SDMC: एक ही जगह वर्षों से टिके कर्मी चला रहे धंधा… करोड़ों का ‘फर्जी हाजिरी घोटाला’ पार्ट-3

8-10 साल से एक ही जोन में टिके लोगों पर मेहरबान आला अधिकारी
बिना ड्यूटी पर आए ही दी जा रही डीबीसी, सीएफडब्लू को सेलरी

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में करो़ड़ों का ‘फर्जी हाजिरी घोटाला’ सामने आया है। अब पता चला है कि निगम के जन स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से एक ही जोन में टिके हुए विभाग कनिष्ठ अधिकारी भी इस काम को अंजाम देने का जरिया बने हुए हैं। वेस्ट जोन के बाद अब नजफगढ़ जोन से भी फर्जी हाजिरी घोटाले के दस्तावेज एटूजैड न्यूज के हाथ लगे हैं। इस मामले में भी निगम आयुक्त से लेकर एमएचओ और जोन उपायुक्त या डीएचओ ने कोई कार्रवाई नहीं की।

यह भी पढ़ेंः- SOUTH DMC में करोड़ों का घोटाला… बिना काम के हाजिरी लगाकर नेताओं-अफसरों को पहुंच रहा चढ़ावा!

फर्जी हाजिरी घोटाला किसी एक वार्ड या जोन में नहीं बल्कि पूरे नगर निगम में जारी है। मिले दस्तावेजों के मुताबिक नजफगढ़ जोन के वार्ड 43 एस में भी बिना काम पर आए ही डीबीसी और सीएफडब्लू कर्मियों को वेतन का भुगतान करा दिया गया। इनमें शिवदर्शन, रामनिवास, सुरेश, रोहित, मंजीत, कैलाश, सतीश, महावीर, मनेंद्र, खेमचंद, नरेश, सुरेंद्र, श्रीपाल, रामअवतार, चंदन, प्रवीन और मनोज को बिना काम पर आए ही वेतन का भुगतान करा दिया गया।

यह भी पढ़ेंः- बख्शे नहीं जाएंगे अनुशासनहीनता करने वालेः आदेश गुप्ता

नजफगढ़ जोन में 8-10 साल से अड्डा
प्राप्त दस्तावेज बताते हैं कि नगर निगम के जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखा हुआ है। नियमानुसार किसी भी वरिष्ठ या कनिष्ठ अधिकारी को तीन साल से ज्यादा एक ही स्थान पर नहीं रखा जाना चाहिए। लेकिन नजफगढ़ जोन में ऐेसे कई लोग हैं जो जन स्वास्थ्य विभाग में अड्डा जमाए हुए है।।
इनमें एमआई रोताश, गनेशी लाल, प्रेमसुख, सुभाष त्यागी और अमरदीप के नाम प्रमुख रूप से बताये जा रहे हैं। खास बात है कि अमरदीप को विभागीय अधिकारियों ने एएमओ बना रखा है जबकि रोहताश को स्टोर का इंचार्ज बना दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इनमें से कई लोगों को इस ‘फर्जी हाजिरी घोटाले’ को बढ़ावा देने का इनाम दिया गया है।

यह भी पढ़ेंः- चुकाना था घर का किराया… प्रेमी से कटवा दिया दोस्त का गला

वेस्ट जोन में रिटायर्ड एएमआई के हाथों खरीदारी की कमान
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के वेस्ट जोन का भी यही हाल है। यहां एमआई सुरेश, मामचंद, देवेंद्र डागर, सोमनाथ व एएमआई सुभाष को वार्ड के साथ स्टोर की जिम्मेदारी दी गई है। इन लोगों को भी 8 से 10 साल एक ही जोन में हो गए हैं। केवल यही नहीं यहां स्टोर के लिए खरीदारी की जिम्मेदारी रिटायर्ड एएमआई ऋषिकांत को दी गई है। इनमें से कई लोगों पर निगम के आला अधिकारियों का वसूली एजेंट होने का आरोप है।
अगली खबरों में बताएंगे डीएचओ, एएमओ का क्या रहा रवैया
निगम के जन स्वास्थ्य विभाग में चल रहे करोड़ों के हाजिरी घोटाले की जानकारी निगम के आला अधिकारियों को भी है। क्योंकि उन्हें इसकी शिकायत लिखित और मौखिक रूप से की गई थी। लेकिन शायद यह भ्रष्टाचार का ही असर है कि उनका रवैया मामले का टालने और आवाज को दबाने का ही रहा। अगली खबरों में हम इसका भी खुलासा करेंगे।
अधिकारियों की चुप्पी
मामला सामने आने के बाद से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। एटूजैड न्यूज ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के संबंधित पक्ष के कई आला अधिकारियों से इस मामले में सटीक जानकारी चाही। लेकिन हफ्तों बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी इस मामले में अपना मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं है। यदि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की ओर से इस मामले में कोई भी पक्ष रखा जाता है तो उसे भी यथास्थान दिया जाएगा।
आप भी हैं शिकार, तो हमसे करें बात
यदि आप आला अधिकारियों या नगर निगम के दूसरे लोगों की मनमानी और भ्रष्टाचार के शिकार हैं। तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। हम आपकी आवाज को पहचान देंगे। आप हमें भ्रष्टाचार के सबूत मुहैया कराएं। आप चाहेंगे तो आपकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी। आप हमें मोबाइल नंबर 9810103181 या ईमेलः newsa2z786@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं। याद रहे कि आपकी किसी निजी रंजिश में हम सहभागी नहीं बनेंगे।