MCD का हालः जिसने MS बनने से किया इनकार… वही डॉक्टर संभालेंगे DHA का पदभार!

-मलाईदार डीएचए पद दौड़ में शामिल हैं जूनियर डॉक्टर, वरिष्ठ डॉक्टर्स की हो रही अनदेखी

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 23 जून।
राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की ट्रिपल इंजन सरकार बनने के बवाजूद दिल्ली नगर निगम में चल रही अनियमितताओं पर रोक लगने का नाम नहीं ले रही हैं। आम आदमी पार्टी के ऊपर गंभीर आरोप लगाकर एक बार फिर एमसीडी की सत्ता मे आई बीजेपी के शासन में भी ‘गोलमाल’ चरम पर है। सूत्रों की मानें तो अब एक ऐसे डॉक्टर को निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (डीएचए) बनाया जा रहा है जो वरिष्ठता सूची में 21 वें स्थान पर है और उनसे वरिष्ठ कई दूसरे डॉक्टर्स हैं जो कि इस पद के स्वाभाविक दावेदार हैं। बताया जा रहा है कि ‘डॉक्टर साहब वरिष्ठ अधिकारियों की गुड बुक में हैं और खर्चे बढ़ाचढ़ाकर दिखाने में माहिर भी। खास बात है कि यही डॉक्टर साहब पहले एक अस्पताल में एडमिनिस्ट्रेटिव सेवाएं (एमएस पद पर) देने से लिखित में अपने हाथ खड़े कर चुके हैं। परंतु अब मलाईदार पद पाने के लिए कुछ विशेष आला अधिकारियों की कुर्सी के चक्कर काट रहे हैं।
यह डॉक्टर फिलहाल एमसीडी के स्वामी दयानंद हॉस्पिटल में तैनात हैं और सर्जरी विभाग के एचओडी पद पर कार्यरत हैं। एमसीडी की डॉक्टर बिरादरी में चर्चा है कि जो व्यक्ति पहले छोटे पद पर एडमिनिस्ट्रेटिव सेवाएं देने से मना कर देते हैं, उन्हे एमसीडी में बड़े पदों पर नियुक्त क्यों किया जा रहा है? इससे पूर्व डॉ मानसी आनंद और डॉ जे.के. उज्जैनिया ने भी पहले एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट पर सेवाएं देने के लिए मना कर दिया था, परंतु उन्हें बाद में डीएचए बना दिया गया। आश्चर्य की बात है कि डॉ जे.के. उज्जैनिया को तो महज कुछ दिनों के लिए ही यह जिम्मेददारी दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि इन डॉक्टर साहब के ऊपर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी का हाथ है, जो इन्हें हर हाल में डीएचए बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने नियम-कायदों को ताक पर रखकर नियुक्ति संबंधी आदेश जारी कर दिये हैं। ज्यादातर वरिष्ठ डॉक्टर्स चाहते हैं कि सीनियरिटी को ध्यान में रखकर डीएचए पद पर नियुक्ति की जानी चाहिए। नाकि आम आदमी पार्टी के शासन काल की तरह कि जूनियर डॉक्टर्स को सीनियर्स के ऊपर बैठा दिया गया था।
एडमिनिस्ट्रिटिव पोस्ट के लिए लिखित में जताई असमर्थता
स्वामी दयानंद हॉस्पिटल में सर्जरी विभाग के एचओडी पद पर तैनात इन डॉक्टर साबह खुद लिखित में यह निवेदन कर चुके हैं कि उन्हें कोई एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट नहीं दी जाये। इन डॉक्टर महोदय ने 27 मई 2023 को एक पत्र ‘Request for non availability for the administrative posts in MCD’ के संबंध में निगम के आला अधिकारियों को दिया था। इस पत्र में उन्होंने लिखा था कि ‘अत्यंत व्यक्तिगत कारणों की वजह से मैं निकट भविष्य में एमसीडी में किसी भी एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट को ग्रहण करने में असमर्थ हूं। ऐसे में सवाल उठता है कि जो व्यक्ति एक अस्पताल में किसी एक एडमिनिस्ट्रेटिव पोस्ट को संभाल पाने में असमर्थ है, वह पूरे एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग को कैसे संभाल सकता है? चर्चा यह भी है कि डॉक्टर साहब अपनी ज्वॉइनिंग के समय से ही ऐसी अनियमितताएं करते आ रहे हैं, जिनकी वजह से उनकी सीनियरटी ही खतरे पड़ी हुई है। अब देखना यह है कि बीजेपी की ट्रिपल इंजन सरकार में निगम के कुछ अधिकारियों की मनमानी चलती है या फिर नियमानुसार वरिष्ठता सूची में शामिल अधिकारियों को डीएचए पद का भार दिया जाता है?