-आखिर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दम भरने वाले नेताओं को फकीर की क्या जरूरतः अन्ना
-दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार किया है तो कार्रवाई क्यों नहीं कर रही मोदी सरकारः हजारे
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली की केजरीवाल सरकार के खिलाफ अन्ना हजारे को आंदोलन करने के लिए आमंत्रित करना दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को भारी पड़ा है। अन्ना ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता के पत्र का करारा जवाब दिया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पहले बीजेपी नेता अपने गिरेबान में झांकें और अपनी सरकार के भ्रष्टाचार को खत्म करें। अन्ना के करारे जवाब के बाद दिल्ली बीजेपी बैकफुट पर आ गई है।
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अन्ना हजारे ने दिल्ली बीजेपी नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए लिखा है कि एक पार्टी के लोगों को दूसरी पार्टी की कमियां और भ्रष्टाचार दिखता है। अपना भ्रष्टाचार किसी को नहीं दिखता। उन्होंने सवाल किया है कि क्या केंद्र की मोदी सरकार के भ्रष्टाचार उन्मूलन के सारे दावे खोखले हैं? 2014 में बीजेपी भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना दिखाकर सत्ता में आई थी। लेकिन जनता की परेशानी में कोई कमी नहीं आई। कभी खुद में भी झांक के देखना चाहिए और खामियों के खिलाफ बोलना चाहिए।
अन्ना हजारे ने यह भी लिखा है कि उन्होंने कभी पार्टी देखकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाई। राष्ट्र की भलाई के लिए पिछले 22 साल में 20 बार अनशन किया है। अब तक के आंदोलनों में छह मंत्रियों को अपने पद छोड़ने पड़े। इनमें हर पक्ष और पार्टी के लोग शामिल हैं। कभी किसी पार्टी का नाम देखकर आंदोलन नहीं किया। सारी पार्टियां सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता के चक्र में लगी हुई हैं।
अन्ना हजारे ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि वर्तमान में देश में कोई भी राजनीतिक दल ऐसा नहीं है जो देश को उज्जवल भविष्य की ओर ले जा रहा हो। सत्ता किसी भी पक्ष या पार्टी की हो, जब तक व्यवस्था नहीं बदलेगी तब तक लोगों के कोई राहत नहीं मिलेगी।