-रक्षा क्षेत्र में देसी कंपनियों को मिलेंगे 4 लाख करोड़ के ठेके
-आयात से बैन की सूची में राडार और हथियार भी शामिल
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
रक्षा मंत्रालय ने ’आत्मनिर्भर भारत’ की ओर कदम बढ़ाया है। इस अभियान को बड़े स्तर पर मदद के लिए रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार 9 अगस्त की सुबह कहा कि रक्षा क्षेत्र से जुड़ी 101 वस्तुओं को अब विदेशों से आयात नहीं किया जाएगा। ऐसी 101 वस्तुओं को अब विदेशों से आयात नहीं किया जाएगा।
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इस सूची में सामान्य पार्ट्स से लेकर कुछ हाई टेक्नोलॉजी वेपन सिस्टम भी शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय द्वारा एक निगेटिव आर्म्स लिस्ट तैयार की गई है। जिसके तहत कुछ वेपन सिस्टम्स और प्लैटफॉर्म्स के आयात पर बैन लगाने की घोषणा की गई है। इससे भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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इस सूची को सेना की जरूरत के हिसाब से समय-समय पर अपडेट भी किया जाएगा। राजनाथ सिंह के मुताबिक यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद किया गया है। इस फैसले से भारत की डिफेंस इंडस्ट्री को बड़े पैमाने पर उत्पादन का मौका मिलेगा।
6-7 साल में घरेलू उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य
रक्षा क्षेत्र में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने जो सूची तैयार की है, उसे सेना, पब्लिक और प्राइवेट इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ चर्चा के बाद तैयार किया गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि “इन 101 वस्तुओं में सिर्फ आसान वस्तुएं ही शामिल नहीं हैं बल्कि कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं। जैसे आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएचएस, रडार और कई अन्य आइटम शामिल हैं। जो हमारी रक्षा सेवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए हैं।“
दिये साढ़े तीन लाख करोड़ के ठेके
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ऐसे उत्पादों की करीब 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के ठेके दिये हैं। उन्होंने अनुमान जताया कि अगले 6 से 7 साल में रक्षा सेनाओं द्वारा घरेलू उद्योगों को करीब 4 लाख करोड़ रुपये के ठेके दिए जाएंगे।