NORTH DMC: प्रेस एवं सूचना निदेशालय में बड़ी चोरी!

– चोरी में गई पता बदलने की एप्रूवल की एक फोटो कॉपी
– निदेशक के आदेश पर कमला मार्केट थाने में दी तहरीर

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के प्रेस एवं सूचना निदेशालय कार्यालय में बड़ी चोरी की वारदात सामने आई है। इस चोरी की घटना में निदेशालय के एक कर्मचारी के निवास का पता बदलने की एप्रूवल की फोटोकॉपी चोरी हो गई है। इस घटना में सबसे खास बात यह है कि प्रेस एवं सूचना निदेशालय की निदेशक ने खुद इस मामले की एफआईआर कराने के आदेश जारी कर कमला मार्केट पुलिस थाने में तहरीर दिलाई है।

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दरअसल पूरा मामला सरकारी पैसे की बंदरबांट का बताया जा रहा है। मामला कहीं खुल न जाए, इसके चलते मामले की शिकायत करने वाले एक व्यक्ति सुबाष कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए कमला मार्केट थाने में सीनियर सैक्रेट्रियेट असिस्टेंट की ओर से लिखित शिकायत की गई है। निगम के सियासी अखाड़े में अब यह सवाल उठने लगे हैं कि अधिकारियों के पास काम करने के लिए समय नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार को दबाने के लिए शिकायत करने वालों चुप कराने के लिए हथकंडे अपनाने के लिए पूरा समय है।

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बताया जा रहा है कि प्रेस एवं सूचना निदेशालय में कार्यरत एक कर्मचारी के खिलाफ शिकायत की गई है। शिकायत में कहा गया है कि यह कर्मचारी अपने पिता के साथ मकान में रहते हुए नगर निगम से गैरकानूनी ढंग से एचआरए के नाम पर हर महीने भुगतान ले रहा है। मामला क्योंकि सरकारी विभाग में फैले भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इसकी जांच खुद निदेशक इरा सिंघल को करके मामले में कार्रवाई करनी थी।

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बताया यह भी जा रहा है कि शिकायत के साथ साक्ष्य बतौर उसी कर्मचारी के द्वारा अपने घर का पता बदलने से संबंधित विभाग की ओर से मिली एप्रूवल की फोटोकॉपी लगाई गई थी। मामले को दवाने के लिए विभाग के लिए आला अधिकारियों ने शिकायत करने वाले के खिलाफ ही सरकारी दस्तावेजों की चोरी करने की एफआईआर दर्ज कराने के लिए शिकायत कर दी है। आश्चर्य की बात है कि अधिकारियों ने विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया।
शिकायत में चोरी का जिक्र नहीं
कमला मार्केट पुलिस थाने में 15 जून 2020 को दी गई शिकायत में प्रेस एवं सूचना निदेशालय की ओर से दी गई शिकायत में कागजातों के चोरी होने का जिक्र नहीं किया गया है। यदि ऐसा किया जाता तो खुद अधिकारियों के अपने चहेते कर्मचारी फंस जाते। इसलिए शिकायत में ‘‘अनऑथराइज्डली एक्सेस्ड’’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। शिकायत में यह जिक्र भी नहीं किया गया कि शिकायत करने वाला कब, किस तरह और किस समय सरकारी दस्तावेजों तक पहुंचा।
अधिकारियों का भ्रष्टाचार को समर्थन
नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता के खिलाफ ही जवाबी कार्रवाई करने से अधिकारियों की नीयत का खुलासा हो गया है। इसी तरह की शिकायतें लगातार पार्किंग, विज्ञापन और लाइसेंसिंग विभागों से भी आ रही हैं। निगम को करोड़ों रूपये का चूना लगाया जा रहा है। लेकिन यही अधिकारी उन मामलों में भी चुप्पी साधे बैठे हैं।
विपक्ष ने साधा निशाना
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष आम आदमी पार्टी के पार्षद विकास गोयल ने कहा कि यह अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि सरकारी पैसे को बचाएं, यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी गलत ढंग से सरकारी पैसे का दुरूपयोग कर रहा है या गलत ढंग से पैसे ले रहा है तो उसपर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। यदि किसी ने शिकायत की है तो उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। अधिकारियों का यह रवैया गलत है, यदि जरूरत पड़ी तो हम बैठकों में भी इन मुद्दों को उठाएंगे।
शिकायतों की जांच करनी चाहिएः कांग्रेस
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस पार्षद दल के नेता मुकेश गोयल ने भी अधिकारियों की मनमानी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि भ्रष्टाचार की कोई भी शिकायत आती है तो उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। अधिकारियों का यह रवैया गलत है कि वह कागज कहां से आया, जबकि अधिकारियों को इस बात पर जोर देना चाहिए कि सरकारी पैसे की बंदरबांट नहीं हो। ऐसे अधिकारियों को तुरंत उनके पदों से हटाया जाना चाहिए जो निगम में बैठकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हों।
नहीं मिला जवाब
एटूजैड न्यूज ने प्रेस एवं सूचना निदेशक इरा सिंघल और विभाग को संभाल रहीं अतिरिक्त निदेशक रश्मि सिंह से मामले में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए एसएमएस किया। लेकिन दोनों ही अधिकारियों की ओर से खबर लिखे जाने तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।