-1546 करोड़ में लगाया 1200 करोड़ का टेंडर, बाद में 1938 करो़ड़ तक पहुंचायाः बीजेपी
-केजरीवाल कर रहे झूठ, धोखा, फरेब और लूट की राजनीतिः वीरेंद्र सचदेवा
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली 30 नवम्बर।
दिल्ली जल बोर्ड़ (DJB) में चल रहे 1938 करोड़ के एसटीपी (STP) निर्माण घोटाले के खिलाफ दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (State President Virender Sachdeva) के नेतृत्व में गुरूवार को जल बोर्ड मुख्यालय (DJB Head Quarters) पर जबरदस्त प्रदर्शन किया। बीजेपी ने गत रविवार को दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दिल्ली जलबोर्ड में 2021-22 मे हुए इस एस.टी.पी. घोटाले को सार्वजनिक किया गया था। प्रदेश उपाध्यक्ष श्री गजेंद्र यादव प्रदर्शन का संचालन किया।
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा जब शराब घोटाले को लेकर बार बार सवाल कर रही थी तो अरविंद केजरीवाल इसे झूठा बता रहे थे, लेकिन आज मनीष सिसोदिया जेल के अंदर है। उन्होंने जलबोर्ड को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए कहा कि जालबोर्ड का घोटाला शराब घोटाले से कई गुना बड़ा घोटाला है। 15 दिन पहले कुछ दस्तावेज के आधार पर हमने 3753 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था और आज भी हम उसपर कायम है। अरविन्द केजरीवाल किसी भी घोटाले को एक सुयोजित तरीके से करते हैं।
सचदेवा ने आगे कहा कि शराब घोटाले में जिस तरह से कर्टल बनाया गया उसी तरह जलबोर्ड घोटाले में भी बनाया गया है, लेकिन इसमें सिर्फ दो कंपनी ही आ पाई। इसके बाद कुछ अन्य शर्ते भी लगा दी गई। लेकिन जब अनुभव की बात आई तो दोनों कम्पनियों से ताइवान की एक कंपनी का अनुभव सर्टिफिकेट बिना किसी सत्यापन के स्वीकार कर लिया गया। इसमें 1200 करोड़ रुपए के टेंडर को 1546 करोड़ रुपए में लगाया गया और फिर उसे बढ़ाकर 1938 करोड़ रुपए कर दिया गया। इस तरह से जलबोर्ड को लूटने का काम केजरीवाल सरकार ने किया।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि आज दिल्ली में पानी को लेकर एक तरफ केजरीवाल सरकार ने लूट मचाया है दूसरी तरफ दिल्ली की जनता बदबूदार पानी पीने को मजबूर है। इतना ही नहीं औरतें आज टैंकरों के सामने लाइन लगाने को मजबूर है। आज केजरीवाल ने दिल्ली को रहने लायक छोड़ा ही नहीं है और हर चीज में भ्रष्टाचार और चोरी करते हैं। उन्होंने कहा कि 9 साल से सीवर लाइन डाली जा रही है और तीन बार पेमेंट भी हो चुका है लेकिन काम के नाम पर अभी भी कुछ नहीं है। ये सारी बातें बताती है कि केजरीवाल की राजनीति झूठ, धोखा, फरेब और लूट की राजनीति है जिसे दिल्ली की जनता एक दिन उखड़ कर फेंकेगी।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जितेंद्र तोमर की डिग्री भी जांच कर ली और फिर उसे सही बताते रहे लेकिन उसे बाद में हटा भी दिया। सतेन्द्र जैन को पद्म विभूषण देने की बात करते थे जो आज तिहाड़ में हैं, मनीष सिसोदिया को पद्म श्री देने की बात करते थे लेकिन आज वह शराब घोटाले में जेल के अंदर हैं। उन्होंने कहा कि आज भाजपा की संघर्ष का नतीजा है कि पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी हिली हुई है और अब वह समय आ गया है जब भाजपा इस भ्रष्टाचार के अड्डे को समाप्त करेगी।
2015 तक दिल्ली जल बोर्ड एक समय था जब 700 करोड़ रुपए के मुनाफे में था लेकिन आज 70,000 करोड़ रुपए के घाटे में हैं। पिछले आठ सालों से सीएजी द्वारा मुख्यमंत्री केजरीवाल को बार बार चिट्ठी लिखने के बावजूद केजरीवाल सरकार ने जल बोर्ड के खाते की जांच तक नहीं करवाई। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा डायरेक्शन दिया गया है कि उसके खाते की जांच हो। अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए फैसला किया था कि पानी का बिल जल बोर्ड को जमा ना करके लोग इसे एक कंपनी को जमा करेंगे और सैकड़ों करोड़ रुपए जमा होने के बाद उस कम्पनी के साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन पैसों को लूटा जिसकी जांच आज सीबीआई द्वारा की जा रही है।
प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि जिस सरकार ने 2015 से 2020 तक हर घर जल का वायदा बार-बार दोहराया उसके राज में आज 2023 में भी दिल्ली की एक तिहाई आबादी टैंकर माफिया के रहमो करम पर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की 1998 में हुई स्थापना से यह तय था कि दिल्ली जल बोर्ड कर्मचारियों का वेतन आदि अपने नियमित खर्च अपने राजस्व से करेगा पर आज जो दिल्ली जल बोर्ड अरबों रूपयों का राजस्व इक्कठा करता है वह गत 5 वर्ष से हर वर्ष 900 करोड़ रूपये वेतन के लिये भी दिल्ली सरकार से ऋण लेता है। इसलिए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि जलबोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
प्रदेश महामंत्री योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि किसी भी संस्था में हेरफेर का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि 6 वित्त वर्ष तक उसके खाते ही न लिखे जायें जैसा कि दिल्ली जल बोर्ड में हो रहा है। 2016-17 के बाद से दिल्ली जल बोर्ड के न तो खाते बने हैं और न ही कोई ऑडिट हुआ है। इस हेरफेर के चलते 31 मार्च, 2018 को दिल्ली जल बोर्ड का घाटा जो 26 हजार करोड़ रूपये था, 31 मार्च, 2023 को उसका अनुमान 70 हजार करोड़ का लगाया गया है। सी.ए.जी. ने लगभग 22 पत्र दिल्ली जल बोर्ड को खाते ऑडिट कराने के लिये लिखे हैं लेकिन केजरीवाल सरकार के कान में जूं तक नहीं रेगी। इस मौके पर विधायक श्री मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय महावर, अभय वर्मा एवं अनिल बाजपेई, सारिका जैन, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष सुनील यादव, विक्रम बिधूड़ी आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।