161 फुट ऊंचा होगा राम मंदिर का शिखर

-दो के बजाय पांच होंगे गुंबद, गर्भग्रह के ऊपर होगी शिखर पताका
-70 एकड़ जमीन पर होगा राम मंदिर की कई परियोजनाओं का निर्माण

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बनने जा रहे रामलला के भव्य मंदिर की ऊंचाई अब 161 फुट होगी। यहां दो के बजाय अब पांच गुंबदों का निर्माण किया जाएगा। राम जन्मभूमि मंदिर के प्रस्तावित मॉडल का संशोधित आर्किटेक्ट डिजाइन अब फाइनल हो गया है। मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा के बेटे निखिल सोमपुरा के मुताबिक मंदिर में एक शिखर होगा। इसके अलावा पांच गुंबद बनाए जाएंगे। पहले के मंदिर मॉडल में दो गुंबद और एक शिखर प्रस्तावित था।

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निखिल सोमपुरा के मुताबिक शिखर की ऊंचाई बढ़ाकर 161 फुट की गई है। जोकि पहले 141 फुट प्रस्तावित थी। इसके साथ ही गुंबदों की संख्या दो से बढ़ाकर पांच की गई है। मंदिर की जमीन का आकार भी बढ़ाया गया है। मंदिर निर्माण में पत्थरों का काम पूरा करवाने का दायित्व निखिल सोमपुरा और उनके भाई आशीष सोमपुरा को सौंपा गया है। जबकि तकनीकी काम एल ऐंड टी कंपनी करेगी।

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मंदिर में जिस स्थान पर रामलला का गर्भगृह बनेगा, उसके ऊपर के हिस्से को ही शिखर बनाए जाएगा। वहीं पांचों गुंबदों के नीचे के हिस्से में चार हिस्से होंगे। इनमें सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप बनाए जाएंगे। यहां श्रद्धालुओं के बैठने और अन्य गतिविधियां व विविध कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जगह रहेगी।
उद्घाटन के साथ शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे 5 अगस्त को मंदिर निर्माण कार्य का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही मंदिर निर्माण का काम तेज हो जाएगा। निखिल ने कहा कि हमारा सारा फोकस मंदिर के निर्माण को समय से पूरा करने पर होगा। इसको लेकर हमारी टीम काम कर रही है।
मूल मॉडल में नहीं कोई परिवर्तन
निखिल के मुताबिक राम मंदिर के मूल मॉडल में कोई परिवर्तन नही किया गया है। केवल मंदिर के शिखर की ऊंचाई बढ़ाई गई है और गुंबदों की संख्या दो से बढ़ाकर पांच की गई है। मंदिर की भव्यता बढ़ाने के लिए इसका जमीनी क्षेत्रफल भी बढ़ाया गया है। मंदिर में पत्थर वही लगेंगे जो राम मंदिर कार्यशाला में तराश कर रखे गए हैं। इन पत्थरों की साफ सफाई कर चमकानें का काम दिल्ली की एक कंपनी कर रही है।
70 एकड़ में होंगी कई परियोजनाएं
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 70 एकड़ का स्थान तय किया गया है। इसके केवर एक भाग पर ही राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। बाकी बची भूमि पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट दूसरी परियोजनाओं को मूर्त रूप देगा। इस क्षेत्र के लिए ट्रस्ट ने कई परियोजनाओं को लॉन्च करने की तैयारी कर दी है।