-आयुष पार्किंग सर्विसेज के नाम से ठेके चलाती है करोड़ों के बकायेदार की पत्नी
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 21 अप्रैल, 2023।
दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) के अधिकारियों को पता ही नहीं चला कि करोड़ों रूपये डकारने के बाद कब फिर से एक पार्किंग माफिया निगम के पार्किंग ठेकों में शामिल हो गया? केवल इतना ही नहीं उसके भाई की तरफ भी पार्किंग के ठेकों को लेकर निगम के करोड़ों रूपये बकाया हैं और कुछ महीने पहले ही उसे नगर निगम ने ब्लैक लिस्ट किया है। अब एक ब्लैक लिस्टेड पार्किंग माफिया अपनी पत्नी और दूसरा ब्लैक लिस्टेड पार्किंग माफिया अपनी भाभी और भतीजों व अन्य के साथ मिलकर नगर निगम के पार्किंग साइट चला रहे है। जबकि दोनों ही सगे भाईयों और इनके कुछ सहयोगियों से दिल्ली नगर निगम को करोड़ों रूपये लेने हैं।
दिल्ली नगर निगम के ट्राइफरकेशन से पहले एक ठेकेदार देवेंद्र कुमार ने दिल्ली नगर निगम से कुछ बड़े पार्किंग के ठेके लिये थे। इसके बाद उसने कई साल तक नगर निगम को लाइसेंस शुल्क का भुगतान नहीं किया। जब उसकी ओर निगम का करोड़ों रूपया बकाया हो गया और उसने जमा नहीं कराया तो निगम अधिकारियों ने उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया। इसके बाद देवेंद्र कुमार ने कुछ निगम अधिकारियों के साथ मिलकर अपने भाई धीरेंद्र कुमार सिंह के नाम से पार्किंग के ठेके लेने शुरू कर दिये।
इस बार भी दोनों भाईयों ने ऐसा ही किया और नगर निगम को लाइसेंस शुल्क के नाम पर कोई पैसा जमा नहीं कराया। हौज खास गांव की एक पार्किंग साइट का धीरेंद्र कुमार सिंह की ओर 1 करोड़ 27 लाख 7 हजार 98 रूपये बकाया हो गया। मामला कोर्ट में गया तो कोर्ट ने इस राशि को तीन बराबर किश्तों में भुगतान का आदेश दे दिया। इसके बावजूद दोनों भाईयों ने नगर निगम को एक रूपया जमा नहीं कराया। थक-हारकर निगम अधिकारियों ने पहले के ठेकेदार देवेंद्र कुमार के भाई और ठेकेदार धीरेंद्र कुमार सिंह को भी पिछले साल 11 अप्रैल 2022 को ब्लैक लिस्टेड कर दिया।
लेकिन इससे पहले यह दोनों ठेकेदार भाई देवेंद्र कुमार की पत्नी चिंता देवी की कंपनी आयुष पार्किंग सर्विसेज के नाम से कमल सिनेमा और कुछ दूसरे साइट्स लेने में कामयाब हो गये। बताया जा रहा है कि अब आयुष पार्किंग सर्विसेज की ओर भी नगर निगम की लेनदारी लगातार बढ़ती जा रही है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि अब कार पार्किंग के नये ठेकों में भी इस पार्किंग माफिया ने आयुष पार्किंग सर्विसेज के नाम से टेंडर्स में भागीदारी करके कुछ बड़े पार्किंग साइट्स को हथियाने की तैयारी कर ली है। इनमें साइट नंबर- 27 भागीरथ पैलेस, साइट नंबर- 41 बैक साइट ऑफ स्कोप मीनार लक्ष्मी नगर, साइट नंबर- 50 एडजसेंट एरिया ऑफ कॉम्पीटेंट मारूति शोरूम गाजीपुर और साइट नंबर- 51 इन फ्रंट ऑफ शांति मुकुंद हास्पिटल कड़कड़डूमा शामिल हैं।
पार्किंग माफिया ने एक और नई कंपनी चिंटू कुमार सिंह के नाम से पार्किंग के ठेकों के लिए भागीदारी की है। इस नाम से साइट नंबर- 36 इनफ्रंट ऑफ ओल्ड दिल्ली रेलवे स्टेशन और साइट नंबर- 33 अंडर फ्लाईओवर मानसरोवर पार्क के ठेकों के लिए एप्लाई किया गया है।
एक ही पते पर रहते हैं सब लोग
गौरतलब है कि जिन ठेकेदारों को करोड़ों की भारी बकायेदारी के चलते नगर निगम ने ब्लैक लिस्ट किया है और जिन कंपनियों के नाम से यह लोग अब ठेके चला रहे हैं, वह एक ही पते पर रहते हैं। इसके बावजूद निगम अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं गया। केवल इतना ही नहीं बल्कि इन्हीं ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों ने अपने कुछ दूसरे सहयोगियों के नाम से कुछ पार्किंग के ठेके ले रखे हैं। इनमें से नगर निगम को सतेंद्र कुमार से करीब 1 करोड़ 21 लाख रूपये, संजय कुमार से करीब 1 करोड़ 53 लाख रूपये, संजय यादव से करीब 6 करोड़ 47 लाख रूपये, राकेश तिवारी से करीब 2 करोड़ 25 लाख रूपये और धीरेंद्र कुमार से करीब 3 करोड़ 12 लाख रूपये की राशि अलग से वसूलनी है।