DELHI RIOTS: साजिशकर्ताओं-चक्का जाम करने वालों को नहीं देंगे जमानतः कोर्ट

-जेएनयू छात्रा देवांगना कलिता की जमानत याचिका खारिज
-षडयंत्र के तहत किये गए विरोध प्रदर्शन-चक्का जामः कोर्ट

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली दंगों से जुड़ी गतिविधियों के मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि जिन लोगों ने साजिश के तहत विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम किये उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू की छात्रा और पिंजरा तोड़ गु्रप की सदस्य देवांगना कलिता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। देवांगना के खिलाफ फरवरी महीने में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों में आतंकवाद निरोधक कठोर कानून यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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एडिशनल सेषन जज अमिताभ रावत ने कहा कि जिसने साजिश रची हो, चक्का जाम किया हो, उसे बेल नहीं दे सकते। जज ने कहा कि मामले में गवाहों के बयान कलिता सहित कई आरोपियों के सीएए विरोधी प्रदर्शन स्थल पर गतिविधियां आयोजित करने में भूमिका दर्शाते हैं।

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यह गतिविधियां षडयंत्र के तहत की गई थीं। ताकि दंगे भड़काए जा सकें। जज ने 28 अगस्त को पारित अपने आदेश में कहा है कि आरोपियों ने योजना बनाकर चक्का जाम किया, जिससे योजना के तहत दंगे भड़काए जा सकें। रिकॉर्ड पर मौजूद बयान स्पष्ट तौर पर आरोपी देवांगना कलिता और दूसरे सह आरोपियों की भूमिका की ओर इशारा करते हैं कि उन्होंने षडयंत्र के तहत विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया।

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एडिशनल जज अमिताभ रावत ने टिप्पणी की कि आरोपी देवांगना और अन्य आरोपियों की भूमिका के बारे में गवाहों के बयानों और विभिन्न बयानों में उनके आचरण सामने आने के मद्देनजर मुझे यह कहते हुए संकोच नहीं है कि आरोपियों के खिलाफ लगे आरोप पहली नजर में सही हैं।
देवांगना की ओर से पेष हुए वकील ने अदालत से कहा कि चूंकि काई षडयंत्र नहीं था इसलिए जमानत के कड़े प्रावधान लागू नहीं करने चाहिए और मामले में गलत तरीके से अवैध गतिविधियां निवारण कानून लगाया गया है। अभियोजन देवांगना के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला पेश करने में विफल रहा है।

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दूसरी ओर स्पेशल प्रॉसिक्यूटर अमित प्रसाद ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कानून का विरोध करने की स्वतंत्रता है लेकिन हिंसक प्रदर्शन और षडयंत्र की अनुमति नहीं है। उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हिंसा के सिलसिले में कलिता को 23 मई को गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि कुछ छात्रों ने पिंजरा तोड़ गु्रप का गठन 2015 में किया था। इसका उद्देश्य महिला विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल और पेइंग गेस्ट हाउस में पाबंदियों के खिलाफ आवाज उठाना था। लेकिन बाद में इसकी सदस्य छात्राएं दुसरी गतिविधियों में शामिल पाई गई हैं।