-पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल, मीडिया कमीशन के गठन की मांग
-मोदी सरकार से की नेशनल जर्नलिस्ट्स रजिस्टर बनाने की भी मांग
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
देशभर में पत्रकारों की हत्याओं और उत्पीड़न के खिलाफ देश के शीर्ष संगठन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने आवाज उठाई है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबंद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया (एनयूजेआई) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी और मध्यप्रदेश के निवाड़ी में पत्रकार सुनील तिवारी की हत्या के खिलाफ प्रेस क्लब से प्रधानमंत्री कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। एनयूजेआई ने प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन भी सौंपा।
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देशभर के पत्रकारों के शीर्ष संगठन एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी के नेतृत्व में आयोजित विरोध मार्च के साथ संगठन की ओर से पत्रकार सुरक्षा कानून लाने, मीडिया काउंसिल और मीडिया कमीशन के गठन के साथ ही पत्रकारों के उत्पीड़न, जबरन छंटनी, वेतन में कटौती और छोटे और मध्यम अखबारों की समस्याओं को दूर करने की मांग की गई।
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एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी के नेतृत्व में विभिन्न संस्थानों से जुड़े पत्रकारों ने प्रेस क्लब से विरोध मार्च शुरू किया। जिसे पुलिस ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पहले ही रोक लिया। विरोध मार्च में शामिल पत्रकारों को एनयूजेआई अध्यक्ष रास बिहारी सहित दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल महासचिव के पी मलिक, कोषाध्यक्ष नरेश गुप्ता, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा, एनयूजे की पूर्व कोषाध्यक्ष सीमा किरण ने संबोधित किया।
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इस अवसर पर अशोक किंकर, रणवीर सिंह, कुमार पंकज, सुजान सिंह, सुभाष चंद्र, सुभाष बारोलिया, बंसी लाल, ज्ञानेंद्र सिंह, उषा पाहवा, दीप्ति अंगरिष, अंजली भाटिया, अशोक बर्थवाल, राजेश भसीन, गोपीनाथ शर्मा, संजय गुप्ता, मनोज दीक्षित, नफेराम, प्रवीर दत्ता, अमित कुमार, सुभाष चंद्रा, मनमोहन, ओमप्रकाश सहित दर्जनों पत्रकार शामिल थे।
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प्रदर्शन के दौरान संगठन के नेताओं ने कहा कि विक्रम जोशी और तिवारी की हत्या पुलिस से सुरक्षा मांगने के बावजूद कर दी गई। मध्य प्रदेश के पत्रकार तिवारी ने दो महीने पहले अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी। इससे पहले कानपुर में बालू माफिया का पर्दाफाश करने पर पत्रकार शुभम त्रिपाठी की हत्या कर दी गई थी।
एनयूजे अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि पत्रकारों पर बढ़ते हमले, फर्जी मुकदमे और फर्जी पत्रकारों की बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून और राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर बनाने की आवश्यकता है। प्रेस काउंसिल की ताकत बढ़ाने और इलैक्ट्रानिक मीडिया को दायरे में लाने के लिए मीडिया काउंसिल बनाने की आवश्यकता है। डीजेए अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा कि पत्रकारों पर हमले रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार तुरंत प्रभावी कदम उठाएं। पत्रकारों की हत्या से कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति सामने आई है। कई स्थानों पर कवरेज के दौरान भी महिला पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतें बढ़ रही है। सरकार को इस ओर देने की जरूरत है।