एनडीए में 25+2 का फॉर्मूला… महागठबंधन में पड़ी दरार

-बीजेपी का कड़ा रूख, कहा- जल्दी फैसला करे एलजेपी
-उपेंद्र कुशवाहा बोले- तेजस्वी नहीं कर सकते नीतीश का सामना

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली-
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन के बीच तकरार जारी है। बीजेपी ने जहां लोक जनशक्ति पार्टी के प्रति कड़ा रूख अपनाया है। माना जा रहा है कि चिराग पासवान के सामने एनडीए छोड़ने या फिर 25+2 का फार्मूला मान लेने के विकल्प ही बचे हैं। दूसरी ओर महागठबंधन में दरार पड़ गई है। गुरूवार को आरएलएसपी के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन छोड़ने का ऐलान कर दिया।

यह भी पढ़ें- फिर गरमाया एमएचओ रावत की नियुक्ति का मामला

भारतीय जनता पार्टी ने चिराग पासवान को को 48 घंटे का फाइनल अल्टीमेटम दे दिया है। वह अगर 25+2 के फॉर्मूले पर तैयार होते हैं तो ठीक नहीं तो भाजपा आगे उन्हें किसी भी बात को लेकर तरजीह देने के मूड में नहीं है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी और जेडीयू के बड़े नेताओं के बीच हुई बातचीत में यह फॉर्मूला तैयार किया गया है।

यह भी पढ़ें- ‘दगों के लिए सोच-समझ कर चुना था उत्तर-पूर्वी दिल्ली’

नये फार्मूले यानी 25+2 का मतलब है कि विधानसभा चुनाव में चिराग को लड़ने के लिए 25 सीटें दी जाएगी और एनडीए की तरफ से लोजपा के दो नेताओं को विधान परिषद भेजा जाएगा। अल्टीमेटम के 24 घंटे बीत चुके हैं और अब तक चिराग की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। माना जा रहा है कि चिराग पासवान भले ही बगावती तेवर दिखा रहे हों लेकिन उनके पास 25+2 फार्मूले को मानने के सिवाय कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।

यह भी पढ़ें- DELHI RIOTS: शरजील इमाम ने खड़ा किया था दिल्ली का सबसे बड़ा धरना

जेडीयू नेता ललन सिंह और आरसीपी सिंह दिल्ली में हैं। उनकी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव के साथ लगातार बातचीत हो रही है। दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं की बैठक में यह साफ हो चुका है कि बीजेपी और जेडीयू दोनों बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

यह भी पढ़ें- सदर बाजार का बुरा हाल… न मास्क, न सोशल डिस्टेंसिंग और न सैनेटाइजर का इस्तेमाल

बताया जा रहा है कि जेडीयू की ओर से लगातार ज्यादा सीटों की मांग की जा रही है। लेकिन दूसरे दलों के एनडीए में शामिल होने के चलते अब यह मुमकिन नहीं दिखाई पड़ता है। चिराग पासवान को लेकर भी अभी कोई फाइनल फैसला नहीं हुआ है। जेडीयू और बीजेपी सिर्फ चिराग को दिए अल्टीमेटम का समय समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अगर चिराग नहीं मानते हैं तो बीजेपा और जेडीयू आपस में सीटें बांट लेंगी।
चिराग को चाहिए 42 सीटें
चिराग पासवान पिछले लंबे समय से यह बात कह रहे हैं कि जिस तरह लोकसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा हुआ था ठीक उसी तरह विधानसभा चुनाव में भी सीटें मिलनी चाहिए। वे 42 से कम सीटों पर लड़ने के लिए तैयार नहीं है। बीच में लोजपा के बड़े नेता सूरजभान सिंह एक फॉर्मूला लेकर आए थे जिसमें उन्होंने 34 सीटों की बात कही थी और यह भी कहा था कि इसमें 20 सीटें अपनी पसंद की लेंगे। लेकिन बीजेपी और जेडीयू इसको लेकर राजी नहीं है।
कुशवाहा को 5 और मांझी 3 का फार्मूला
बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यदि उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन एनडीए में शामिल होते हैं तो उन्हें 5 सीटें दी जा सकती हैं। जबकि मांझी पहले ही एनडीए में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में उनकी पार्टी हम को तीन सीटें मिलने की उम्मीद है। बीजेपी और जेडीयू इस बात सहमत हैं कि दोनों नेता अपनी पसंद की सीटें चुन सकते हैं।
तेजस्वी नहीं कर सकते नीतीश का सामनाः कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन छोड़ने का ऐलान करने के साथ ही कहा है कि सीटों की संख्या का मामला नहीं है। हम सीटों की संख्या पर समझौता कर सकते हैं। लेकिन राज्य की जनता बदलाव चाहती है, जनता की यह भी राय है कि वैकल्पिक नेतृत्व ऐसा हो जो नीतीश कुमार के सामने टिक सके। हम पहले भी कह चुके हैं कि राजद का मौजूदा नेतृत्व (तेजस्वी यादव) नीतीश कुमार के सामने नहीं टिक पाएगा।
36 सीटों पर अड़े पासवान
दिल्ली में लोक जनशक्ति पार्टी ने अभी कड़े तेवल अपना रखे हैं। लोजपा ने 36 से कम सीटों पर किसी भी हाल में समझौता नहीं करने का मन बना लिया है। लोजपा के नेताओं ने चिराग को सीएम चेहरा बता कर एनडीए से अलग होने के संकेत भी दिये हैं। यह माना जा रहा है कि जल्द ही चिराग पासवान एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने की घोषणा करेंगे।