पांडु पुत्र भीम ने बनाया था कुमांऊं मंडल का सबसे बड़ा ‘भीम ताल’… पर्यटकों के लिए बना पसंदीदा स्थल

-पांडवों के बनवास के दौरान की थी ‘भीमेश्वर महादेव मंदिर’ की स्थापना

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 07 जून, 2025।
प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य और पर्यटकों के लिए मनोहारी दृश्यों वाला ‘भीम ताल’ समुद्र तल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह सुंदर झील नैनीताल से 22 किलोमीटर और भवाली से 11 किलोमीटर दूर है। यहां से काठगोदाम रेलवे स्टेशन 18 किलोमीटर दूर है। भीम ताल से कैंची धाम (नींब करोली बाबा आश्रम) की दूरी करीब 20 मिलो मीटर और कुमांऊं मंडल के सबसे ऊंचे पर्यटक एवं पौराणिक स्थल मुक्ेतश्वर की दूरी लगभग 50 किलो मीटर है।
भीम ताल झील नैनीताल की नैनी झील से बडी व पुरानी भी है। यह झील नैनीताल जिला और कुमाऊं मंडल की सबसे ब़ड़ी झील है। झील की लम्बाई 1674 मीटर, चौड़ाई 447 मीटर और गहराई 15 से 50 मीटर तक है। पर्यटक यहॉ पर नौकायान का आन्नद ले सकते हैं। यहं का एक और आकर्षण झील के मध्य स्थित टापू पर बना मछलीघर है। पर्यटक इस मछलीघर तक नाव के द्वारा आ जा सकते हैं। झील तट से टापू की दूरी 98 मीटर है।

भीम ताल का संबंध पौराणिक काल से बताया जाता है। यहां पर प्रसिद्ध भीमेश्वर महादेव मंदिर है, जिसकी स्थापना पांडु पुत्र भीम ने की थी। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सत्रवहीं शताब्दी में हुआ था। कुछ विद्वानों का कहना है कि पांडवों के बनवास के दौरान पाण्डु-पुत्र भीम ने पहाड़ी भूमि को खोदकर यहां पर विशाल ताल की उत्पति की थी। इसी के परिसर से लगा हुआ 40 फीट ऊंचा बांध भी है। यहां से एक सडक नौकुचियाताल एवं जंगलियागांव को जाती है तथा दूसरी काठ गोदाम को जाती है। नैनीताल की तरह इसके भी दो कोने हैं जिन्हें तल्ली ताल और मल्ली ताल कहते हैं।
भीम ताल में सर्दियों के महीनों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान होता है। क्षेत्र में पाई जाने वाली प्रसिद्ध प्रजातियों में बुलबुल, वॉल क्रीपर, एमराल्ड डव, ब्लैक ईगल और टैनी फिश, उल्लू आदि शामिल हैं।