ठप हुआ डी-सीलिंग अभियान… खुद बीजेपी पार्षदों का छलका दर्द

-प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के करोलबाग जोन से शुरू हुआ था अभियान
-अभी तक नेता सदन के जोन केशव पुरम जोन तक नहीं पहुंच पाया

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
मॉनिटरिंग कमेटी की सिफारिश पर राजधानी में अवैध निर्माण के नाम पर सील किये गयी आवासीय संपत्तियों की सील खोलने का अभियान 15 दिन में ही ठंडा पड़ गया है। दिल्ली नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी द्वारा जोर-शोर से शुरू किया गया डी-सीलिंग अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है। आश्चर्य की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू किया गया यह अभियान अभी तक दिल्ली के आधे हिस्सों में भी नहीं पहुंच पाया है। यहां तक कि इस अभियान की कोई निगरानी भी नहीं हो रही है। विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसकी कड़ी आलोचना की है।

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बता दें कि करीब ढाई सप्ताह पहले दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अपने जिला करोलबाग के नारायणा से इस अभियान की शुरूआत कराई थी। लेकिन अब यह अभियान सीमित, सिफारिशी और साधन संपन्न संपत्तियों तक सिमट कर रह गया है। इतने दिन बीत जाने के बावजूद डी-सीलिंग अभियान प्रदेश अध्यक्ष के जोन से शुरू होकर निगम में नेता सदन योगेश वर्मा के जोन केशव पुरम तक नहीं पहुंच सका है। सामान्य लोग ही नहीं खुद चुने हुए निगम पार्षद भी इसको लेकर भारी परेशानी में हैं। गुरूवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में खुद बीजपे पार्षदों का ही दर्द छलक पड़ा।

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उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन और बीजेपी पार्षद योगेश वर्मा ने गुरूवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि जब एक ही दिशानिर्देशों के तहत डी-सीलिंग की जानी है तो अधिकारी पूरे उत्तरी दिल्ली में यह अभियान क्यों नहीं चला रहे हैं? उन्होंने कहा कि अधिकारी इस बारे में निगम पार्षदों को भी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। संपत्तियों के मालिक अपनी संपत्तियों को डी-सील कराने के इधर से उधर चक्कर काट रहे हैं।
उन्होंने मांग की कि आयुक्त द्वारा अधिकारियों को यह आदेश दिये जाएं कि वह संबंधित निगम पार्षदों को यह जानकारी साथ के साथ दें कि उनके इलाकों में किन संपत्तियों को डी-सील किये जाने का आवेदन किया गया है और कन संपत्तियों को डी-सील करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
हवा-हवाई हैं बीजेपी के वादेः आप
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि बीजेपी डी-सीलिंग के वादे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष ने बड़े जोर-शोर से डीसीलिंग की घोषणा की थी। लेकिन अब खुद बीजेपी पार्षद अपने इलाकों में डीसीलिंग को लेकर परेशान हैं। फिर दूसरे दलों या आम लोगों की परेशानी का अंदाजा तो आसानी से लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार की वजह से कोर्ट के आदेश के बावजूद डी-सीलिंग नहीं की जा रही है।
सभी इलाकों में तुरंत मिले राहत, पूरे अभियान की हो निगरानी: कांग्रेस
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि कोर्ट ने जब आदेश जारी कर दिया है कि संपत्तियों को डी-सील किया जाना है फिर इसका फायदा सभी इलाकों के लोगों को मिलना चाहिए। बीपी अध्यक्ष ने अपने जोन में कुछ लोगों की संपत्तियों को तो डीसील करवा दिया, लेकिन बाकी कई जोन में अभी तक इसकी शुरूआत तक नहीं हो पाई है। लोगों के साथ यह घोर अन्याय किया जा रहा है। सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं को सभी इलाकों के लोगों को डी-सीलिंग का फायदा दिलाना चाहिए।