-कुरूक्षेत्र के रण में फिर से खाता खोल पाने में नाकाम रही आप
-सारे एग्जिट पोल-पूर्वानुमान ध्वस्त, तीसरी बार मिली बीजेपी को हरियाणा की चाबी
-हरियाणा की सियासी जंग में ‘ट्रंप कार्ड’ साबित हुए योगी आदित्यनाथ
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 8 अक्टूबर।
कुरूक्षेत्र के रण में हरियाणा की सत्ता की चाबी एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के हाथ लगी है। बीजेपी हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। खास बात है कि बीजेपी ने अपने वोट प्रतिशत को बढ़ाते हुए अपनी सीटों की संख्या में भी अच्छा इजाफा किया है। इससे भी बड़ी बात यह है कि विपक्ष के बिखराव ने ‘इंडी’ गठबंधन का खेल बिगाड़ दिया है। जो दल 2024 के लोकसभा चुनाव में मिलकर लड़े थे, वह हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अलग अलग लड़ते नजर आये, इसका पूरा फायदा बीजेपी ने उठाया और सीधे हैट्रिक लगा दी। हरियाणा के 57 साल के इतिहास में कोई भी पार्टी पहली बार लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है।
मंगलवार 8 अक्टूबार को आये विधानसभा चुनाव के परिणामों में खबर लिखे जाने तक बीजेपी को 90 में से करीब 50 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। कांग्रेस 35 के आसपास, आईएनएलडी 3 और अन्य को 2 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। ताजा आंक़ड़ों पर नजर डालें तो बीजेपी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ है, जबकि कांग्रेस बहुमत से बहुत ज्यादा पीछे है। यदि आईएनएलडी और अन्य को भी मिला लिया जाये तब भी कांग्रेस किसी भी तरह से बहुमत से कोसों दूर है। 2019 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतने वाली जेजेपी इस बार खाता भी नहीं खोल पाई। जेजेपी को करीब 1 फीसदी वोट मिले हैं। बीजेपी को करीब 40 फीसदी, कांग्रेस को करीब 39 फीसदी वोट प्राप्त हुए हैं। आप ने 2019 के विधानसभा चुनाव में करीब 1 फीसदी वोट प्राप्त किये थे, जबकि इस बार उसे करीब 1.77 फीसदी वोट मिले हैं।
जाटवाद की हार!
हरियाणा विधानसभा चुनाव इस बार पूरी तरह से जाट एवं गैर जाट वाद पर टिका हुआ था। सियासी विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव के बाद आये नतीजों से स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में जाटवाद की हार हुई है। कांग्रेस ने जहां जाटवाद के साथ किसानों और अग्निवीर योजना की आलोचना करते हुए चुनाव लड़ा वहीं बीजेपी ने अप्रत्यक्ष रूप से गैर जाटवाद के सहारे चुनाव लड़ा और 2019 के मुकाबले 2024 का चुनाव अच्छी बढ़त के साथ जीता। बीजेपी ने जाटों के गढ़ में 9 नई सीटें जीतकर ‘मुखर जाटवाद’ को ध्वस्त कर दिया है।खाता खोल पाने में नाकाम रही आप
आम आदमी पार्टी एक बार फिर हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपना खाता खोल पाने में नाकाम साबित रही। आप ने हरियाणा की 90 में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ा, परंतु एक भी सीट पर जीत तो दूर अच्छा प्रदर्शन कर पाने में भी नाकाम रही। 2019 के विधानसभा चुनाव आप को नोटा से भी कम वोट मिले थे, हालांकि 2024 के विधानसभा चुनाव में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करते हुए उसे नोटा के बराबर या फिर उससे थोड़े ज्यादा वोट मिले हैं। वहीं, जननायक जनता पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, आजाद समाज पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।
जमकर चला योगी का ‘ट्रंप कार्ड’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीजेपी के लिए हरियाणा चुनाव में ‘ट्रंप कार्ड’ साबित हुए। पार्टी ने उनकी कई रैलियां और जनसभाएं हरियाणा में कराईं। योगी आदित्यनाथ ने चुनाव प्रचार में अपना फार्मूला ‘बंटोगे तो कटोगे’ जारी रखा। सियासी जानकारों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ प्रचार के लिए जहां जहां गये, वहां बीजेपी को अच्छी बढ़त हासिल हुई।
एग्जिट पोल्स-पूर्वानुमान ध्वस्त
हरियाणा चुनाव को लेकर तमाम न्यूज चैनलों और एजेंसियों के द्वारा किये गये दावे, एग्जिट पोल्स और पूर्वानुमान चुनावी नतीजों ने ध्वस्त कर दिये। बीजेपी को 2019 के मुकाबले करीब 10 सीटें ज्यादा मिली हैं। हालांकि सियासी विश्लेषकों का मानना है कि यदि विपक्ष लोकसभा चुनाव की तरह मिलकर चुनाव लड़ा होता तो चुनावी नतीजे कुछ और होते और बीजेपी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता था। हालांकि सोमवार को हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने घोषणा की थी कि यदि पार्टी को बहुमत नहीं मिलता तो दूसरे दलों के साथ बातचीत के रास्ते खुले हैं।
पीएम मोदी ने दी सैनी को बधाई
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को फोन करके बधाई दी है। वहीं, नायब सैनी ने कहा कि यह जीत हरियाणा के मतदाताओं की जीत है और उनकी सरकार लोगों के लिए काम करेगी। नायब सिंह सैनी ने लाड़वा सीट से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। सैनी ने मंगलवार को हुमान मंदिर जाकर दर्शन किये और आशीर्वाद हासिल किया।