-प्रवासी महिलाओं की बैठक में पहुंची महज 10 मोर्चा पदाधिकारी
-14 में से नहीं पहुंची एक भी जिले की मोर्चा अध्यक्ष और महामंत्री
जे.के.शुक्ला/ नई दिल्लीः 20 नवंबर, 2022।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए टिकट बंटवारे के बाद प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) महिला मोर्चा की ज्यादातर पदाधिकारी और कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गई हैं। बताया जा रहा है कि सामान्य सीटों पर कुछ ‘विवादित महिलाओं’ और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर पुरूष पदाधिकारियों की पत्नियों और निश्तेदारों को टिकट दिये जाने के चलते महिला मोर्चा की पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है।
इसका ताजा उदाहरण रविवार को देखने को मिला। रविवार 20 नवंबर को पंत मार्ग स्थित प्रदेश बीजेपी कार्यालय में दूसरे राज्यों से निगम चुनाव में प्रचार के लिए आईं महिलाओं की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में तालमेल बनाने और दिल्ली के बाहर से आई महिलाओं को विभिन्न इलाकों में काम बताने के लिए महिला मोर्चा की सभी प्रदेश पदाधिकारियों और जिलों की अध्यक्ष और महामंत्रियों को बुलाया गया था। लेकिन एक भी जिले की महिला मोर्चा अध्यक्ष या महामंत्री इस बैठक में नहीं पहुंची। स्टेज से लेकर नीचे तक महिला मोर्चा की केवल 10 पदाधिकारी और कार्यकर्ता ही उपस्थित हो पाईं।
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के यहां हाजिरी
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने महिला मोर्चा की अध्यक्ष योगिता सिंह को कालकाजी और उपाध्यक्ष डॉ मोनिका पंत को आनंद विहार से टिकट दिया है। बताया जा रहा है कि जो महिला मोर्चा पदाधिकारी थोड़ी सक्रिय रह गई हैं, वह दन दोनों महिला नेताओं के यहां जाकर अपनी हाजिरी भरवा रही हैं। जिसकी वजह से यह महिला मोर्चा पदाधिकारी प्रदेश कार्यालय की ओर से की जा रही गतिविधियों में कोई हिस्सेदारी नहीं कर रहीं हैं।
विवादितों को टिकट पर नाराजगी
बताया जा रहा है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में कुछ विवादित महिला नेताओं को विशेष तौर पर सामान्य सीटों पर टिकट दिये जाने को लेकर भी महिला मोर्चा की पदाधिकारियों में खासी नाराजगी है। ऐसी महिला नेताओं में आर.के. पुरम सामान्य सीट से निगम चुनाव लड़ रही तुलसी जोशी और आनंद विहार से चुनाव लड़ रही मोनिका पंत के नाम प्रमुखता से लिये जा रहे हैं। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि एक ओर पार्टी ने सामान्य सीटों से भी इन विवादित महिलाओं को चुनाव में उतारा है और दूसरी ओर जो सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं उन पर पार्टी के दूसरे पदाधिकारियों की पत्नियों या रिश्तेदारों को टिकट दे दिया है। महिला मोर्चा की कई पदाधिकारियों का कहना है कि जब पार्टी के कार्यक्रम होते हैं तो भीड़ जुटाने के लिए उन्हें कहा जाता है और जब टिकट देने की बात आती है तो दूसरे पदाधिकारियों की पत्नियों को टिकट दे दिया जाता है। बता दें कि टिकट बंटवारे से पहले कुछ महिलाओं के बारे में सोशल मीडिया पर पार्टी के कुछ लोगों के द्वारा कई “बेनाम पत्र” जारी किये गए थे।