MCD: हंगामेदार रहेगी बजट बैठक… विपक्ष को नहीं मिला संशोधन प्रस्ताव लाने का मौका

-बिना हंगामे के नहीं चल पाई अब तक एक भी बैठक
-आप ने एल्डरमैन की नियुक्ति को दी है सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
-बीजेपी ने हाई कोर्ट में डाला 6 सदस्यों के दोबारा चुनाव का मामला

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 26 मार्च, 2023।
मेयर शैली ओबरॉय (Mayor Shelly Oberoy) ने मंगलवार 28 मार्च को दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) की आम सभा की बैठक (Meeting of the house) बुलाई है। इस बैठक में निगम के 2022-23 के संशोधित और 2023-24 के प्रस्तावित बजट अनुमान पर चर्चा की जानी है। लेकिन मंगलवार को होने वाली बैठक के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। यदि हंगामा ज्यादा होता है तो मेयर को हंगामे के बीच ही ध्वनि मत से बजट को पास करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा।
गौरतलब है कि दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट (DMC Act) 1957 के मुताबिक निगम के बजट की प्रक्रिया नवंबर महीने से ही शुरू हो जाती है। स्थायी समिति और क्षेत्रीय (वार्ड) समितियों के चर्चा के बाद बजट प्रस्तावों को निगम के सदन में चर्चा के लिए लाया जाता है। लेकिन इस बार निगम में चुनी हुई सरकार नहीं होने की वजह से यह जिम्मेदारी निगम अधिकारियों के ऊपर थी। अधिकारियों ने अपने हिसाब से बजट प्रस्तावों को अंतिम रूप भी दे दिया है।
इसके पश्चात औपचारिक रूप से इन बजट प्रस्तावों को मंगलवार 28 मार्च को चर्चा के लिए सदन में लाया जा रहा है। विपक्षी दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का आरोप है कि अधिकारियों द्वारा तैयार किये गये बजट में करों का भार बढ़ाने का प्रस्ताव है और इसमें निगम की आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया गया है नाकि दिल्ली वालों को सुविधाएं मुहैया कराने पर। ऐसे में विपक्ष ने सत्ताधारी दल को कड़ी चुनौती देने की तैयारी कर ली है।
पिछले वर्षों में आम तौर पर बजट चर्चा के लिए सदन की जो बैठकें बुलाई जाती रही हैं वह सुबह 10 बजे या फिर दोपहर 12 बजे से बुलाई जाती रही हैं। इन बैठकों के लिए कई दिन का शैड्यूल भी जारी किया जाता था। लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि बजट पर चर्चा के लिए केवल एक दिन की बैठक बुलाई गई है और वह भी अपरान्ह 2 बजे से।
मेयर के चुनाव के लिए चारों बैठकें रहीं हंगामेदार
निगम के इतिहास मे ंऐसा पहली बार हुआ है कि पहली बैठक में मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं हो सका हो। इस बार मेयर के चुनाव के लिए चार बार बैठकें बुलाई गईं और चारों बैठकों में पक्ष व विपक्ष के बीच भारी हंगामा रहा। ज्यादातर बैठकों में आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच जमकर मारपीट हुई।
कोर्ट में हैं नगर निगम के दो मामले
दिलचस्प बात यह है कि इस बार नगर निगम का विधिवत गठन नहीं हो पाया है। दो मामले कोर्ट में चल रहे हैं। बीजेपी के दो पार्षदों ने सदन से स्टेंडिंग कमेटी के लिए चुने जाने वाले 6 पार्षदों पर मेयर के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनोती दे रखी है। मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल 2023 को होनी है। जबकि दूसरी ओर उपराज्यपाल द्वारा एल्डरमैन के रूप में मनोनीत किये गये 10 पार्षदों के मामले को आप ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। इस मामले की सुनवाई मंगलवार 28 मार्च को होनी है।