट की पल-पल की खबर और रणनीति तय होती थी।
पटना में बनी थी शाहीन बाग की रणनीति!
23 फरवरी को उमर खालिद एंटी सीएए प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने पटना गया था, उसका भी जिक्र इस चार्जशीट में किया गया है। उमर खालिद का पटना दौरा भी इसी साजिश का हिसा था। उमर खालिद ने ताहिर हुसैन व खालिद सैफी के साथ शाहीन बाग में दंगों की साजिश के लिए मीटिंग की थी जिसका जिक्र चार्जशीट में किया गया है।
इन धारओं के तहत दर्ज की गईं एफआईआर
खालिद और शरजील पर दंगे, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने, आपराधिक साजिश, हत्या, धर्म, भाषा, जाति इत्यादि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। इन अपराधों के तहत अधिकतम मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है। 930 पन्नों के इस पूरक आरोप पत्र को यूएपीए की धारा 13 (गैर-कानूनी गतिविधियां), 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिविधि के लिये चंदा जुटाना) और 18 (षडयंत्र) के तहत दायर किया गया है। इसके अलावा उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) के साथ धारा 109 (उकसाना), 114 (अपराध के समय उकसाने वाले की मौजूदगी), 147 और 148 (दंगा) के तहत आरोपित किया गया है। सूत्रों का कहना है कि तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 353, 395, 419, 419, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 34 भी लगाई गई है।