बिहार में सियासी रार… महागठबंधन का खेल बिगाड़ेगा तीसरा मोर्चा

-बीजेपी के बागी यशवंत सिन्हा ने किया तीसरे मोर्चे का ऐलान
-सियासी विकल्प बनने को मोर्चे में शामिल होंगे कई दलों के नेता

टीम एटूजैड/ पटना
आने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार में सियासी जोड़-तोड़ वाले महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि एनडीए को भी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा ने शनिवार को बिहार में तीसरे मोर्चे का ऐलान कर दिया। उन्होंने बताया कि राज्य के बदहाल हालातों को देखते हुए उन्होंने तीसरे मोर्चे का गठन किया है। इस मौके पर उनके साथ इस मौके पर पूर्व सांसद अरूण कुमार, देवेंद्र यादव, पूर्व मंत्री नागमणि, नरेंद्र सिंह एवं रेणु कुशवाहा मौजूद रहे।
यशवंत सिन्हा ने खुला ऐलान किया कि तीसरा मोर्चा बिहार में एनडीए और महागठबंधन का विकल्प बनेगा। सिन्हा ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि इस मोर्चे में कौन-कौन शामिल हो रहे हैं। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि यशवंत सिन्हा खुद चुनावी मैदान में उतरेंगे या नहीं। तीसरा मोर्चा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेगा।
यशवंत सिन्हा ने यह भी कहा कि हम आने वाले चुनाव में मिलकर लड़ेंगे और प्रदेश के हालत को बदलने व बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे। वर्तमान बदहाली के लिए वर्तमान की एनडीए की सरकार जिम्मेदार है और हम मिलकर इसे हटायेंगे। सिन्हा ने बिहार में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, भ्रष्टाचार आदि के मुद्दों को उठाया। उन्होंने तीसरा मोर्चा बताने पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह समय बताएगा कि हम तीसरे हैं, दूसरे हैं या पहले हैं।
जुड़ेंगे अलग-अलग दलों के नेता
सिन्हा ने बताया कि उनके ससंपर्क में अलग-अलग दलों के लगभग एक दर्जन पूर्व सांसद, विधायक और विधान पार्षद हैं। बताया जा रहा है कि बिहार में पूर्व सांसद देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक नागमणि, बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी, पूर्व सांसद और दलित नेता पूरनमासी राम, जनता दल (राष्ट्रवादी) के संस्थापक अशफाक रहमान, अनिल कुमार, लोजपा (एस) के अध्यक्ष सत्यानंद शर्मा, पूर्व विधायक सिद्धनाथ राय सहित कई अन्य नेता नये मोर्चे में शामिल हैं।
बेहतर बिहार-बदलो बिहार का नारा
यशवंत सिन्हा ने बेहतर बिहार-बदलो बिहार का नारा दिया है। उन्होंने कहा कि अभी केवल हम यह बताने आये हैं कि हम बेहतर बिहार-बदलो बिहार के लिए चुनाव लड‍़ेंगे। व्यक्तिगत तौर पर कई नेता हमारे साथ हैं लेकिन आज केवल चुनाव लडने की बात करूंगा। बहुत लोग हमारे संपर्क में हैं औऱ दूसरे दलों के नेता भी हमसे जुड़ सकते हैं। लेकिन यदि कोई शर्त लेकर आएगा तो उस पर विचार किया जाएगा।
बिहार में अराजकता का माहौल
यशवंत सिन्हा ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि सरकार की नाक के नीचे से ट्रेजरी के पैसे गायब हो जाते हैं। हमलोग बिहार में एक शक्ति पैदा करना चाहते हैं और ये शक्ति ही बिहार का भविष्य तय करेगी।
मुश्किल में महागठबंधन
यशवंत सिन्हा के ऐलान के बाद बिहार में विपक्षी महागठबंधन की परेशानी बढ़ती दिखाई दे रही हैं। महागठबंधन के छोटे दलों ने कांग्रेस के आग्रह पर आरजेडी को और सात दिन का समय दिया है। ताकि महागठबंधन के भीतर एक समन्वय समिति का गठन किया जा सके। हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा है कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहती है तो वे अपने सारे विकल्प खुला रखेंगे। वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ जेडी (यू) – बीजेपी गठबंधन फिर से बिहार की सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त है। माना जा रहा है कि यदि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने जल्दी ही समन्वय समिति की बात नहीं मानी तो बिहार में महागठबंधन बिखर सकता है। इसका लाभ भी यशवंत सिन्हा का तीसरा मोर्चा उठा सकता है।