-70 विधायकों में सबसे ज्यादा अनुभव वाले विधायक हैं बिष्ट
-विजेंद्र गुप्ता के नाम की भी चर्चा, प्रोटेम स्पीकर होंगे मोहन
-पार्टी बदलते रहे हैं बदरपुर से विधायक रामबीर सिंह बिधूड़ी
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। करावल नगर से विधायक मोहन सिंह बिष्ट को इस पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। खास बात है कि पांचवीं बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे मोहन सिंह बिष्ट 70 विधायकों में सबसे वरिष्ठ हैं और 24 फरवरी को होने वाली पहली बैठक के लिए उन्हें प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी सोंपी जा सकती है। यानी मोहन सिंह बिष्ट ही बाकी विधायकों को शपथ दिलाएंगे। बता दें कि किसी भी विधानसभा में चुनाव के बाद प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी सबसे वरिष्ठ नेता को सोंपी जाती है।
बीजेपी ने पार्टी महासचिव सरोज पांडेय को दिल्ली विधानसभा के लिए पार्टी विधायक दल का नेता चुनने की जिम्मेदारी सोंपी है। एक-दो दिन में ही इसका फैसला होना है। हालांकि अभी पार्टी विधायक दल की औपचारिक बैठक का ऐलान नहीं किया गया है। बता दें कि मोहन सिंह बिष्ट 1998, 2003, 2008, 2013 के चार चुनाव लगातार जीते थे। 2015 में आम आदमी पार्टी की लहर में वह चुनाव हार गए थे। 2020 में वह फिर से करावल नगर सीट से पांचवीं बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट शुरू से आरएसएस के स्वयं सेवक रहे हैं और पार्टी में कई पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता पद के लिए दूसरे दावेदार निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का हैं। विजेंद्र गुप्ता रोहिणी विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। 2015 में बीजेपी के केवल तीन विधायक चुने गए थे। पार्टी नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए 10 फीसदी का आधिकारिक आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई थी। तीनों ही विधायक नए होने की वजह से पार्टी ने विजेंद्र गुप्ता को नेता प्रतिपक्ष बनाया था। अब विजेंद्र गुप्ता को एक कार्यकाल का नेता प्रतिपक्ष के पद का अनुभव है। इसी आधार पर उनकी ओर से दावेदारी की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष पद के लिए बीजेपी में तीसरे दावेदार बदरपुर से विधायक रामबीर सिंह बिधूड़ी को माना जा रहा है। वह 1993 में जनता दल, 2003 में एनसीपी और 2013 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते थे। 2015 का चुनाव वह हार गए थे, लेकिन अब 2020 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर वह फिर से जीत गए हैं।
पार्टी बदलते रहे बिधूड़ी
बार-बार अपनी पार्टी बदलना रामबीर सिंह बिधूड़ी के खिलाफ जा रहा है। वह 1989 से 1996 तक जनता दल में रहे। 1996 से साल 2000 तक बिधूड़ी कांग्रेस में रहे। इसके बाद 2000 में उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ज्वॉइन कर ली थी। 2007 में एक बार फिर बिधूड़ी वापस कांग्रेस में चले गए और वहां 2012 तक रहे। 2012 में रामबीर सिंह बिधूड़ी बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद बीजेपी के टिकट पर वह दूसरी बार विधायक चुने गए हैं।