फिर गरमाया अर्पित होटल मामला… बढ़ीं डॉक्टर रावत की मुश्किलें

-डिप्टी सैक्रेट्री होम ने बुलाई बैठक, अधिकारियों से मांगी एटीआर
-बैठक में तलब किए गए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी
विजीलेंस विभाग द्वारा जारी आरडीए/पैनल्टी में शामिल लोगों की सूची
विजीलेंस विभाग द्वारा डॉक्टर अशोक रावत व 9 अन्य लोगों के खिलाफ जारी आरडीए संबंधित पत्र।

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
पिछले साल फरवरी महीने में हुई अर्पित होटल में आग की घटना का मामला एक बार फिर गरमाता जा रहा है। फरवरी 2019 में करोलबाग और जनवरी 2018 में हुई बवाना में आग की घटनाओं के मामले में दिल्ली सरकार के गृह विभाग के डिप्टी सैक्रेट्री ने मंगलवार 9 जून को निगम अधिकारियों को तलब किया था। बताया जा रहा है कि डिप्टी होम सैक्रेट्री ने इन घटनाओं में दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है।

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दिल्ली सरकार के गृह विभाग के डिप्टी होम सैक्रेट्री विवेक कुमार नरेश ने अर्पित होटल में हुई आग की घटना के मामले में मंगलवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर को तलब किया था। इस बैठक में दिल्ली पुलिस आयुक्त, डीएसआईआईडी के प्रबंध निदेशक, सेंट्रल डिस्ट्रिक के

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जिलाधिकारी और दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक को भी बुलाया गया था।
बताया जा रहा है कि गृह विभाग ने बवाना और अर्पित होटल मामलों में संबंधित आला अधिकारियों से इन घटनाओं के लिए दोषी लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है। बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में वर्तमान निगम स्वास्थ्य अधिकारी (एमएचओ) डॉक्टर अशोक रावत को अर्पित होटल मामले में बड़ा जिम्मेदार माना गया था।

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डॉक्टर अशोक रावत फिलहाल कोरोना के मामले की जाने वाली व्यवस्थाओं को लेकर तीनों नगर निगमों के नोडल अधिकारी की भूमिका निभा रहे है। उनके साथ हाल ही में निगम बोध घाट को लेकर एक विवाद जुड़ गया है कि अच्छे खासे चलते काम को रोकने के लिए उन्होंने घाट का संचालन करने वाली समिति को करार खत्म करने का नोटिस जारी कराया था।

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गौरतलब है कि करोलबाग के अर्पित होटल में 12 फरवरी 2019 को आग की बड़ी घटना हुई थी। इस घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस मामले में संबंधित निगम अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही बरतने के लिए एफआईआद दर्ज की गई थी। उस समय डॉक्टर अशोक रावत करोलबाग जोन के उप स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) की जिम्मेदारी निभा रहे थे।

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उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने विभागीय कार्रवाई करते हुए डॉक्टर अशोक रावत के सहित कुल 10 लोगों के खिलाफ रेग्युलर डिपार्टमेंटल एक्शन (आरडीए) दर्ज किया था। इसमें डॉक्टर अशोक रावत के खिलाफ मेजर पैनल्टी की सजा की सिफारिश की गई थी। इस घटना के अलावा भी डॉक्टर अशोक रावत के खिलाफ नगर निगम में भ्रष्टाचार, लापरवाही और दूसरे मामलों में कई तरह की कार्रवाई की गई हैं।

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इसके बावजूद निगम के आला अधिकारियों ने डॉक्टर रावत का प्रमोशन करते हुए उन्हें निगम स्वास्थ्य अधिकारी (एमएचओ) के पद देकर 17 लोगों की मौत के जिम्मेदार व्यक्ति को सम्मानित कर दिया है। बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में सीनियरिटी के लिहाज से डॉक्टर अशोक रावत से कई लोग सीनियर हैं। लेकिन निगम अधिकारियों ने दूसरे सीनियर अफसरों को साइडलाइन करके डॉक्टर रावत को एमएचओ का पद दिया हुआ है।