-कांग्रेस नेतृत्व को दिल्ली में झेलना पड़ रहा ‘भूकंपों’ का मौसम
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 05 मई।
देश के सबसे पुराने सियासी दल कांग्रेस (Congress) के लिए देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में ‘भूकंपों’ का दौर लगातार जारी है। आऐ दिन कांग्रेस नेतृत्व के ‘पैरों तले की जमीन’ खिसक जाती है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस (DPCC) में शुरू हुआ अंदरूनी घमासान अभी खत्म नहीं हुआ है। पार्टी के पूर्व मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) और वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान (Former Minister Raj Kumar Chauhan), पूर्व विधायक नसीब सिंह (Former MLS Nasib Singh), नीरज बसोया (Former MLA Neeraj Basoya) सहित कई महत्वपूर्ण लोग पहले ही पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो चुके हैं। अब कांग्रेस के कई और महत्वपूर्ण लोग कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली बीजेपी के लिए यह शुभ संकेत हैं। परंतु आने वाले दिनों में पार्टी के कई विधायकों के लिए संकट काल शुरू हो सकता है। दिल्ली की सियासत के जानकारों का मानना है कि जिस तरह से बीजेपी दिल्ली में कांग्रेस नेताओं की थोक में भर्ती कर रही है, उससे स्पष्ट है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के कई वर्तमान विधायकों के टिकट कटना स्वाभाविक है। ऐसा इसलिए भी स्पष्ट है कि इसी लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 7 में से 6 वर्तमान सांसदों के टिकट काटे हैं। हालांकि ऐसा पिछले 10 वर्षों में पहली बार हुआ है कि बीजेपी ने सभी 6 उम्मीदवार अपनी ही पार्टी से उतारे हैं। परंतु जिस तरह से बीजेपी का भर्ती अभियान जारी है, उससे 2025 के विधानसभा चुनाव में ऐसा नजर नहीं आता है। दिल्ली में कांग्रेस से जो वरिष्ठ नेता बीजेपी में आ रहे हैं, उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में अडजस्ट करना ही होगा। ऐसे में स्वाभाविक है कि बीजेपी के कई नेताओं के लिए अपने लिए टिके रहने का संकट खड़ा हो गया है।
दिल्ली कांग्रेस और दिल्ली बीजेपी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में पार्टी का यह ‘नेताओं की भर्ती’ वाला खेल जारी रहेगा। आने वाले दिनों में पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस के सांसद रहे, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बताया यह भी जा रहा है कि वह कांग्रेस के द्वारा लोकसभा चुनाव के टिकट की घोषणा के समय ही बीजेपी में शामिल होना चाहते थे, अब उनके लिए कांग्रेस में भी विकल्प नहीं रहा है, अतः वह भी दिल्ली कांग्रेस के अन्य नेताओं की तरह बीजेपी में अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं।
इसी तरह कांग्रेस के कई पदों पर रह चुकीं राधिका खेड़ा ने भी एक दिन पूर्व ही पार्टी छोड़ी है। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के लिए भगवान श्रीराम के नाम का हवाला दिया है। सूत्रों का कहना है कि वह भी एक-दो दिन में बीजेपी का दामन थाम सकती हैं। केवल इतना ही नहीं है, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेता बीजेपी में आना चाहते हैं। कारण है कि आम आदमी पार्टी का जिस तरह से ग्राफ नीचे गिरना शुरू हुआ है, उससे सभी डरे हुए हैं और अपने राजनीतिक कॅरियर को किसी भी तरह से बचाना चाहते हैं।
विश्वास नगर और गांधी नगर के MLA के लिए खतरे की घंटी!
लोकसभा चुनाव 2024 के ताजा हालातों के चलते अब बीजेपी के गांधी नगर और विश्वास नगर विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों के लिए खतरे की घंटी बज गई है। यह लोग भले ही अपनी सीट बचाते आ रहे हों, परंतु 2025 के विधानसभा चुनाव में इनके टिकट पर खतरा बन गया है। कारण है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रणनीति किसी भी तरह से दिल्ली विधानसभा में वापसी की होगी और इसके लिए पार्टी कई कड़े और अविश्सनीय फैसले लेगी। केवल यह दो विधानसभा क्षेत्र ही नहीं बल्कि जिस तरह से प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में बीजेपी को बढ़ाने के फैसले लिये जा रहे है, उसकी वजह से कई मूर्धन्य नेताओं को अपनी खोली में वापसी करनी पड़ सकती है।