SDMC में सामने आया फिर करोड़ों का घोटाला

-फरीदाबाद और मुंबई में ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को दिया ठेका
-अफसरों ने 4500 रूपये में दिया 1300 रूपये के काम का ठेका
-सदन की मंजूरी मिलने से पहले ही जारी कर दिये वर्क ऑर्डर

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में एक बार फिर करोड़ों रूपये का घोटाला सामने आया है। जो काम वही कंपनियां पीएम मोदी के गुजरात के सूरत और अहमदाबाद में महज 1300 रूपये प्रति घंटे के आसपास करती हैं, वही काम एसडीएमसी के अधिकारियों ने 4500 रूपये प्रति घंटे से भी ज्यादा में दिया है। खास बात है कि अधिकारियों ने काम के ठेके से संबंधित प्रस्ताव सदन में पास होने से पहले ही कंपनी को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया। आरोप तो यहां तक हैं कि जो कंपनियां फरीदाबाद और मुंबई में ब्लैक लिस्टेड हैं, उन्हें दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने करोड़ों का ठेका दे दिया।

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भारतीय जनता पार्टी के शासन वाले नगर निगम में खुद निगम अधिकारी ही बीजेपी की पारदर्शिता की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। मामला सुपर सक्कर मशीनों के टेंडर से जुड़ा है। यह मशीनें सफाई के काम में आती हैं। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने सुपर सक्कर मशीनों के ‘ऑपरेटिंग एंड मेन्टेनेंस’ के लिए पांच टेंडर जारी किए थे। आरोप है कि यह ठेके 4470 रूपये प्रति घंटे के हिसाब से दिए गए हैं। इसी तरह के काम के लिए सूरत और अहमदाबाद में 1280 रूपये से 1380 रूपये प्रति घंटे के हिसाब से वहां के नगर निगम भुगतान कर रहे हैं।

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इन ठेकों के संबंध में खास बात यह भी है कि सूरत और अहमदाबाद में यह काम करने वाली कंपनियों को डीजल भी उसी 1280 से 1380 रूपये प्रति घंटे वाली राशि में से ही खर्च करना होता है। लेकिन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने अपने ठेकों में इन कंपनियों को डीजल के पैसों का अलग से भुगतान करने भी प्रावधान कर दिया है।
यह मामला दक्षिणी दिल्ली नगर निमम में कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने सदन की बैठक में उठाया।

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अभिषेक दत्त ने कहा कि एक ओर नगर निगम के पास कर्मचारियों की सेलरी देने के पैसे नहीं हैं। इसके लिए नगर निगम के अधिकारी लोगों के ऊपर तरह-तरह के नए टैक्स लगाने का प्रस्ताव ला रहे हैं। दूसरी ओर कुछ भ्रष्ट अधिकारी जनता के करोड़ों रूपये निजी कंपनियों को काम के नाम पर पानी की तरह बहा रहे हैं।
2017 में रद्द कर दिया था प्रस्ताव
कांग्रेस नेता एवं पार्षद अभिषेक दत्त ने कहा कि इसी तरह का प्रस्ताव 2017 में भी लाया गया था। तब एक कंपनी ने यही मशीनें खरीदने और ऑपरेटिंग के लिए दो टेंडर डाले थे। मेंटेनेंस के लिए इन्हीं में से एक कंपनी ने तब 2 हजार रूपये प्रति घंटे का प्रस्ताव किया था। लेकिन अधिकारियों की जस्टीफिकेशन में इसकी कॉस्ट मात्र 1300 रूपये प्रति घंटा आई थी। तब यही कंपनी 1300 रूपये प्रति घंटा में काम करने के लिए तैयार थी। लेकिन तब निगम को यह राशि ज्यादा लगी थी और वह टेंडर रद्द कर दिया गया था।
ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को टेंडर
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की मनमानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने दो ऐसी कंपनियों को 4 से 5 गुना ज्यादा राशि में टेंडर दे दिया जो कि दूसरे राज्यों में ब्लैक लिस्टेड हैं। कांग्रेस नेता अभिषेक दत्त ने आरोप लगाया कि इनमें से एक कंपनी फरीदाबाद और दूसरी कंपनी मुंबई में ब्लैक लिस्टेड है। इसके बावजूद अधिकारियों ने ऐसी कंपनियों को ठेका दे दिया है।