-गुरूवार को दिल्ली पुलिस ने खत्म कराया सिविक सेंटर पर एक महीने से चला आ रहा डीबीसी कर्मियों का धरना
-धरना स्थल से की गिरफ्तारी, 8 अलग अलग थानों में ले जाकर बैठाया फिर छोड़ा
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 30 अक्टूबर, 2025।
एक माह से चले आ रहे दिल्ली नगर निगम के एमटीएस कर्मियों के धरना-प्रदर्शन के मामले में गुरूवार को नया मोड़ आ गया। सुबह सवेरे ही दिल्ली पुलिस के अधिकारी भारी दल-बल के साथ सिविक सेंटर के गेट संख्या 5 पर पहंच गये। एमसीडी के एमटीएस (डीबीसी-सीएफडब्लू) कर्मचारी इसी स्थान पर अपनी मांगों को लेकर धरना देते आ रहे थे। परंतु गुरूवार की सुबह दिल्ली पुलिस ने इन हडताली कर्मचारियों को गिरफ्तार कर बसों में बैठा लिया। इन्हें अलग अलग थानों में लेजाकर पहले पूरे दिन रोका गया और बाद में करीब 5-5ः30 बजे रिहा कर दिया गया।
एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन के नेता मदन पाल और देवेंद्र शर्मा ने ऐलान किया है कि सभी एमटीएस कर्मचारियों का आंदोलन उनकी मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शुक्रवार को फिर से सभी कर्मचारी सिविक सेंटर के गेट संख्या 5 पर पहले की तरह धरना देंगे। कर्मचारी नेताओं ने आगे कहा कि उनका धरना पूरी तरह से शांति पूर्ण है और आगे भी यह शांति पूर्ण तरीके से जारी रहेगा।
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के दौरान हड़ताली कर्मचारियों ने एमसीडी, निगम आयुक्त, दिल्ली के महापौर और दिल्ली की मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके पश्चात दिल्ली पुलिस के अधिकारी उन्हें डिटेन करके पटेल नगर, आनंद पर्वत, आजादपुर, बवाना, रणजीत नगर, नरेला इंडस्ट्रियल ऐरिया, आईटीओ और कमला मार्केट थानों में ले गये।
हमने उन्हें शुक्रवार को फिर से बातचीत के लिए बुलाया हैः राजा इकबाल सिंह
दूसरी ओर दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने इस मामले में कहा है कि ‘हम पूरी तरह से अपने एमटीएस कर्मचारियों साथ हैं। हम कर्मचारी नेताओं को शुक्रवार को फिर से बातचीत के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि उनकी जो भी जायज मांगें हैं उन्हें एमसीडी अधिकारियों के साथ बैठाकर पूरा किया जाये। हमारा प्रयास है कि इस मामले में जो भी कानूनी अड़चनें आ रही हैं उन्हें दूर किया जा सके।
मेयर के इशारे पर पुलिस पुलिस ने एमटीएस कर्मियों को हटायाः अंकुश नारंग
दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता अंकुश नारंग ने एक बयान में कहा कि पिछले एक महीने से समान वेतन समेत तीन मांगों को लेकर सिविक सेंटर के बाहर हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को अंततः भाजपा सरकार से निराशा हाथ लगी। गुरुवार को भाजपा सरकार ने पुलिस भेजकर सभी कर्मचारियों से धरना स्थल से जबरन उठा दिया और कइयों को गिरफ्तार कर लिया। हड़ताल में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी शामिल थे, फिर भी महापौर राजा इकबाल सिंह के इशारे पर पुलिस ने उन्हें जबरन हटवा दिया। भाजपा को शर्म आनी चाहिए। आप“ सरकार ने डीबीसी कर्मचारियों को एमटीएस बनाया, लेकिन भाजपा की सरकार उन्हें समन वेतन नहीं दे रही है। मेयर ने कर्मचारियों को कमेटी का झुनझुना तो पकड़ा दिया, लेकिन कमेटी ने अभी तक समस्या का समाधान नहीं किया।
गुरुवार को सुबह-सुबह पिछले 32 दिनों से हड़ताल पर बैठे एमसीडी के मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) कर्मचारी जबरन उठा लिए गए। उनकी छोटी सी मांगों पर भी महापौर के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है, लेकिन भाजपा की पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि आज ये कर्मचारी सिविक सेंटर के गेट नंबर पांच के बाहर ही बैठे थे, जहां उनका बैठने का अधिकार है। वे वहीं अपनी नौकरी करते हैं, वहीं अपने अधिकारों के लिए 32 दिनों से लड़ रहे थे। इन कर्मचारियों ने एमसीडी को 25-30 साल दिए, उन्हें अपना परिवार माना, लेकिन भाजपा ने अपनी पुलिस से उन्हें जबरन उठवा दिया। भाजपा और महापौर राजा इकबाल सिंह को शर्म आनी चाहिए कि एमसीडी कर्मचारियों और महिलाओं को जबरन उठा रहे हैं और अलग-अलग पुलिस थानों में भेज रहे हैं। पहले तो भाजपा के लोग ईडी, सीबीआई लगाते थे व पुलिस से पकड़वाते थे और नेताओं को ही उठवाते थे, लेकिन आज तो उन्होंने एमसीडी के साधारण कर्मचारियों को भी पुलिस से उठवाकर अति कर दी।


