-दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में फर्जी हाजिरी घोटाला (पार्ट-4)
-दवाई छिड़कने के बजाय साहब की गाड़ी चला रहे कर्मचारी
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में चल रहे फर्जी हाजिरी घोटाले की परतें खुलती जा रही हैं। निगम में ऐसे बहुत से कर्मचारी हैं जो अपना काम करने के बजाय साहब की हाजिरी बजा रहे हैं। इसके बदले उन्हें बिना काम किये या काम पर ही पूरी सेलरी दी जा रही है। इसका ताजा उदाहरण दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के वेस्ट जोन के उप स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) के रूप में आया है।
यह भी पढ़ेंः- ‘फर्जी हाजिरी’ से SDMC को लगाया जा रहा 3 करोड़ का चूना
बीते शुक्रवार वेस्ट जोन डीएचओ सौरभ मिश्रा शाम को अपने घर जा रहे थे। इस दौरान डीएनडी फ्लाईओवर पर नोएडा पुलिस के कुछ अधिकारियों के साथ कहासुनी हो गई थी। उनकी ओर से इसकी शिकायत उनकी नोएडा पुलिस के आला अधिकारियों से की गई थी। शिकायत में बताया गया था कि पुलिस वालों ने उनके साथ जब अभद्रता की, उस समय डीएचओ की गाड़ी उनका ड्राईवर शाहरूख चला रहा था।
यह भी पढ़ेंः- DELHI BJP में जोरों पर जोड़-तोड़ व पेंतरेबाजी
अब सामने आया है कि शाहरूख ड्राईवर नहीं बल्कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कांट्रेक्चुअल फील्ड वर्कर (सीएफडब्लू) यानी मलेरिया बेलदार है। उसका काम जन स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा है और ड्यूटी वाले इलाके में दवाईयां छिड़कने का है। सूत्रों का कहना है कि नगर निगम में डीबीसी, सीएफडब्लू, एफडब्लू कर्मचारियों की भारी कमी है। इसके बावजूद ज्यादातर अधिकारियों ने इनमें से बहुत से कर्मचारियों को अपने व्यक्तिगत कामों के लिए रख लिया है। इसकी वजह से वह लोग फील्ड में जाते ही नहीं हैं और उन्हें साहब की हाजिरी बजाने का वेतन दिया जा रहा है।
यह भी पढ़ेंः- BIHAR: महागठबंधन में घमासान… मांझी चले अपनी राह… आरजेडी का रास्ता नहीं आसान
पूरे मामले में डीएचओ डॉक्टर सौरभ मिश्रा का कहना है कि सीएफडब्लू शाहरूख नोएडा में ही रहता है। हम दोनों आपस में एक दूसरे पर निर्भर हैं। वह समय से अपने काम पर आता है और बर्थ एंड डेथ सेक्शन में अपना काम निपटाता है।
ज्यादात अधिकारी करा रहे निजी सेवा
सीएफडब्लू शाहरूख का मामला अकेला नहीं है। सूत्रों का कहना है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के ज्यादातर अधिकारी निगमकर्मियों से निजी सेवा करवा रहे हैं। किसी ने अपने ड्राईवर तो किसी ने अपने निजी सेवक की तरह निगम के कर्मचारियों को घर से लेकर ऑफिस तक रख रखा है। इसकी वजह से नगर निगम के दूसरे कामों में लेटलतीफी चल रही है।
डीएचओ के पास फर्जी हाजिरी कांड की जांच
वेस्ट जोन के डीएचओ डॉक्टर सौरभ मिश्रा ही जोन में सामने आए फर्जी हाजिरी घोटाले की जांच कर रहे हैं। लेकिन अब नगर निगम में ही सवाल उठने लगे हैं कि जिस अधिकारी ने सीएफडब्लू कर्मचारी को फील्ड के काम के बजाय निजी सेवा में लगा रखा हो, वह दूसरे कर्मचारियों के फर्जीवाड़े की जांच कितनी ईमानदारी से करेगा?
सरकारी ड्राईवर नहीं मलेरिया बेलदार है शाहरूख
गलत कर रहे अधिकारीः बीजेपी
कांग्रेस ने उठाए अफसरों की नीयत पर सवाल
उच्च पदों से हटाए जाएं ऐसे अफसरः आप
वेस्ट जोन से ही सामने आया है फर्जी हाजिरी घोटाला
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में चल रहे ‘फर्जी हाजिरी घोटाले’ की परतें जैसे-जैसे खुलती जा रही हैं। वैसे-वैसे सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि डीबीसी व सीएफडब्लू कर्मचारियों की फर्जी हाजिरी लगाकर कर्मचारियों, अधिकारियों व नेताओं द्वारा मोटी कमाई की जा रही है। यही कारण है कि साक्ष्यों के साथ शिकायतों के बावजूद सत्तारूढ़ बीजेपी नेता भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। ताजा मामला पश्चिमी क्षेत्र (वेस्ट जोन) का है और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में यह घोटाला करीब तीन करोड़ रूपये का बताया जा रहा है।
वार्ड संख्या 1-एस महापौर सुनीता कांगड़ा का है। यहां कार्यरत डीबीसी कर्मचारी रिषिपाल, नवंबर 2019 में 9 दिन ड्यूटी पर नहीं आया, लेकिन पहले अनुपस्थिति लगाने के बाद रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज करके पूरी हाजिरी का वेतन दिला दिया गया। इसी तरह डीबीसी कर्मचारी विरेंद्र को 8 दिन, सतपाल को 3 दिन, सीएफडब्लू धर्मेद्र को 2 दिन, विनोद को 10 दिन, अजय को 4 दिन और रवि को एक दिन का वेतन बिना काम किए दिला दिया गया।