NORTH DMC: नामांकन में नहीं पहुंची निदेशक

-नेताओं पर अफसर भारी… कुर्सी छोड़कर काम नहीं कर रहे अधिकारी

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में अधिकारियों की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है। हालात यहां तक बिगड़ गए हैं कि निगम अधिकारी बीजपे नेताओं या कहें कि शीर्ष पदों पर बैठे महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष को भी कुछ नहीं समझ रहे। ऐसा ही एक नजारा बुधवार को उत्तरी दिल्ली के महापौर पद के नामांकन के समय देखने को मिला।

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महापौर, उप महापौर और कुछ दूसरे पदों के लिए बुधवार को नामांकन की आखिरी तारीख थी। महापौर और उप महापौर तो नामांकन करने पहुंच गए लेकिन निगम के प्रचार एवं सूचना निदेशालय के आला अधिकारी अपने कार्यालय की कुर्सी छोड़कर निगम सचिव कर्यालय में नहीं आए। इस मौके पर विभाग के दो लोगों को भेजकर काम चला लिया गया।

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दरअसल पब्लिसिटी एंड इनफॉरमेशन विभाग के मुखिया इससे पहले आम तौर पर ऐसे मौकों पर मौजूद रहते आए हैं। लेकिन जब से विभाग की जिम्मेदारी इरा सिंघल ने संभाली है, तब से विभाग का कामकाज ठीक नहीं चल रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि मीडिया को भी नामांकन के समय की जानकारी नहीं दी गई। जबकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, जब मीडिया को इसकी जानकारी नहीं दी गई हो।

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जिम्मेदारी नहीं निभा रहे आला अधिकारी
पिछले कुछ दिनों में देखने में आया है कि पब्लिसिटी एंड इनफॉरमेशन विभाग के आला अधिकारी अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा रहे हैं। अपने कर्तव्यों पर ध्यान देने के बजाय ‘विशेषाधिकार’ की बात कर रहे हैं। विभाग ने खुद माना है कि मीडिया के साथ इनफॉरमेशन के सिस्टम को रेग्युलर बेस पर मेनटेन करना व मीडिया पर्सन्स के साथ गुड रिलेशनशिप और अंडरस्टेंडिंग बनाए रखना निदेशक की जिम्मेदारी हैं।
विशेषाधिकार के नाम पर मनमानी
पब्लिसिटी एंड इनफॉरमेशन निदेशालय के अधिकारी विशेषाधिकार के नाम पर निगम को अपनी निजी संपत्ति मानकर बैठ गए हैं। निदेशक की ओर से बुधवार को महापौर और उप महापौर के नामांकन के कार्यक्रम की कोई सूचना मीडिया पर्सन्स को नहीं भेजी गई। ऐसा ही एक मामला पिछले सप्ताह तीनों नगर निगमों के नेताओं की संयुक्त प्रेस वार्ता के समय भी देखने को मिला था। तब भी निगम को कवर करने वाले सभी पत्रकारों को पब्लिसिटी एंड इनफॉरमेशन निदेशालय की ओर से सूचना नहीं भेजी गई थी।
निगम नेतृत्व में बढ़ रही नाराजगी
अधिकारियों के रवैये को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेताओं में लगातार नाराजगी बढ़ती जा रही है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अधिकारी ज्यादा काम होने का बहाना बनाकर अपने ऑफिस में बैठे कुर्सियां तोड़ते रहते हैं। यदि इनके पास ज्यादा काम है तो फिर कुछ विभाग खुद ही क्यों नहीं छोड़ रहे हैं? उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जल्दी ही कुछ विशेष बदलाव देखने को मिलेंगे।