आपातकाल पर दिल्ली BJP ने किया मॉक पार्लियामेंट का आयोजन

-आपातकाल के समय जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाता, ना कोई अपील ना कोई दलील और ना ही कोई कानून, उसे जेल में बंद कर दिया जाता थाः रेखा गुप्ता

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 28 जून।
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को कांग्रेस द्वारा लगाये गए आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया। महाराष्ट्र सदन में आयोजित इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने सम्बोधित किया। इस मौके पर दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा अध्यक्ष ऋचा पांडे मिश्रा, प्रदेश महामंत्री प्रियल भारद्वाज एवं वैशाली पोद्दार सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं। महिला मोर्चा अध्यक्ष ऋचा पांडेय मिश्रा ने काला दिवस के रुप में आपातकाल को याद किया और कहा कि आपातकाल लगा कर संविधान एवं लोकतंत्र की हत्या करने वाली कांग्रेस द्वारा आज संविधान रक्षा और भारत जोड़ों की बात करना शोभा नहीं देता।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस के वक्त एक समय था जब अगर कोई सरकार के खिलाफ आवाज उठाता तो ना कोई अपील ना कोई दलील और ना ही कोई कानून, उसे जेल में बंद कर दिया जाता था और फिर भय का वातावरण बना पूरा देश को ही एक तरह की जेल बना दिया गया। उन लोगों के नाम तय पहले से थे जो देशहित में बोल सकते थे इसलिए लाखो लोगों को रातों रात जेल भेज दिया गया। अखबारों पर बैन लगा दिया गया। मीडिया हाऊस में ताले लगा दिए गए, कोई कानून नहीं और सब कुछ इंदिरा गांधी के कहने पर हो रहा था। कोई आवाज उठाता था उसको जेल में बंद कर दिया गया। देश ने ऐसा काला अध्याय कभी नहीं देखा। मनोज कुमार जैसे हीरो पर बैन लगा दिया गया और एक नसबंदी अभियान चलाकर लोगों में एक डर पैदा किया गया था।
सीएम रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि आज हमें समझने की जरुरत है कि आपातकाल को आखिर काला अध्याय क्यों कहने की जरुरत पड़ी क्योंकि यह काला अध्याय दोबारा ना दोहराना पड़े और यह संविधान हत्या दिवस के रूप में ना मनाया जाए और इस जैसा कोई आपातकाल ना लगे उसके लिए इसे बार बार याद किया जाना चाहिए। सबको इस बात की समझ होनी चाहिए कि सत्ता सरकार और प्रशासन क्या है और जो सरकार काम कर रही है उसका कर्तब्य होता है कि हर निर्णय जानता के हित में होनी चाहिए।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा और विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण देकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है जो महिलाओं को सशक्तिकरण की ओर एक ठोस कदम है। लेकिन देश में आपातकाल सिर्फ कुर्सी बचाने की कहानी थी। प्रधानमंत्री के रुप में नरेन्द्र मोदी जैसे देश को एक गार्जियन मिला है जो राजनीतिक रुप से तो बेहतर हैं ही लेकिन देशवासियों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखते हैं और कोई देश में भूखा ना सोए उसका भी ध्यान रखते हैं।
सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि देश में कानून, संविधान और लोकतंत्र की हत्या करना या उसपर अपनी मनमानी चलाने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया। जब और जैसे चाहा संविधान में बदलाव किया और वे सभी लोग जो देशहित में बात करते थे, उन्हें जेल में डलवा दिया गया ताकि सरकार जो अपनी लोकप्रियता खो चुकी थी, उसके खिलाफ कोई आवाज ना उठे। जब देश में भूख, बेरोजगारी और असंतोष अपने चरम पर था तब सिर्फ सत्ता की लालसा में 25 जून की रात को इंदिरा गांधी ने रेडियो पर आपातकाल लागू करने की घोषणा कर दी। यह निर्णय लोकतंत्र को कुचलने वाला, संविधान को अनदेखा करने वाला और नागरिक अधिकारों का गाला घोंटने वाला था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 33 फीसदी आरक्षण का परिणाम अगले लोकसभा में हमें देखने को मिलेगा क्योंकि यह आखिरी लोकसभा है जिसमें महिलाओं की संख्या कम है लेकिन आने वाले लोकसभा में महिलाओं की संख्या एवं आवाज़ पुरूषों को टक्कर देगी।