दिल्ली बीजेपी पूर्वांचल मोर्चाः ज्यादातर पदाधिकारी कर रहे अध्यक्ष पद की दावेदारी

-विवादों में रहे नेता भी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल
-अपर व अदर्स में रस्साकसी, मंथन जारी यूपी या बिहारी?

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी संगठन में मोर्चों के गठन को लेकर भी मंथन जारी है। युवा मोर्चा के साथ ही महिला व पूर्वांचल मोर्चा के गठन के लिए कई दावेदार अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली बीजेपी में पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष पद के लिए जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों पर भी विचार किया जा रहा है।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए ज्यादातर पूर्वांचल मोर्चा के पदाधिकारी ही दावेदारी कर रहे हैं। इनमें निर्मल मिश्रा संतोष ओझा, शरद झा, रामदयाल महतो, नंद किशोर चौधरी, प्रेमजीत चौधरी, अमरनाथ झा अभय सिन्हा, चंदन चौधरी और सोनिया संजय सिंह के नाम प्रमुख रूप से बताये जा रहे हैं। खास बात है कि इनमें से ज्यादातर लोग अब भी पूर्वांचल मोर्चा की टीम में हैं।

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इनमें से निर्मल मिश्रा मोर्चे में महामंत्री रहे हैं। साथी ही संतोष ओझा दो-तीन बार से उपाध्यक्ष, शरद झा भी महामंत्री, नंद किशोर चौधरी अमरनाथ झा भी पदाधिकारी रह चुके हैं। चौंकाने वाला ना सोनिया संजय सिंह का है। सोनिया विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए भी दावेदार थीं। फिलहाल प्रदेश संगठन में भी पदाधिकारी बनने के लिए जोड़तोड़ में जुटी हैं और यदि प्रदेश में जगह नहीं मिल पाती है तो पूर्वांचल मोर्चा भी चलेगा।
विवादों में रहे चंदन चौधरी
पिछले दिनों भारी विवादों में रहे चंदन चौधरी भी पूर्वांचल मोर्चा का अध्यक्ष बनने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान चंदन चौधरी खासे विवादों में रहे थे। उन्होंने दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के ऊपर मारपीट के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने तब अपने व्यक्तिगत झगड़े को पूर्वांचलियों के साथ दुर्व्यवहार और अन्याय बताया था। हालांकि मामला संदेहजनक पाये जाने के चलते खुद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी चंदन चौधरी का साथ नहीं दिया था। अब वही चंदन चौधरी पूर्वांचल मोर्चा के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
मंथन जारी…. यूपी या बिहारी?
दिल्ली बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पार्टी में इस बात पर भी मंथन किया जा रहा है कि इस बार मोर्चा का अध्यक्ष बिहार से बनाया जाए या पूर्वी उत्तर प्रदेश से। दिल्ली बीजेपी में अब तक पूर्वांचल मोर्चा का अध्यक्ष बिहार से ही बनाया जाता रहा है। पार्टी के एक धड़े का मानना है कि जब पूर्वी उत्तर प्रदेश भी पूर्वांचल में आता है तो एक बार पूर्वी यूपी के व्यक्ति को भी अध्यक्ष बतौर मौका दिया जाना चाहिए। जबकि दूसरे धड़े का मानना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का थोड़ा सा हिस्सा ही पूर्वांचल में आता है, जबकि बिहार और झारखंड पूरे राज्य ही पूर्वांचल में गिने जाते हैं। ऐसे में बिहार से ही अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।
अपर या अदर्स पर रस्साकसी
पूर्वांचल मोर्चा के गठन को लेकर सवर्ण बनाम अदर्स की थ्योरी पर भी विचार किया जा रहा हैं सूत्रों का कहना है कि बिहार में भूमिहार और ओबीसी या अदर्स भी बहुत मायने रखता है। अतः पार्टी को दिल्ली की स्थिति को देखते हुए इस बात पर भी विचार करके निर्णय लेना होगा। अब तक ज्यादातर मोर्चा अध्यक्ष भूमिहार (अपर कास्ट) ही बनते रहे हैं। अब देखना यह है कि कार्यकर्ताओं में किसकी लॉटरी खुलती है।