-एनयूजे (इंडिया) ने व्यक्त की गंभीर चिंता
-आनंद बाजार पत्रिका से संपादक का इस्तीफा
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (एनयूजेआई) ने पश्चिम बंगाल में पत्रकारों की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। एनयूजे ने कहा है कि ममता सरकार प्रेस की आवाज को दवाने का काम कर रही है। भारत के संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है। इसी के तहत पत्रकारों को बिना दबाव के अपना काम करने की आजादी है। लेकिन पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पत्रकारों को सुरक्षा देने के बजाय परेशान कर रही है।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल में बंगाली के सबसे ज्यादा प्रसार वाले आनंद बाजार पत्रिका के संपादक अनिर्बान चटोपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्हें कोलकाता पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था और लंबे समय तक रोके रखा। एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार बार बार मीडिया को धमकी दे रही हैं। उनकी सरकार द्वारा पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है। वर्तमान घटना पश्चिम बंगाल में मीडिया की स्वतंत्रता के लिए खतरे का स्पष्ट मामला है। संपादक को बुलाना कुछ भी नहीं है, लेकिन पत्रकारों का उत्पीड़न और उन्हें डराना प्रेस की स्वतंत्रता के स्पष्ट उल्लंघन का मामला है।
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एनयूजेआई ने प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि वे इस तरह की घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान दें। क्योंकि इस तरह की घटनाएं पश्चिम बंगाल में बार-बार हो रही हैं। पत्रकारों को बिना किसी धमकी और दबाव के माहौल में काम करने का अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाए।
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एनयूजेआई महासचिव प्रसन्ना मोहंती ने कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रेस की स्वतंत्रता को तार-तार करने का ऐसा प्रयास अत्यंत निंदनीय है । पश्चिम बंगाल की वर्तमान राज्य सरकार को इस तरह के मीडिया विरोधी स्टैंड से परहेज करना चाहिए और प्रेस को बिना किसी बाहरी दबाव या धमकी के कार्य करने का माहौल दिया जाना चाहिए।