MCD की सत्ता संभालते ही BJP ने किया ‘अरबों’ का खेल!

निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए हटाया जायेगा एमसीडी का का कूड़ा घर और डेम्स का ऑफिस
-आप ने लगाया निजी कंपनी को अरबों रूपये का फायदा पहुंचाने का आरोप
-आईवीपी ने की आयुक्त और मेयर से इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार की मांग
-निगम आयुक्त ने नकारा, फिर भी मेयर द्वारा लाया गया ऑनटेबल प्रस्ताव

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 16 जून।
दिल्ली नगर निगम (MCD) में सत्ता संभालते ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) का ‘अरबों’ का खेल सामने आया है। मेयर के रूप में अपनी पहली ही बैठक में राजा इकबाल सिंह ने एक निजी कंपनी को अरबों रूपये का फायदा पहुंचाने वाला एक प्रस्ताव ऑन टेबल रख दिया। बैठक स्टेंडिंग कमेटी के एक सदस्य के चुनाव के लिए बुलाई गई थी। परंतु इसमें एमसीडी को नुकसान पहुंचाने वाला प्रस्ताव रख दिया गया। आश्चर्य की बात तो यह है कि इसे पास भी कर दिया गया और उस समय किसी सदस्य का ध्यान इस ओर नहीं गया।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस मामले में मेयर राजा इकबाल सिंह एवं बीजेपी के नेताओं के ऊपर गंभीर आरोप लगाये हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों बुलाई गई एमसीडी के सदन की बैठक में यह प्रस्ताव ऑनटेबल लाया गया था। इस प्रस्ताव के मुताबिक एक निजी कंपनी एस्टोरॉइड शेल्टर होम्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा प्लॉट नं. 4 से 8, ब्लॉक-ए, लॉरेंस रोड इलाके में एक रिहायशी हाउसिंग सोसाइटी का निर्माण कराया जा रहा है। इस सोसाइटी के सामने करीब 300 फीट की दूरी पर एमसीडी का एक डलाव घर और सफाई विभाग का एक कार्यालय स्थित है।

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आप नेता अंकुश नारंग ने आरोप लगाया है कि यदि निजी कंपनी डलाव घर को वहां से हटाकर दूसरी जगह बनाती है तो इसके ऊपर ज्यादा से ज्यादा 60 से 70 लाख रूपये की लागत आयेगी। जबकि निजी कंपनी इससे डेढ़ सौ से 200 करोड़ रूपये का फायदा होगा। खास बात है कि निगम आयुक्त ने अपनी सिफारिश में इसे नकार दिया है। निगमा आयुक्त ने अपनी सिफारिश में कहा है कि निजी कंपनी का यह प्रस्ताव अपनी प्रापर्टी का भाव बढ़ाने के लिए है। इससे निगम के कामकाज में बाधा आयेगी।
निगम आयुक्त ने यह भी लिखा है कि यदि एक कंपनी की मांग पर एमसीडी द्वारा ऐसा किया जाता है तो दूसरे लोग भी इस तरह की मांग करेंगे और निगम के पास मना करने का कोई कारण नहीं रहेगा। आपको बता दें कि इस तरह के प्रस्ताव पहले एमसीडी की स्टेंडिंग कमेटी में लाये जाते हैं। इस कमेटी में उन पर विचार किया जाता है और इसके पश्चात ही सदन की बैठक में स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। परंतु मेयर राजा इकबाल सिंह ने इस प्रस्ताव को सीधे ही सदन की बैठक में भेज दिया। खास बात है कि अब एमसीडी में स्टेंडिंग कमेटी का गठन भी हो गया है, ऐसे में स्टेंडिंग कमेटी के सामने यह प्रस्ताव नहीं लाये जाने के पर गंभीर सवाल उठाये जा रहे हैं।
IVP ने मेयर व आयुक्त को लिखा पत्र, प्रस्ताव पर पुनर्विचार की मांग

आईवीपी के नेता मुकेश गोयल

इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी ने हाल ही में दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में ऑन टेबल लाये गये प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मेयर राजा इकबाल सिंह और निगम आयुक्त अश्विनी कुमार को पत्र लिखकर इस पर पुनर्विचार की मांग की है। वरिष्ठ निगम पार्षद एवं आईवीपी के नेता मुकेश गोयल ने कहा है कि हमें यह भी देखना होगा कि कोई प्राईवेट कंपनी अपने निजी फायदे के लिए जनता से जुड़ा कोई बड़ा नुकसान नहीं करा दे। इस प्रस्ताव में दिल्ली नगर निगम का कूड़ा घर और डेम्स विभाग का कार्यालय हटाने का प्रस्ताव है। चर्चा है कि इस तरह के प्रस्ताव पारित किये जाने से निजी कंपनी को ही फायदा होगा, जबकि एमसीडी के सफाई कार्यों पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि निगम में कोई गलत परंपरा नहीं पड़ जाये, अतः मेयर और नगर के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा एक बार फिर इस मामले पर गंभीरता से विचार किया जाये।