-एसडीएमसी ने एनसीआर में रहने वाले कर्मियों को दिल्ली में रहने के लिए की अलाउंस की घोषणा
-नॉर्थ डीएमसी के कोरोना वॉरियर्स की मांग पर नहीं गया कमिश्नर का ध्यान
नगर निगम के कोरोना वॉरियर्स अपनी जान दांव पर लगाकर कोरोना महामारी के दौरान अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। लेकिन उनकी समस्याओं को लेकर आला अधिकारियों को कोई चिंता नहीं है। मामला एनसीआर के इलाकों में रहकर नगर निगम को सेवा देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से जुड़ा है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों द्वारा दिल्ली बॉर्डर से आने-जाने पर सख्ती बढ़ाने के बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अपने कर्मियों के लिए दिल्ली में रहने के लिए विशेष अलाउंस की घोषणा की है। लेकिन नॉर्थ दिल्ली नगर निगम की आयुक्त सहित दूसरे अधिकारियों को इसकी कोई चिंता नहीं है।
बता दें कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों के डॉक्टर्स सहित सभी स्वास्थ्यकर्मी और सफाई कर्मचारी कोरोना महामारी के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी कर रहे हैं। तीनों निगमों के करीब 35 फीसदी कर्मचारी और अधिकारी दिल्ली से बाहर एनसीआर क्षेत्र में रहते हैं। उन्हें अपनी ड्यूटी निभाने के लिए रोजाना बॉर्डर पार करके दिल्ली आना होता है। इन सभी कोरोना वॉरियर्स को लॉकडाउन शुरू होते ही बॉर्डर पर परेशान किया जाने लगा था।
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हरियाणा और उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे इलाकों में कोरोना के मरीज बढ़ने की वजह से दोनों राज्यों ने बॉर्डर के आर-पार जाने पर सख्ती कर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुबह 9 बजे से सांय 6 बजे तक सरकारी कर्मचारियों के आने जाने पर रोक लगा दी है। वहीं हरियाणा सरकार ने भी अपनी सीमाओं को सील कर दिया है। ऐसे में दिल्ली में नगर निगम की ड्यूटी निभा रहे कोरोना वॉरियर्स आने-जाने की परेशानी के साथ ही रोजाना अपमान झेलना पड़ रहा है।
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म्यूनिसपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली डॉक्टर्स एसोसिएशन ने डॉक्टर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को दिल्ली की सीमाओं पर होने वाली इस परेशानी से उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आला अधिकारियों को पहले ही अवगत कराया था। लेकिन निगम आयुक्त और दूसरे अधिकारियों ने इस मामले में इन कोरोना वॉरियर्स की कोई मदद नहीं की। निगम आयुक्त वर्षा जोशी से जब इस मामले में मैसेज के जरिए जानकारी मांगी गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली। वहीं प्रेस एवं सूचना निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहीं इरा सिंघल ने बताया कि यदि कहीं से कोई शिकायत आती है तो उसे दूर करने की कोशिश की जाती है।
आश्चर्य की बात है कि उत्तरी दिल्ली की निगम आयुक्त और दूसरे आला अधिकारियों ने अपने कोरोना वॉरियर्स की इस समस्या का अब तक कोई स्थायी समाधान निकालने की कोशिश नहीं की है। जबकि इस मामले में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने बाजी मारी है। यूपी और हरियाणा की ओर से अपने अधिकारियों और कर्मचारियों होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए एसडीएमसी ने स्थायी समाधान निकालते हुए कोरोना वॉरियर्स को दिल्ली में ठहरने के लिए विशेष भत्ता देने की घोषणा की है।
अधिकारियों को 2 हजार और कर्मियों को 1100 देगा एसडीएमसी
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने एनसीआर के इलाकों में रहने वाले अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए दिल्ली में रहने के लिए भत्ते की घोषणा की है। लॉकडाउन के दौरान एसडीएमसी के जो अधिकारी और कर्मचारी दिल्ली से बाहर रहते हैं वह अपनी सुविधा के अनुसार दिल्ली में किसी भी होटल, गेस्ट हाउस या कम्युनिटी सेंटर में रह सकते हैं। एसडीएमसी अपने ए और बी श्रेणी के अधिकारियों को 2 हजार रूपये प्रति दिन और सी व डी श्रेणी के कर्मचारियों को 1100 रूपये प्रतिदिन भुगतान करेगा। इसके लिए संबंधित कर्मियों को अपने अपने जोन के उपायुक्तों से अनुमति लेनी होगी। ऐसे सभी कर्मियों को इसका लाभ उठाने के लिए अपने अपने विभागाध्यक्षों को भुगतान के बिलों के साथ आवेदन करना होगा।