NORTH DMC में जूता घोटालाः 4 साल से स्कूल में सड़ रहे थे हजारों जोड़ी जूते

-आम आदमी पार्टी नेताओं ने उठाए अधिकारियों की नीयत पर सवाल
-स्कूल के हॉल में रखे थे जूते, प्रिंसिपल को नहीं था मालूम

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में अब जूता घोटाला सामने आया है। जो जूते बच्चों के पैरों में होने चाहिए थे, वह एक स्कूल के हॉल में जमा थे। आरोप है कि यह हजारों जोड़ी जूते बीते चार से स्कूल के गोदाम पर पड़े थे, लेकिन उस स्कूल की प्रिंसिपल को ही मालूम नहीं था। बताया जा रहा है कि नगर निगम के शिक्षा विभाग से जुड़ा यह लाखों रूपये के भ्रष्टाचार का मामला है और इसकी वजह से ही इतने दिन बीत जाने के बावजूद बच्चों तक नहीं पहुंचे थे। मामला सामने आने के बाद अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षा निदेशक से लेकर आला अधिकारियों की नीयत और कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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दरअसल उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के सदस्य और आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद अजय शर्मा को जानकारी मिली थी कि रोहिणी क्षेत्र के एक स्कूल में बच्चों के हजारों जोड़ी जूते पिछले कई साल से रखे हैं। उन्होंने निगम में विपक्ष के नेता विकास गोयल के साथ रोहिणी सेक्टर-5 के निगम स्कूल में जाकर देखा, तो यह सूचना सही निकली। इसके बाद दोनों नेताओं ने इसकी सूचना शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी और उन्हें तत्काल मौके पर आने के लिए कहा। लेकिन कई घंटे बीत जाने के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे तो इसकी सूचना पीसीआर को दी गई।

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अजय शर्मा का आरोप है कि जब स्कूल की प्रिंसिपल से जूतों के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने इसकी जानकारी होने से मना कर दिया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यह हजारों जोड़ी जूते चार साल पहले ही जोन के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बांटे जाने थे। लेकिन अधिकारियों को भारी-भरकम कमीशन नहीं मिल पाने की वजह से न तो यह जूते बच्चों को बांटे गये और नाही जूतों की सप्लाई करने वाले ठेकेदार को भुगतान किया गया।

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निगम में विपक्ष के नेता विकास गोयल ने कहा कि एक ओर उत्तरी दिल्ली नगर निगम भारी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। दूसरी ओर अफसरों के द्वारा निगम को अलग अलग मामलों में निगम को करोड़ों रूपये की चपत लगाई जा रही है। यह अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि जब जूते आ गए थे तो तभी बच्चों को बांट दिये जाते। दोनों नेताओं ने पूरे मामले की जांच करके दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।