-सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, अब केजरीवाल सरकार देगी तोहफा
-हाई कोर्ट ने सितंबर 2018 में लगाई थी सरकार के फैसले पर रोक
टीम एटूजेड/नई दिल्ली
राजधानी में सियासी माहौल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के फैसले को हरी झंडी दे दी है। अदालत के आदेश के बाद दिल्ली सरकार दिवाली से पहले इसकी अधिसूचना जारी कर सकती है। ऐसे में दिल्ली के विभिन्न व्यापारिक, औद्योगिक व अन्य संस्थानों में काम करने वालों को दिवाली का तोहफा मिल सकता है। अब अपने संस्थानों में कर्मचारी रखने के लिए नियोक्ताओं को ज्यादा पैसे देने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ग्रेजुएट कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 19,572 रुपये प्रतिमाह करने को हरी झंडी दे दी है।
बता दें कि 2017 में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के दिल्ली सरकार के फैसले का अलग-अलग संगठनों ने चुनौती दी थी। कुछ नियोक्ता केजरीवाल सरकार के वेतन बढ़ाने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे। इसके बाद कोर्ट ने बीते 4 सितंबर 2018 को न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के फैसले पर पर रोक लगा दी थी।
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने सरकार को न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने खोला वेतन बढ़ाने का रास्ताः
दिल्ली की केजरीवाल सरकार अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी प्रति माह 14,842 रुपये, अर्ध कुशल श्रमिकों के लिए 16,341 रुपये और कुशल श्रमिकों के लिए 17,991 रुपये करने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली में ग्रेजुएट कर्मचारियों को 19,572 रुपये प्रतिमाह से कम वेतन नहीं दिया जा सकता।
मिलेगा पिछले 10 माह का महंगाई भत्ताः
सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद दिल्ली सरकार का रास्ता खुल गया है। केजरीवाल सरकार का कहना है कि 10 माह का बकाया पिछला महंगाई भत्ता भी श्रमिकों को दिलवाया जाएगा। दिल्ली सरकार जल्दी ही अधिसूचना जारी करने के साथ यह भी सुनिश्चित करेगी कि मजदूरों को उनका वाजिब हक मिल सके।