HATHRAS की मिस्ट्रीः पीड़ित परिवार के साथ रहने वाली ‘नकली भाभी’ फरार!

-खुद भाभी बताने वाली महिला का पीड़िता से नहीं है कोई रिश्ता
-जबलपुर की डॉक्टर निकली पीड़िता की ओर से बयान देने वाली महिला

एसएस ब्यूरो/ हाथरस-जबलपुर
हाथरस मिस्ट्री में अब एक नया मोड़ आ गया है। यूपी के हाथरस कांड का जबलपुर कनेक्शन सामने आया है। खुद को पीड़िता की भाभी बताने वाली महिला पहले तो अचानक गायब हो गई। लेकिन जब उसे तलाशा गया तो वह मध्य प्रदेश के जबलपुर की डॉक्टर निकली। आश्चर्य की बात तो यह है कि खुद को पीड़िता की भाभी बताकर मीडिया और विभिन्न लोगों के सामने बयान देने वाली महिला का पीड़ित परिवार के साथ दूर-दूर का भी कोई रिश्ता नहीं है।

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जिस महिला के बयानों को कुछ प्राईवेट न्यूज चैनलों ने आधार बनाकर आरोपी परिवार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की, वह महिला आखिर हाथरस से कई सौ किलोमीटर दूर की रहने वाली निकली। अब उसी महिला पर नक्सलियों का साथी होने के आरोप लग रहे हैं। यूपी पुलिस की एसआईटी ने खुलासा किया है कि हाथरस कांड की आड़ में यूपी में जातीय दंगे भड़काने की गहरी साजिश रची गई थी। इसमें नक्सलियों से संबंध रखने वाली जबलपुर की एक महिला पीड़ित परिवार के घर में मृतका की भाभी बनकर रही थी।

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यूपी एसआईटी के मुताबिक पीड़ित परिवार के घर में 4 दिनों तक रही जिस महिला का नक्सली कनेक्शन बताया जा रहा है वो जबलपुर की रहने वाली डॉक्टर राजकुमारी बंसल है। राजकुमारी बंसल जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उसने यह स्वीकार किया है कि वो हाथरस जाकर पीड़ित परिवार के घर में रही थी। उसने खुद यह भी माना है कि ना तो वो पीड़ित परिवार की रिश्तेदार है और ना ही वह उस परिवार को पहले से जानती थी।
खुद स्वीकारी तथाकथित पीड़ित परिवार के साथ रहने की बात
जिस महिला के बयानों पर बड़े बड़े टीवी डिबेट हुए, जिस महिला को पीड़िता की भाभी बताकर मीडिया ने आरोपियों को बहशी करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब वह महिला ही संदेह के घेरे में आ गई है। डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने स्वीकार किया है कि वह बाकायदा छुट्टी लेकर 4 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक पीड़ित परिवार के घर में रही थी। उसने तथाकथित पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता मुहैया कराने की बात भी कबूली है। हालांकि उसने अपने संबंध नक्सलियों से होने की बात का खंडन किया है। उसने कहा है कि फोन टैपिंग के मामले में वह पुलिस की सायबर सेल में शिकायत करेगी।
पीछे-पीछे जबलपुर पहुंची एसआईटी
हाथरस कांड की जांच के बीच यी बातें सामने आने के बाद एसआईटी महिला के पीछे-पीछे जबलपुर तक पहुंच गई है। एसआईटी जांच कर रही है कि कहीं महिला का कनेक्शन भीम आर्मी या किसी ऐसे ही दूसरे संगठन से तो नहीं हैं? यहां तक भी जांच की जा रही है कि कहीं उसका कनेक्शन किसी नक्सली संगठन से तो नहीं है?
सीसीटीवी लगे तो गायब हुए तथाकथित रिश्तेदार
हाथरस कांड के बाद जब कोई भी राजनीतिक या सामाजिक डेलिगेशन तथाकथित पीड़ित परिवार से मिलने जाता था तो यह महिला परिवार के साथ मौजूद रहती थी। डेलिगेशन में शामिल लोगों से वह खुद बात करती थी। लेकिन जैसे ही प्रशासन ने इस परिवार के यहां सीसीटीवी कैमरे लगवाए और पीड़िता के घर में रह रहे लोगों से परिवार के रिश्तों को लिस्ट में दर्ज करना शुरू किया, वैसे ही यह डॉक्टर वहां से गायब हो गईं। उसके बाद से ही यह सवाल खडे़ हो रहे थे कि आखिर “वो महिला कौन थीं“?
एमपी के मंत्री ने बताया था नक्सली कनेक्शन
बता दें कि शिवराज सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि पीड़ित परिवार के साथ रहने वाली महिला का नक्सली कनेशन हो सकता है। मंत्री ने यह भी कहा था कि ये देश को तोड़ने का षड्यंत्र चल रहा है और ये उस षड्यंत्र का हिस्सा लगता है। देश को तोड़ने वाले षडयंत्र के साथ राहुल गांधी खड़े दिखते हैं। आने वाले दिनों में और भी तथ्य सामने आएंगे।
पीएफआई के सदस्यों को रिमांड पर लेगा ईडी
इस बीच हाथरस कांड के बाद मथुरा में पकड़े गए पीएफआई की शाखा सीपीएफआई के चारों सदस्यों से ईडी पूछताछ करेगा। ईडी इस संबंध में सोमवार को चारों को रिमांड पर लेने के लिए अर्जी दे सकता है। शाहीन बाग मामले में विदेश से फंडिंग की चल रही जांच के तहत ईडी इन चारों को रिमांड पर लेगा। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि यदि पूछताछ में हाथरस में जातीय हिंसा भड़काने के लिए फंडिंग की बात सामने आती है तो इस मामले में अलग से केस दर्ज किया जाएगा।
अब सीबीआई के हाथों में मामले की जांच
हाथरस कांड को लेकर सियासी भूचाल और उठ रहे सवालों के बीच इस केस की जांच के लिए सीबीआई तैयार हो गई है। केंद्रीय कार्मिक विभाग (डीओपीटी) ने मामले की जांच को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब सीबीआई की टीम जल्दी ही केस दर्ज कर हाथरस जाएगी। लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय की निगरानी में गाजियाबाद शाखा इस मामले की जांच करेगी।
सीएम योगी ने दिये थे सीबीआई जांच के आदेश
विपक्ष की ओर से सियासी हमलों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को पीड़िता के परिवार से मिलने भेजा था। दोनों अफसरों की रिपोर्ट के आधार पर सीएम ने सीबीआई जांच करवाने की सिफारिश भेजने के निर्देश दिए थे। विपक्षी नेताओं ने भी सवाल उठाए कि सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं भेजी गई। अब सीबीआई की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
आरोपियों के वकील ने बताया ऑनर किलिंग का मामला
हाथरस मामले में स्थानीय पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि सोशल मीडिया पर चल रही क्लिपिंग्स के मुताबिक शुरूआत में पीड़िता और उसकी मां ने केवल ऐ आरोपी का ही नाम लिया था। इसके बाद आरोपियों के वकील ऐपी सिंह ने कहा है कि मामला ऑनर किलिंग का है। पीड़िता और आरोपी संदीप एक दूसरे से प्रेम करते थे। लेकिन परिवार को यह बात पसंद नहीं थी, इसकी वजह से पीड़िता को खुद परिवार के लोगों ने ही मारा है।