-एमसीडी के बजट में केवल मेयर, डिप्टी मेयर, नेता सदन, नेता विपक्ष, नेता विपक्ष दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को ही कार्यालय खर्च देने का प्रावधान
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 24 जून।
अब तक सरकारी खर्च पर सिविक सेंटर (Civic Centre) में अपना कार्यालय चलाती आ रही कांग्रेस का खर्चा-पानी बंद होने वाला है। दिल्ली नगर निगम (MCD) में इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (IVP) के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस (Congress) संख्या बल में इतनी छोटी पड़ गई है कि नियमानुसार एमसीडी के बजट में उसकी गिनती ही खत्म हो गई है। एमसीडी के मुख्यालय सिविक सेंटर में अपना पार्षद दल का कार्यालय चलाने के लिए अब तक जो नकद सरकारी खर्च कांग्रेस को मिलता रहा था, वह अब नहीं मिल सकेगा।
दरअसल दिल्ली नगर निगम अधिनियम में यह प्रावधान है कि चुनाव जीतकर आने वाले दलों के पार्षद दल को अपना कार्यालय चलाने के लिए एमसीडी मुख्यालय में कमरा (स्थान) दिया जाता है। इसके साथ ही कार्यालय में आने वालों की सुविधा के लिए रोजमर्रा की जरूरतें जैसे कि चाय, नाश्ता आदि के खर्च के बतौर कुछ धनराशि भी दी जाती है। इसमें मेयर कार्यालय, डिप्टी मेयर कार्यालय, नेता सदन कार्यालय स्टेंडिंग कमेटी के चेयरमैन के कार्यालय और नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय में होने वाले रोजमर्रा के खर्च को एमसीडी ही उठाता है। इसके लिए हर वर्ष के बजट में एक धनराशि का प्रावधान भी किया जाता है।
इस वर्ष के बजट में मेयर कार्यालय के लिए सालाना 12 लाख रूपये (अकाउंट हेड-1008 के तहत), डिप्टी मेयर के कार्यालय के लिए 1.80 लाख रूपये (अकाउंट हेड-1133 के तहत), लीडर ऑफ दि हाउस के कार्यालय के लिए 9 लाख रूपये (अकाउंट हेड-1136 के तहत) और स्टेंडिंग कमेटी के चेयरमैन के कार्यालय के लिए 6 लाख रूपये (अकाउंट हेड-1131 के तहत) का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष यानी कि आम आदमी पार्टी के कार्यालय और नेता प्रतिपक्ष दूसरी सबसे बड़ी पार्टी (सैकिंड लार्जेस्ट पार्टी) के कार्यालय के लिए 7 लाख रूपये (अकाउंट हेड-1139 के तहत) का प्रावधान किया गया है।
इंद्रप्रस्ता विकास पार्टी का गठन पिछले महीने हुआ था। जब आम आदमी पार्टी (AAP) छोड़कर कुछ निगम पार्षदों ने इसका गठन किया था। एमसीडी में संख्या बल के लिहाज से आईवीपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है और जो स्थान अब तक कांग्रेस को मिला हुआ था, उस जगह पर आईवीपी ने कब्जा जमा लिया है। एमसीडी में कांग्रेस के 8 निगम पार्षद हैं, जबकि आईवीपी के पास 15 का आंकड़ा है।
कार्यालय खर्च के लिए जो धनराशि दी जाती है उसे निगम सचिव कार्यालय की ओर से जारी किया जाता है। क्योंकि बजट में केवल नेता प्रतिपक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष दूसरी लार्जेस्ट पार्टी के लिए खर्च दिये जाने का प्रावधान है। अतः इस मामले में आप और आईवीपी ही शर्तों को पूरा करते हैं। क्योंकि कांग्रेस के सबसे कम पार्षद हैं, अतः कांग्रेस को अब नियमानुसार कार्यालय खर्च के लिए कोई राशि नहीं दी जा सकती। निगम के एक आला अधिकारी ने बताया कि तकनीकी तौर पर अब कांग्रेस को एमसीडी के द्वारा कार्यालय खर्च नहीं दिया जा सकता। क्योंकि बजट में ऐसा प्रावधान नहीं है।